प्रमुख के चुनाव में एक वोट पर मांगा मार्गदर्शन
नोट- इसे पेज पांच के लिए छोड़े गये इनसेट में प्रमुखता के साथ लगायें। कानूनी प्रक्रिया से जुडी खबर है। धिकारी को लिखा पत्र तेज नारायण सिंह ने भी जिला पदाधिकारी को दिया आवेदन छपरा, नगर प्रतिनिधि।...
कार्यपालक पदाधिकारी सह बीडीओ ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी को लिखा पत्र तेज नारायण सिंह ने भी जिला पदाधिकारी को दिया आवेदन छपरा, नगर प्रतिनिधि। रिविलगंज प्रखंड प्रमुख पद के विश्वास व अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दिन एक मत की वैधता को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी सह कार्यपालक पदाधिकारी ने जिला पंचायत राज पदाधिकारी से मार्गदर्शन मांगा है। जिला पंचायत राज पदाधिकारी को भेजे पत्र में बीडीओ ने कहा है कि विश्वास-अविश्वास पर चर्चा के लिये 10 सितंबर को प्रखंड पंचायत समिति रिविलगंज की विशेष बैठक उच्च न्यायालय के आदेश पर बुलाई गई थी। उच्च न्यायालय में दायर वाद के आलोक में प्रखंड प्रमुख पद के लिए निर्धारित तिथि पर बैठक संपादित हुई। अनुलग्नक में इस बात का उल्लेख किया गया है कि सभी सदस्यों के मतदान के बाद वीडियोग्राफी के साथ मतगणना की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। हटाए जाने के पक्ष में पांच और नहीं हटाए जाने के विपक्ष पक्ष में पांच मत प्राप्त हुए। एक मत पर अतिरिक्त निशान पाए जाने के कारण आपत्ति की गयी। इसे लेकर दोनों पक्ष के स्तर पर अपना-अपना पक्ष रखा गया। वहीं तेज नारायण सिंह ने जिला पदाधिकारी को दिए आवेदन में दावा किया है कि पंचायत समिति रिविलगंज की विशेष बैठक में मतदान के बाद मतगणना में संबंधित कार्यपालक पदाधिकारी रिविलगंज द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में हुए एक स्पष्ट मत को पक्षपात पूर्व ढंग से गलत व अवैध घोषित किये जाने की अनुशंसा की गई है। उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग बिहार द्वारा आयुक्त एवं जिला पदाधिकारी को भेजे गये पत्र के पृष्ठ संख्या चार को संलग्न कर हवाला देते हुए कहा है कि अगर किसी मत पत्र में एक्स का निशान प्रत्याशी के नाम से सामने विहित स्तंभ में अंकित नहीं कर प्रत्याशी के नाम पर या उसके बगल में अंकित कर दिया गया है और जिससे स्पष्ट होता है कि मतदाता ने उसके पक्ष में मतदान किया है तो ऐसे मतों को अविधिमान्य नहीं मान कर विधिमान्य माना जायेगा। अगर एक्स के चिन्ह से यह निश्चत नहीं हो सके कि किस अभ्यर्थी को मत दिया गया है या एक्स का चिन्ह एक अधिक प्रत्याशी के नाम पर व उसके सामने लगाया गया अथवा एक्स का चिन्ह कही नहीं लगाया है तो ऐसे मत पत्रों को अविधिमान्य कर दिया जायेगा। तेजनारायण सिंह ने यह भी उल्लेख किया है कि मत पत्र को मोड़कर दिया गया। 11 मत पत्र पर पर्यवेक्षक का हस्ताक्षर भी नहीं कराया गया। वहीं बीडीओ ने अपने ऊपर लगे आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताते हुए कहा कि न्यायालय के आदेश पर मतदान की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई थी। मतदान व मतगणना में नियमों का पूरी तरह से पालन किया गया था। इधर 15 अक्टूबर को प्रखंड प्रमुख राहुल राज ने समिति सदस्यों की बैठक भी बुलाई है।
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