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हाथ में झंडा और पटना पैदल चलते नेता, कांग्रेस का प्रदर्शन; सेबी प्रमुख के इस्तीफे और जेपीसी के गठन की मांग

पटना में कांग्रेस के नेता सड़कों पर उतरे थे। उनके हाथ में पार्टी के झंडे थे और वो पैदल मार्च करते नजर आए। कांग्रेस नेता मांग कर रहे थे कि सेल कंपनियों द्वारा अडानी ने देश में जो खरीद-बिक्री की है उसकी जांच होनी चाहिए।

Nishant Nandan लाइव हिन्दुस्तान, पटनाThu, 22 Aug 2024 02:27 PM
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बिहार की राजधानी पटना में कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी बुच के इस्तीफे और अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को यहां प्रदर्शन किया। बिहार कांग्रेस के नेताओं ने यहां मार्च निकाला है। इस मार्च की शुरुआत ऐतिहासिक गांधी मैदान के पास स्थित गांधी मूर्ति के पास से शुरू की गई। यह मार्च ईडी कार्यालय तक पहुंचा। इस मार्च नेतृत्व बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह कर रहे थे।

पटना में कांग्रेस के नेता सड़कों पर उतरे थे। उनके हाथ में पार्टी के झंडे थे और वो पैदल मार्च करते नजर आए। कांग्रेस नेता मांग कर रहे थे कि सेल कंपनियों द्वारा अडानी ने देश में जो खरीद-बिक्री की है उसकी जांच होनी चाहिए। बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा, 'SEBI जैसी रेगुलेटर बॉडी में पिछले दरवाजे से मौजूदा सीएमडी को लाया गया है। 

इससे अपने आप में प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है। यह बिल्कुल ही गलत है। हमारे नेता राहुल गांधी ने साल 2023 से लगातार सेल कंपनी का मुद्दा उठाते रहे हैं। इन सेल कंपनियों के माध्यम से अडानी ने भारत में रेल, सेल और एयरपोर्ट की जो खरीद भारत में की है उसकी जांच होनी चाहिए और सेबी के अध्यक्ष की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। उन्हें ना सिर्फ बर्खास्त किया जाना चाहिए बल्कि उनको सलाखों के पीछे भी जाना चाहिए।'

अखिलेश सिंह ने आगे कहा कि इसी सवाल को लेकर कांग्रेस पार्टी पूरे देश में प्रदर्शन कर रही है। हम इस मुद्दे को देश की जनता के सामने रखेंगे कि उनका करोड़ों पैसा डूब चुका है और वो पैसा उन्हें मिलना चाहिए। बिहार प्रदेश कांग्रेस पार्टी ईडी दफ्तर में अपना ज्ञापन देगी। 

यहां आपको बता दें कि अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल में अपनी एक रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि सेबी की प्रमुख बुच और उनके पति की अडाणी समूह से जुड़ी कथित अनियमितताओं में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट विदेशी फंड में हिस्सेदारी थी। हालांकि, सेबी प्रमुख बुच और उनके पति ने एक संयुक्त बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से बेबुनियाद बताया था।

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