Chhath Puja 2024: सूर्य नगरी देव में लाखों छठ व्रतियों ने किया खरना, 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू
औरंगाबाद के देव में बुधवार को लाखों की संख्या में छठ व्रतियों ने खरना करके अपने 36 घंटे के निर्जला उपवास को शुरू किया। देव में हर साल छठ पूजा के दौरान भारी भीड़ उमड़ती है।
बिहार के औरंगाबाद जिले में स्थित सूर्य की नगरी देव में बुधवार को खरना के साथ 36 घंटे के निर्जला उपवास की शुरुआत हो गई। जिले भर में छठ व्रतियों ने शाम में खरना किया। दूसरी ओर देव में लाखों छठ व्रतियों ने शाम में प्रसाद बनाने के बाद पूजा अर्चना कर उसे ग्रहण किया। 36 घंटे के निर्जला उपवास का समापन शुक्रवार सुबह होगा। गुरुवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा वहीं शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पर्व का समापन होगा। देव में सूर्य कुंड घाट पर बुधवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही।
सूर्यकुंड पर हजारों लोग पहुंचे। व्रतियों ने शाम में प्रसाद ग्रहण किया गया। देव में श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है। यहां साफ-सफाई का कार्य पूरे दिन जारी रहा। इसके अलावा फूलों से मंदिर को सजाया गया है। श्रद्धालुओं की सहायता के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। यहां सूर्य मंदिर में आकर्षक लाइटिंग भी की गई है। शाम होते ही यहां लाइट जलने लगी जिससे अलग ही माहौल बना। छठ गीतों के बीच देव में भक्तिमय माहौल बना हुआ है। स्थानीय लोगों ने बताया कि खरना में शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है। मिट्टी के चूल्हे पर खरना का प्रसाद बनता है और फिर उसे व्रती ग्रहण करते हैं।
मन्नत पूरी होने पर देव में छठ पूजा करने आते हैं श्रद्धालु
सूर्य नगरी देव में छठ पूजा का इतिहास पुराना है। विभिन्न तरह की मनौती लेकर श्रद्धालु यहां पहुंचे हुए हैं। किसी को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है तो वह छठ करने पहुंचा है। तो कोई घर में इकलौते बच्चे के जन्म होने पर यहां पहुंचा हुआ है। दिवाकर नगर के समीप रोहतास की शांति देवी अपने पूरे परिवार के साथ ठहरी हुई हैं। महिला ने बताया कि उनके घर में एक मात्र बच्चे का जन्म हुआ है। उनके परिवार की यह मनौती थी और इसी वजह से वे लोक सपरिवार यहां आए हैं। बच्चे का मुंडन कराया जाएगा।Jayesh
थोड़ी दूरी पर बृजदेव प्रसाद परिवार के साथ ठहरे हुए हैं। वह डेहरी के रहने वाले हैं और ट्रैक्टर से पूरे परिवार को लेकर यहां आए हैं। उन्होंने बताया कि उनके घर में प्रत्येक वर्ष छठ पूजा होती है। वह पूर्व में भी परिवार के साथ यहां छठ पूजा करने आ चुके हैं। इस बार भी सभी लोगों की इच्छा थी कि देव से ही छठ हो जिस वजह से यहां आए हैं।