आधार में गड़बड़ी से 10 शिक्षकों को नहीं आया ओटीपी
दरभंगा। सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण स्नातक कोटि के 221 नियोजित शिक्षकों की काउंसिलिंग मंगलवार को एमएल एकेडमी में हुई। कुल आवंटित 250 अभ्यर्थियों में से 221 की काउंसिलिंग हुई जबकि 19 अभ्यर्थियों की...
दरभंगा। सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण स्नातक कोटि के 221 नियोजित शिक्षकों की काउंसिलिंग मंगलवार को एमएल एकेडमी में हुई। कुल आवंटित 250 अभ्यर्थियों में से 221 की काउंसिलिंग हुई जबकि 19 अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग विभिन्न कारणों से नहीं हो सकी। इसमें 10 अभ्यर्थियों का मामला उनके आधार कार्ड से जुड़ा रहा। काउंसिलिंग में नोडल अधिकारी संदीप रंजन, तीन सदस्यीय टीम के सदस्य पीओ सह नगर बीईओ कृतिका वर्मा व शिक्षा विभाग के प्रधान लिपिक परवेज अहमद थे। इससे पूर्व सोमवार 250 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। दो शामिल नहीं हुए। कुल 248 अभ्यर्थी उपस्थित हुए। 236 अभ्यर्थियों ने पांच स्लॉट में पांच काउंटरों पर अभिलेख सत्यापन कराया। काउंसिलिंग केंद्र में मौजूद स्थापना डीपीओ व पीओ के पास काउंटर पर अधिकृत कर्मी बार-बार आ रहे थे। वे कह रहे थे कि अभ्यर्थियों ने परीक्षा फॉर्म ऑनलाइन भरते समय नियोजित शिक्षक से संबंधित नियुक्ति पत्र किसी और का डाल दिया था। वर्तमान में स्वयं का नियुक्ति पत्र उपलब्ध करा रहे हैं। कई अभ्यर्थियों के पास मूल नियुक्ति पत्र, दक्षता प्रमाणपत्र एवं अन्य संबंधित पत्र उपलब्ध नहीं है। मूल प्रमाणपत्र की स्व प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करा रहे हैं। ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भरते समय जो आधार कार्ड अभ्यर्थी द्वारा उपलब्ध कराया गया, वर्तमान आधार कार्ड से मैच नहीं कर रहा है। क्रमांक तीन पर मैट्रिक का मूल प्रमाणपत्र दिख रहा है, पर परंतु क्रमांक तीन में स्नातक का प्रमाणपत्र लगाया गया है। इस वजह से ऑनलाइन अभिलेख सत्यापन में परेशानी हो रही है। वहां मौजूद स्थापना डीपीओ ने कहा कि आधार कार्ड मैच नहीं होने पर शेष अभिलेख का सत्यापन नहीं किया जाना है। जिन शिक्षक अभ्यर्थियों द्वारा मूल प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, स्व अभिप्रमाणित प्रमाणपत्र के आधार पर अभिलेख सत्यापन करें, परंतु मूल प्रमाणपत्र अभ्यर्थी द्वारा क्यों नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है, इसकी अलग से सूची तैयार करें। कई शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना था कि नियोजन के समय मूल प्रमाणपत्र नियोजन इकाई में जमा लिया गया था, अब मूल प्रमाणपत्र के लिए भटक रहे हैं। कई शिक्षक अभ्यर्थियों ने कहा कि कॉलेज में नामांकन के समय मैट्रिक का मूल प्रमाणपत्र ले लिया गया था। उसे निकालने के लिए चक्कर लगा रहे हैं।
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