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नीतीश कुमार-मंगल पांडे का दावा फेल? DMCH में डायलिसिस मरीजों को थमा रहे लिस्ट

डीएमसीएच की डायलिसिस यूनिट दूर- दूर से इलाज के लिए आने वाले गुर्दा रोग से पीड़ित मरीजों की लाइफ लाइन है। डायलिसिस के लिए आने वाले अधिकांश मरीज काफी गरीब होते हैं। डायलिसिस के लिए सामग्री की खरीदारी के कारण उनपर खर्च का अधिक बोझ पड़ रहा है।

Sudhir Kumar लाइव हिन्दुस्तानThu, 26 Sep 2024 12:48 PM
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बिहार के दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, डीएमसीएच के मेडिसिन आईसीसीयू स्थित डायलिसिस यूनिट में दवा और सामग्री समाप्त हो जाने से मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। मरीज के डायलिसिस के लिए परिजनों को दवा और सामग्री की लंबी सूची थमा दी जा रही है। बाजार से सामग्री खरीद कर लाने के बाद ही मरीजों की डायलिसिस हो रही है। डायलिसिस सामग्री की खरीदारी में परिजनों को काफी राशि खर्च करनी पड़ रही है।

डीएमसीएच की डायलिसिस यूनिट दूर- दूर से इलाज के लिए आने वाले गुर्दा रोग से पीड़ित मरीजों की लाइफ लाइन है। डायलिसिस के लिए आने वाले इस बड़े अस्पताल धिकांश मरीज काफी गरीब होते हैं। डायलिसिस के लिए सामग्री की खरीदारी के कारण उनपर खर्च का अधिक बोझ पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार सामग्री उपलब्ध कराने के लिए अस्पताल प्रशासन को कई दिनों पूर्व ही दवा और सामग्री की सूची भेजी जा चुकी है। सूत्रों के अनुसार यूनिट में फिलहाल केवल हैपिंग नाम की सामग्री ही उपलब्ध है। अन्य सभी सामग्रियां मरीजों के परिजनों को बाहर से खरीदना पड़ रहा है।इससे उन्हें बहुत कठिनाई होती है क्योंकि पैसे नहीं होने की वजह से ही गरीब मरीज यहां पहुंचते हैं।

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बिहार के दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, डीएमसीएच के मेडिसिन आईसीसीयू स्थित डायलिसिस यूनिट में दवा और सामग्री समाप्त हो जाने से मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। मरीज के डायलिसिस के लिए परिजनों को दवा और सामग्री की लंबी सूची थमा दी जा रही है। बाजार से सामग्री खरीद कर लाने के बाद ही मरीजों की डायलिसिस हो रही है। डायलिसिस सामग्री की खरीदारी में परिजनों को काफी राशि खर्च करनी पड़ रही है।

डीएमसीएच की डायलिसिस यूनिट  दूर- दूर से इलाज के लिए आने वाले गुर्दा रोग से पीड़ित मरीजों की लाइफ लाइन है। डायलिसिस के लिए आने वाले इस बड़े अस्पताल धिकांश मरीज काफी गरीब होते हैं। डायलिसिस के लिए सामग्री की खरीदारी के कारण उनपर खर्च का अधिक बोझ पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार सामग्री उपलब्ध कराने के लिए अस्पताल प्रशासन को कई दिनों पूर्व ही दवा और सामग्री की सूची भेजी जा चुकी है। सूत्रों के अनुसार यूनिट में फिलहाल केवल हैपिंग नाम की सामग्री ही उपलब्ध है। अन्य सभी सामग्रियां मरीजों के परिजनों को बाहर से खरीदना पड़ रहा है।इससे उन्हें बहुत कठिनाई होती है क्योंकि पैसे नहीं होने की वजह से ही गरीब मरीज यहां पहुंचते हैं। 

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मरीजों के परिजनों ने दवा और सामग्री की सूची दिखाते हुए बताया कि उन्हें बाजार से खरीद कर इन्हें लानी पड़ी। मधुबनी के ललित कारक, जटमलपुर की आशा देवी, मधुबनी के चतरा निवासी मो. रुस्तम आदि मरीजों के परिजनों ने बताया कि बाजार से दवा और सामग्री की खरीदारी में उन्हें लगभग 2500 रुपए खर्च करने पड़े। कई परिजनों ने बताया कि कर्ज लेकर वे अपने मरीज का इलाज करवा रहे हैं। 

इस मामले में डीएमसीएच उपाधीक्षक डॉ. हरेंद्र कुमार से बात की गयी तो उन्हंने बताया कि सामग्री समाप्त होने की जानकारी उन्हें नहीं दी गई है। तहकीकात कर सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में कार्रवाई की जाएगी।

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