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पूर्वा नक्षत्र में बारिश ने दी दस्तक, किसानों में खुशी

इस वर्ष बारिश किसानों को बहुत रुला रही है। धान की फसल को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाया है। सरकार द्वारा घोषित डीजल अनुदान की पहली किस्त भी नहीं मिली है। 30 प्रतिशत किसानों ने धान की फसल नहीं लगाई है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, दरभंगाSun, 1 Sep 2024 07:03 PM
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दरभंगा/जाले, हिटी। इस वर्ष बारिश किसानों को बहुत रुला रही है। आद्र्रा नक्षत्र में भी अच्छी बारिश नहीं हुई, फिर भी किसानों ने किसी तरह धान की रोपनी कर ली। मघा नक्षत्र तक किसान पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसते रहे। नलकूपों से पानी दे-देकर किसान धान के पौधों में जान डालते रहे। 31 अगस्त की रात पूर्वा नक्षत्र के प्रवेश और पुरवा हवा से किसानों में बारिश होने की उम्मीद जगी। रविवार की सुबह आसमान में काले बादल देख किसान प्रफुल्लित हो उठे। कुछ ही देर बाद बारिश हुई, इससे किसानों में खुशी की लहर देखी जा रही है। हालांकि अभी भी किसानों की उम्मीद लायक बारिश नहीं हुई है। बारिश के बाद अपने-अपने खेतों का जायजा लेने के लिए किसान खेत की ओर निकल पड़े। जाले प्रखंड के रतनपुर के किसान अर्जुन ठाकुर, नरेश ठाकुर, आश नारायण ठाकुर, सीताराम ठाकुर, वैद्यनाथ ठाकुर, अरविंद ठाकुर आदि ने बताया कि धान की फसल को जितने पानी की आवश्यकता है वह बारिश से प्राप्त नहीं हो रहा है। इसलिए इस बारिश के बाद भी अगर आगे बारिश नहीं हुई तो किसानों को पटवन का ही सहारा लेना पड़ सकता है।

जोगियारा के किसान भोला प्रसाद सिंह, गौड़ी शंकर सिंह, उमा शंकर सिंह, शगीरुल आदि कहते हैं कि रविवार की सुबह खेतों में पूर्वा नक्षत्र की पहली बौछार पड़ी है। ऐसी बारिश से धान की फसल को कुछ भी होने वाला नहीं है। किसानों को पूर्वा नक्षत्र से अच्छी बारिश की उम्मीद है। अगर पूर्वा से बारिश की उम्मीदें टूटी तो फिर धान की अच्छी पैदावार नहीं हो पाएगी। किसान भोला सिंह कहते हैं कि इस बार वे मौसम को देखते हुए केवल पटवन के सहारे ही धान की रोपनी और पौधों को सींचने का काम करते चले आ रहे हैं। बीच-बीच में हुई कुछ-कुछ बारिश का कोई खास फायदा किसानों को नहीं मिला।

डीजल अनुदान का पहला किस्त भी नहीं मिला

जोगियारा के किसान भोला सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से किसानों के लिए तीन किस्त डीजल अनुदान देने की घोषणा की गई थी। आवेदन देने के बावजूद अभी तक पहली किस्त का भुगतान नहीं किया जा सका है। ऐसे में किसानों की आर्थिक परेशानी और भी अधिक बढ़ गई है। इस वर्ष लगभग 30 प्रतिशत किसानों ने मौसम को देखते हुए आर्थिक कठिनाइयों के कारण धान की फैसल नहीं लगाई है। किसानों के बड़े समूह का मानना है कि जिन किसानों ने आर्थिक जोखिम उठाकर खेतों में धान की फसल लगायी है और अब तक बचाकर रखा है, उसमें अगर पूर्वा नक्षत्र की बारिश नहीं हुई तो धान की अच्छी पैदावार की उम्मीदें धूमिल हो जाएंगी।

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