दरियापुर का पथरा जमींदारी बांध तीस फीट में टूटा
दरियापुर में मही नदी पर स्थित पथरा जमींदारी बांध शनिवार रात टूट गया, जिससे दहशत फैल गई। ग्रामीणों और जल संसाधन विभाग की टीम ने रातभर मेहनत करके बांध को फिर से बांध दिया। हालांकि, 30 एकड़ की फसल डूब...
रात का समय होने के कारण लोग काफी दहशत में रहे 20 - दरियापुर के मही नदी पर स्थित पथरा जमींदारी बांध को बांधती ग्रामीण व जल संसाधन विभाग की टीम पेज चार की लीड दरियापुर। प्रखंड के महीनदी पर स्थित पथरा जमींदारी बांध शनिवार की देर शाम करीब तीस फीट में टूट गया। इसके बाद वहां अफरातफरी मच गई। पहले थोड़ी ही दूरी में बांध टूटा थी लेकिन धीरे-धीरे उसका दायरा बढ़ने लगा व तीस फीट तक पहुंच गया। रात का समय होने के करण लोग काफी दहशत में हो गए। काफी दूरी तक बांध टूट जाने से लोगों को लगा कि अब बाढ़ तय है। आसपास के लोग बांध बांधने की बजाए अपने अपने घर का सामान बाहर निकालने लगे और ऊंचे स्थानों की ओर जाने लगे। इसी बीच स्थानीय सरपंच के पुत्र गजेंद्र कुमार को किसी ने सूचना दी। उन्होंने रात में ही स्थानीय जन प्रतिनिधियों,जल संसाधन विभाग के अधिकारियों व कुछ सामाजिक लोगों को सूचना दी। आधा से एक घंटे में विश्वंभरपुर, पूर्णाडीह,खानपुर,भगवानपुर,मनुपुर, भूसीतोला आदि गांवों के लोग सैकड़ों की संख्या में जुट गए। जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी पहुंच गए। जब तक तक पानी की गहराई करीब 15 फीट तक हो गई लेकिन ग्रामीणों ने हिम्मत नहीं हारी और बांध को बांधने का काम शुरू हुआ। रात्रि में जेनरेटर चलाया गया और बांस, पेड़ की डाल, कर्कट आदि की सहायता से बांध को बांध दिया गया। रात भर ग्रामीण व जल संसाधन विभाग के अधिकारी अड़े रहे और सुबह तक बांध को पूरी तरह से बांध दिया गया। तीस एकड़ की फसल डूबी बांध को पूरी तरह से बांध दिए जाने के बाद भी करीब तीस एकड़ में पथरा व विश्वंभरपुर गांव में लगी सब्जी,धान व मक्के की फसल डूब गई है। इससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। लोगों ने बताया कि फसल लहलहा रही थी। मक्के के भुट्टे में दाने पकड़ लिए थे। धान में फूल आ गया था और सब्जी से लोगों को हजारों रुपयेकी आमदनी हो रही थी। दर्जनों गांवों पर बाढ़ का टल गया खतरा स्थानीय लोगों ने बताया कि जितनी दूरी व गहराई में यह जमींदारी बांध टूटा था, ऐसा कभी किसी बांध को रात्रि के समय टूटे हुए नहीं देखा था। प्रशासन की टीम, जन प्रतिनिधियों के सहयोग व ग्रामीणों की मेहनत से बांध को बांधने में सफलता मिल गई नहीं तो पथरा सहित विश्वंभरपुर, लोहछा, पूर्णाडीह, बलि टोला, खानपुर, भगवानपुर, मनुपुर, भूसीटोला व गड़खा प्रखंड के पांच दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ जाते और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हो जाता। प्रशासन की टीम से मिली राहत करीब एक सप्ताह से विश्वंभरपुर व गड़खा प्रखड के श्रीरामपुर तक नदी बांध पर पानी का दबाव बना हुआ था। जल संसाधन विभाग की टीम के अलावा पंचायत सेवक व राजस्व कर्मचारी कैंप किए हुए थे। रात में ही मुख्य अभियंता संजय कुमार,अधीक्षण अभियंता दिनेश कुमार,कार्यपालक अभियंता संजय कुमार,अवर प्रमंडल पदाधिकारी कमलेश कुमार,कनीय अभियंता चंद्रशेखर कुमार,सुमितेश कुमार,संवेदक नवल सिंह आदि पहुंच गए और बांध बांध दिए जाने तक जमे रहे। लोगों ने बताया कि प्रशासन की टीम ने ग्रामीणों को भरपूर सहयोग दिया और जल्दी ही पहुंच गई अन्यथा बाढ़ तय थी। पंचायत प्रतिनिधियों ने दिखाई तत्परता टूटे बांध को बंधवाने में स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों ने काफी तत्परता दिखाई।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनोज पांडेय ने वरीय प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क कर मदद का अनुरोध किया।उन्होंने पीड़ितों की समस्या को लेकर तुरंत पहल करने का भी आग्रह किया। वहीं रात में ही जिला पार्षद करुणेश कुमार,पूर्व जिला पार्षद हरि बदन सिंह,मुखिया प्रतिनिधि अनिल पांडेय,सरपंच प्रतिनिधि लक्ष्मण शर्मा,पूर्व उप प्रमुख बिरजू सिंह,मैनेजर सिंह, डॉ रंजीत सिंह,सुरेंद्र पटेल,सुधीर शर्मा,मुनचुन सिंह आदि पंचायत प्रतिनिधि व समाजसेवी पहुंच गए। सभी ने ग्रामीणों का आभार प्रकट किया व उन्हें भरपूर सहयोग दिया। सरकारी स्तर पर डेढ़ सौ लोगों को मिला सूखा राशन छपरा, एक संवाददाता। सरकारी स्तर पर शहर के ब्रह्मपुर अजायबगंज वार्ड एक के डेढ़ सौ बाढ़ पीड़ितों के बीच सूखा राशन का वितरण किया गया। सदर सीओ कुमारी आंचल के निर्देश पर पहले राजस्व कर्मचारी के माध्यम से उक्त बाढ़ पीड़ितों की सूची तैयार की गई। उसके बाद वहां के वार्ड पार्षद की मौजूदगी में राजस्व कर्मचारी सूरज कुमार ने डेढ़ सौ बाढ़ पीड़ितों के बीच पांच क्विंटल चूड़ा, पचहत्तर किलो गुड़ ,60 पीस पॉलिथीन सीट का वितरण किया। सदर सीओ ने शनिवार को रावल टोला, निचला रोड का जायजा लिया। साधुलाल हाईस्कूल में शरण लिए बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। उत्तरी इलाकों के निचले इलाकों में फैल रहा बाढ़ का पानी 10 - गड़खा प्रखंड की मौजमपुर पंचायत के संठा गांव के एक घर में घुसा बाढ़ का पानी 11 - अवतार नगर थाने के समीप एन एच -19 पर अपने मवेशियों व परिजनों के साथ शरण लिए हुए मौजमपुर व बलुंआ गांव के बाढ़ पीड़ित 12- गड़खा प्रखंड के बसंत पंचपटिया मार्ग पर फैला बाढ़ का पानी 14 - मैनपुरी-पचपटिया 24 नंबर रेलवे अंडरपास में भरा बाढ़ का पानी डोरीगंज, एक संवाददाता। सदर व गड़खा प्रखंड के दक्षिणी इलाकों में बाढ़ का पानी कम हुआ तो उत्तरी भाग के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैलना शुरू हो रहा है। इससे सदर प्रखंड के जलालपुर पंचायत के कुछ हिस्सों में पानी धीरे-धीरे फैल रहा है। वहीं पंचपटिया देवरिया मार्ग, पंचपटिया बसंत मार्ग पर भी पानी चढ़ गया है। इससे पंचपटिया , देवरिया, मधुपुर,छोट झौंवा आदि गांवों का गड़खा जाने का रास्ता बंद हो जाने से आवागमन में परेशानी हो रही है। वहीं दक्षिणी भागों में फैला पानी कम हो रहा है। ग्रामीण सड़कों पर से पानी उतरना शुरू हो गया है लेकिन अभी भी दर्जनों वैसे घर हैं जिसमें अभी भी बाढ़ का पानी फैला हुआ है। फिर पानी निकलने के बाद भी घर गीला पड़ा हुआ है। इससे उन्हें अभी भी एन एच -19 पर आश्रय लेकर रहना पड़ रहा है। पानी निकलने के बाद तेज धूप के कारण सड़ रहे घास फूस व फसलों की बदबू आ रही है। इन सभी इलाकों में महामारी फैलने की आशंका भी बनी हुई है। धीरे-धीरे किसानों को मवेशियों के लिए चारे की समस्या सता रही है। बाढ़ पीड़ितों के मदद के लिए बढ़े लोगों के हाथ बाढ़ का पानी घरों में प्रवेश हो जाने कारण छपरा -पटना मुख्य सड़क के अवतार नगर थाने के समीप एन एच -19 पर आश्रय लिए बाढ़ पीड़ितों व मौजमपुर के बाढ़ पीड़ित परिवार बीच मौजमपुर निवासी शिक्षक स्व राघव सिंह के नाती व मकेर सोनहो लक्षी कैतुका निवासी साफ्टवेयर इंजीनियर बिट्टू कुमार सिंह ने 350 परिवारों के बीच चूड़ा व मीठा का वितरण किया। वहीं राघव सेवा संस्थान सिंगही के द्वारा राघव बाबा के मठिया पर लगभग दो हजार बाढ़ पीड़ितों के लिए खिचड़ी बनाकर के खिलाया गया। अध्यक्ष अखिलेंद्र कुमार गौड़, सचिव संजय कुमार यादव, निर्देशक राजेन्द्र प्रसाद राय, कोषाध्यक्ष अजय कुमार यादव, शोभनाथ यादव, शिवनाथ राय आदि ने बताया कि सरकार के द्वारा बाढ़ पीड़ितों को कोई सहायता नहीं होते देख संस्थान के सभी सदस्यों ने आपसी सहयोग से बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजनालय का आयोजन किया है। कोपा व मांझी के बीच मरहां में सोंधी नदी पार करने के लिए की गई नाव की व्यवस्था फोटो- 4 - कोपा व मांझी के मरहां नदी के बीच बने डायवर्जन के डूबने के बाद नाव से पार करते ग्रामीण जलालपुर, एक प्रतिनिधि। प्रखंड की कोपा व मांझी प्रखंड के मरहां गांव के बीच सोंधी नदी के डायवर्जन के बाढ़ के पानी में डूबने के बाद आवागमन के लिए प्रशासन ने दो नावों की व्यवस्था की है। इससे ग्रामीणों को आवागमन में सहूलियत हुई है। इससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। वहीं जगह जगह सोंधी नदी के बांध की मरम्मत कराई जा रही है। इसके बावजूद नदी के बांध पर बाढ़ के पानी का दबाव बना हुआ है। मालूम हो कि मरहां गांव के पास नदी पर बने डायवर्जन के पानी में डूबने के कारण कोपा से मांझी प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक गांव के लोगों का कोपा से संपर्क भंग हो गया था। इससे मरहां, रसीदपुर, नंदपुर, ढेलहारी, नटवर सेमरिया, गोपी नटवर, बीरबल नटवर, सबदरा सहित अन्य गांव के लोगों को कोपा आने जाने में परेशानी हो रही थी। कोपा क्षेत्र के दर्जन भर अधिक गांवों के लोगों को भी इसी रास्ते से मांझी प्रखंड के गांवों में आने जाने में समस्या उत्पन्न हो गई थी। जलालपुर सीओ अविनाश कुमार व मांझी के सीओ सौरभ अभिषेक लगातार सोंधी नदी के बांध पर नजर बनाए हुए हैं व क्षतिग्रस्त बांध को ठीक कराया जा रहा है। रविवार को भी दोनों अधिकारियों ने सोंधी नदी के बांध का जायजा लिया। दोनों अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल विशेष परेशानी नहीं है। आवागमन के लिए दो नावों की व्यवस्था कर दी गई है। उधर कांग्रेस नेता रामनारायण यादव ने नाव की संख्या बढ़ाए जाने की मांग की है।
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