जलवायु अनुकूल खेती परियोजना से उठा रहे लाभ
जाले प्रखंड के किसान जलवायु अनुकूल खेती परियोजना से लाभ उठा रहे हैं। बिहार सरकार के अधिकारियों ने जाले कृषि विज्ञान केन्द्र में विभिन्न फसल क्षेत्रों का अवलोकन किया। उन्होंने किसानों के साथ बातचीत की...
जाले। जाले प्रखंड के किसान जलवायु अनुकूल खेती परियोजना से लाभ उठा रहे हैं। बिहार सरकार भूमि संरक्षण की सहायक निदेशक (कृषि अभियंत्रण) कुमारी चंचला प्रिया और आईसीएआर, पटना के रिसर्च एसोसिएट डॉ. सुदीप सरकार ने शुक्रवार को जाले कृषि विज्ञान केन्द्र पहुंचकर जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम परियोजनाओं का अवलोकन किया। दोनों अधिकारियों ने कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष सह वरीय कृषि वैज्ञानिक डॉ. दिव्यांशु शेखर के साथ केवीके के संरक्षण में जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम परियोजना के तहत संचालित सिंहवाड़ा के सनहपुर और जाले के राढ़ी, जाले, ब्रह्मपुर और रतनपुर में विभिन्न फसल क्षेत्रों को देखा। उक्त अधिकारियों ने जीरो टिलेज से धान की सीधी बुआई, अरहर का प्रत्यक्षण एवं सामुदायिक सिंचाई आदि फसल परिक्षेत्र भ्रमण कर किसानों से भी बात की। सहायक निदेशक व आईसीएआर के रिसर्च एसोसिएट ने जलवायु अनुकूल खेती परियोजना से लाभ उठा रहे उक्त गांवों के प्रगतिशील किसानों के कार्यों की सराहना की। सहायक निदेशक व आईसीएआर के रिसर्च एसोसिएट ने इसके अलावा कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि फार्म में जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम परियोजना के तहत लगे विभिन्न प्रकार के प्रत्यक्षण जैसे धान की सीधी बुआई, धान की प्राकृतिक खेती, धान की प्लांटर से रोपाई, पुरानी विधि से रोपाई एवं धान की प्राकृतिक खेती के विभिन्न प्रत्यक्षण का भी भ्रमण किया। सहायक निदेशक व आईसीएआर के रिसर्च एसोसिएट के साथ कृषि विज्ञान केन्द्र के सभी वैज्ञानिक, एग्रीकल्चर इंजीनियर निधि कुमारी, फार्म मैनेजर डॉ. चंदन कुमार एवं वरीय शोधकर्ता तेज प्रताप सिंह भी थे। बता दें कि इस इलाके के कई किसान जाले कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से जलवायु अनुकूल खेती परियोजना के तहत खेती कर रहे हैं।
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