…जब अचानक घर के दरवाजे पर चला आया मगरमच्छ, चीखने लगे लोग और फिर…
दरवाजे पर मगरमच्छ के आने से हड़कंप मच गया। घर वालों के चीखने चिल्लाने की आवाज सुन आस पास के लोग मौके पर इकट्ठा हो गए। आनन फानन में इसकी सूचना वाल्मीकि नगर स्थित वन कार्यालय को दी गई।
वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना वन प्रमंडल 2 के वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र से सटे वनवर्ती क्षेत्रों में इन दिनों वन्य जीवों की चहलकदमी बढ़ी है। जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। बताते चलें कि वन्य जीव, जलीय जीव सहित सरीसृप प्रजाति के जीव लगातार अपनी उपस्थिति किसी न किसी क्षेत्र में दर्ज करा रहे हैं। इसी क्रम में रविवार की अहले सुबह एक विशालकाय मगरमच्छ यहां स्थित एक घर के दरवाजे पर आ पहुंचा।
मगरमच्छ की लंबाई 10 फीट बताई जा रही है। यह मगरमच्छ मृत त्रिवेणी कैनाल से निकल कर बिसहा गांव निवासी सुरेश यादव के घर के दरवाजे पर जा पहुंचा। दरवाजे पर मगरमच्छ के आने से हड़कंप मच गया। घर वालों के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुन आसपास के लोग मौके पर इकट्ठा हो गए। आनन फानन में इसकी सूचना वाल्मीकि नगर स्थित वन कार्यालय को दी गई।
सूचना पर वन रक्षी ओम प्रकाश कुमार सिंह के नेतृत्व में वन कर्मियों की टीम घटना स्थल पर पहुंची। घंटों मशक्कत के बाद विशालकाय मगरमच्छ का सफल रेस्क्यू किया जा सका। इस बाबत जानकारी देते हुए वाल्मीकि नगर के रेंजर राज कुमार पासवान ने बताया कि मगरमच्छ का सफल रेस्क्यू कर गंडक नदी में उसे छोड़ दिया गया है।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वन्य जीव कभी-कभी भटक कर वन क्षेत्र से रिहायशी क्षेत्र की ओर आ जाते हैं। उन्होंने ग्रामीणों से अपील है कि वो सजग और सतर्क रहें। किसी वन जीव को देख उसके साथ छेड़छाड़ ना करें और तत्काल इसकी सूचना वन कार्यालय को दें।