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सीएचसी अलीनगर की गुणवत्ता को टीम ने परखा, होगा कायाकल्प

अलीनगर में राज्य स्वास्थ्य समिति की टीम ने सीएचसी की स्वच्छता और गुणवत्ता की समीक्षा की। डॉक्टरों ने अस्पताल की साफ-सफाई, शौचालय और दवा भंडार की स्थिति की जांच की। साथ ही, कर्मचारियों के प्रशिक्षण की...

Newswrap हिन्दुस्तान, दरभंगाTue, 22 Oct 2024 01:25 AM
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अलीनगर। राज्य स्वास्थ्य समिति पटना द्वारा गठित टीम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजेता सिंह व दीपक कुमार ने सीएचसी अलीनगर में स्वच्छता एवं रखरखाव सहित विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से समीक्षा की। इस दौरान टीम ने प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. विमलेश प्रकाश की सराहना करते हुए कुछ बिंदुओं पर गुणवत्ता में विस्तार करने की सलाह दी। सोमवार को दोपहर बाद पूर्व से निर्धारित सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र के कायाकल्प कार्यक्रम के तहत अस्पताल की गुणवत्ता की जांच करने पहुंची टीम सबसे पहले परिसर के विभिन्न भागों की साफ-सफाई, शौचालय, पानी बहाव और कचड़ा प्रबंधन की बारीकी से जायजा लिया। इसी क्रम में मुख्य द्वार के बाहर चहारदीवारी से सटे सड़क किनारे अतिक्रमित कर चलायी जा रही चाय की दुकान को खाली कराने का निर्देश चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजेता सिंह ने अस्पताल प्रभारी को दिया। वहीं परिसर में लगे बागवानी को देखकर काफी प्रसन्नता व्यक्त किया। जबकि अग्निशमन सिलेंडर का खाली पड़ा देख अविलंब ही गैस भड़ाकर रखने का सुझाव दिया। दवा भंडार कक्ष में लगे मकड़ी जाल एवं फ्रीज पर पड़े धूल की सफाई करने को कहा।

इधर, अस्पताल कक्ष के इमरजेंसी वार्ड में इलाजरत चार महिलाओं से दवा, डॉक्टर, नर्स, साफ-सफाई सहित अन्य मामलों में बारीकी से पूछताछ की। इसी क्रम में रोगियों के देखरेख में लगे एएनएम वृंदा कुमारी से जब ऑक्सीजन चलाने को कहा तो काफी प्रयास के बाद भी वह नहीं चला सकी और ना ही अलग-अलग दिनों में किस-किस रंग की बेड शीट बिछाई जाती है इसकी ही सही से जानकारी दे सकी। जिसपर प्रभारी श्री प्रकाश से कर्मियों को नियमित तौर पर प्रशिक्षण देने की जरूरत बतायी। प्रथम तल पर मौजूद प्रसव कक्ष की व्यवस्था और भर्ती प्रसूताओं की संतुष्टि पर प्रसन्नता व्यक्त की। वहीं प्रसव कक्ष में मौजूद ममता कर्मी से पूछताछ के बाद इसे भी प्रशिक्षण देने की आवश्यकता बतायी। इन दिनों डेंगू का बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इमरजेंसी वार्ड के दरवाजे पर अलग से एक जालीदार किवार भी लगाने की आवश्यकता बताया। इसी क्रम में एक आशा फेसिलेटर के हाथ में बढ़ी नाखून पर क्लास भी लगाया। कहा कि कभी स्वास्थ्य कर्मियों के हाथों की नाखून बढ़ा हुआ नहीं होना चाहिए। करीब तीन घंटों तक चली गुणवत्ता समीक्षा के बाद डॉ. सिन्हा ने बताया कि शत प्रतिशत अंक परिणाम बाद में पता चलेगी। कुल मिलाकर अभी तक जांच किए गए अस्पतालों में सबसे बेहतर देखा गया है। उसमें भी टीम लीडर के तौर पर प्रभारी की कार्यशैली बेहतर देखी गई। मौके पर स्वास्थ्य प्रबंधक कौशल किशोर, डॉ. राधेश्याम, भरत चौधरी, आर्यन और डॉ. मताउद्दीन के अलावा अभिषेक कुमार, विकास कुमार, मनीष कुमार, तपन भद्र, चंदन कुमार, एएनएम रीना, अनिता, प्रतिभा और निभा कुमारी सहित सभी कर्मी मौजूद थे।

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