मेरी सोच पापा से अलग, चिराग ने फिर छेड़ा बिहार वाला राग; नीतीश को RJD-कांग्रेस ने किया सावधान
चिराग पासवान ने कहा है कि अपने पिता रामविलास पासवान के विपरीत बिहार में रहकर बिहार के लिए राजनीती करना चाहते हैं। उनके बयान पर सियासत सुलग गई है।

लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नरेंद्र मोदी सरकार में खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान ने फिर कहा है कि वे बिहार में रहना चाहते हैं और बिहार के राजनीति करना चाहते हैं। चिराग पासवान के इस बयान पर राज्य की सियासत सुलग गई है। बीजेपी और जदयू ने जहां चिराग के इस फैसले से एनडीए के मजबूत होने का दावा किया है वहीं लालू यादव की पार्टी राजद और कांग्रेस ने नीतीश कुमार को बीजेपी से सावधान किया है।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि मैंने बिहार के लिए ही राजनीति में आया। 2013 में मुझे पार्टी में शामिल किया गया तभी कह दिया था कि मुझे बिहार के लिए काम करना है। कहा कि मेरे पिता रामविलास पासवान केंद्र की राजनीति में रुचि रखते थे। इसके उलट मुझे बिहार में रहना है। चिराग पासवान ने कहा कि दिल्ली और मुंबई में काम करते हुए देखा है कि बिहार के लोग बाहर दूसरे राज्यों में किन हालातों में रहकर काम करते हैं। बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट मेरा लक्ष्य है। यह केंद्र में रहकर पूरा नहीं होना।
चिराग पासवान के इस बयान पर राजनीति तेज हो गयी है। एनडीए के घटक दल बीजेपी और जदयू ने कहा कि चिराग पासवान के बिहार में रहने से हमारा गठबंधन मजबूत होगा। बीजेपी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि चिराग पासवान युवा हैं और उनकी भूमिका गठबंधन के लिए काफी सकारात्मक है जिसका लाभ 2025 के चुनाव में मिलेगा। उनका बिहार में रहना एनडीए के लिए वरदान साबित होगा।
वहीं जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि चिराग पासवान बिहार में रहना और चुनाव लड़ना चाहते हें तो एनडीए और भी मजबूत होगा। उन्होंने खुद संकल्प भी लिया है कि 2025 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़कर उन्हें मुख्यमंत्री बनाना है। तो 2025 फिर से नीतीश।
इधर राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि बीजेपी की पहले से सोच रही है कि जदयू और नीतीश कुमार को राजनैतिक रूप से हाशिए पर पहुचा देना है। उनकी राजनीति को समाप्त करने की सोच के तहत बीजेपी ने चिराग पासवान का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
कांग्रेस प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने कहा है कि यह एनडीए का प्रायोजित कार्यक्रम है। 2020 के तर्ज पर बीजेपी चिराग पासवान को हनुमान बनाना चाहती है और नीतीश कुमार की लंका को ढाहने के काम में लग गई है।