सरकार के पास होने चाहिए आंकड़े, अब जातीय जनगणना के समर्थन में आए चिराग पासवान
जाति जनगणना के मामले पर चिराग पासवान के साफ कर दिया है कि पार्टी इसके पक्ष में है। जिसकी वजह बताते हुए कहा कि कई बार राज्य सरकार और केंद्र सरकार ऐसी योजनाएं बनाती हैं जो जाति को ध्यान में रखकर तैयार की जाती हैं। ऐसे सरकार के पास ऐसी जातियों के आंकड़े होने चाहिए।
केंद्रीय मंत्री और लोजपा (आर ) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने जातीय जनगणना पर अपनी स्थिति साफ करते हुए कहा कि उनकी पार्टी जातीय जनगणना के पक्ष में है। और इसका समर्थन करती है। चिराग ने सपोर्ट की वजह बताते हुए कहा कि मेरी पार्टी ने हमेशा अपना रुख साफ रखा है। कि वह जातीय जनगणना के पक्ष में है। हम चाहते हैं कि जाति जनगणना हो। इसका कारण यह है कि कई बार राज्य सरकार और केंद्र सरकार कई ऐसी योजनाएं बनाती है। जो जाति को ध्यान में रखकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने की सोच रखती है, ऐसे में सरकार के पास कम से कम उस जाति की जनसंख्या की जानकारी तो होनी ही चाहिए, उस योजना के संबंध में या उस जाति को मुख्यधारा से जोड़ने के संबंध में राशि आवंटित की जा सकती है, ये आंकड़े कम से कम सरकार के पास होने चाहिए।
आपको बता दें इससे पहले लेटरल एंट्री के मामले पर चिराग पासवान ने विरोध जताया था। चिराग इंडिया अलायंस की पार्टियों कांग्रेस और सपा की जातीय जनगणना की मांग के साथ खड़े दिख रहे हैं। क्योंकि राहुल गांधी और अखिलेश यादव लगातार लोकसभा में पूरे देश में जातीय जनगणना की मांग उठाते आए हैं। जिसको अब चिराग पासवान की लोजपा (आर) का भी समर्थन मिल रहा है।
इससे पहले भी चिराग पासवान कह चुके हैं। कि जाति आधारित जनगणना अगली जनगणना का हिस्सा होना चाहिए। क्योंकि समुदाय आधारित विकास योजनाओं के लिए पर्याप्त धन आवंटन के लिए जरूरी आंकड़ों की आवश्यकता होती है। अदालतें भी कई बार विभिन्न जातियों की जनसंख्या के आंकड़े मांगती हैं। जातीय जनगणना के आंकड़े सरकार के पास ही रखे जाने चाहिए और सार्वजनिक नहीं किए जाने चाहिए। इससे समाज में विभाजन ही पैदा होता है।
आज रांची में लोजपा (आर) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चिराग पासवान को एक बार फिर से पार्टी अध्यक्ष चुना गया है। जिसमें पार्टी के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए थे। चिराग की पार्टी ने झारखंड में 28 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा ठोंका है।