जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम परियोजनाओं से बदल रही खेती
जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम परियोजना से किसानों की दशा बदल रही है। डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की टीम ने विभिन्न गांवों में प्रगति का जायजा लिया। धान की सीधी बुआई और सामुदायिक...
जाले। तेजी से बदल रहे जलवायु के मद्देनजर सरकार की ओर से बनाई गई जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम परियोजनाओं से किसानों की दशा और दिशा बदलने की ओर क्षेत्र के किसान अग्रसर हैं। इस परियोजना से किसानों की खेती-किसानी में कितनी प्रगति हुई है, को ध्यान में रखकर कृषि विज्ञान केन्द्र की देखरेख में सनहपुर, राढ़ी, जाले, ब्रह्मपुर और रतनपुर में चल रही जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम परियोजना का डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के वैज्ञानिकों की टीम ने जायजा लिया और इससे संबंधित जानकारी कुछ किसानों से बातें कर जुटाई। टीम में डा. पुष्पा सिंह, डा. विश्वजीत प्रमाणिक, डा. सुरेंद्र प्रसाद और डा. गंगाधर नंदा शामिल थे। कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डा. दिव्यांशु शेखर के नेतृत्व में उक्त गांवों में जीरो टिलेज से धान की सीधी बुआई एवं सामुदायिक सिंचाई आदि प्रक्षेत्र में लगे विभिन्न खरीफ फसलों का कृषि वैज्ञानिकों की टीम ने भ्रमण किया और आंकड़े जुटाए। इन परियोजनाओं से लाभप्रद प्रगतिशील किसान ब्रह्मपुर के किसान डा. विजय भारद्वाज, रजत ठाकुर आदि किसानों के धान की सीधी बुआई वाले खेतों का जायजा लिया। किसानों की फसलों की बढ़वार देखकर वैज्ञानिकों की टीम ने उनकी मेहनत की सराहना की।
इसके बाद वैज्ञानिकों की टीम ने कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि फार्म में जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम परियोजना के तहत हुई धान की सीधी बुआई, धान की प्राकृतिक खेती, धान की प्लांटर से रोपाई, पुरानी विधि से रोपाई, धान की प्राकृतिक खेती के विभिन्न प्रत्यक्षण इकाईयों का भी भ्रमण कर जायजा लिया। इस मौके पर स्थानीय कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डा. प्रदीप कुमार विश्वकर्मा, फार्म मैनेजर डा. चंदन कुमार और वरीय शोधकर्ता लोकेंद्र शामिल थे।
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