भोजपुरी में हो नेट व जेआरएफ की व्यवस्था
सांस्कृतिक संस्था पचमेल के बैनर तले सम्मान समारोह सह कवि सम्मेलन आयोजित सिंह जय को किया गया सम्मानित फोटो- 10- शहर की सांस्कृतिक संस्था 'पचमेल' के बैनरतले कवि सम्मेलन सह सम्मान समारोह में डॉ...
सांस्कृतिक संस्था पचमेल के बैनर तले सम्मान समारोह सह कवि सम्मेलन आयोजित -बिहार विश्वविद्यालय के नवनिर्वाचित अभिषद् सदस्य डा. जयकांत सिंह जय को किया गया सम्मानित फोटो- 10- शहर की सांस्कृतिक संस्था 'पचमेल' के बैनरतले कवि सम्मेलन सह सम्मान समारोह में डॉ जयकांत सिंह जय को सम्मानित करते अतिथि छपरा । शहर की सांस्कृतिक संस्था 'पचमेल' के बैनरतले प्रभुनाथ नगर स्थिति शारदा प्ले स्कूल परिसर में कवि सम्मेलन सह सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। शहर के वयोवृद्ध साहित्यकार शंभू कमलाकर मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह में सारण, सीवान, गोपालगंज व मुजफ्फरपुर के कवियों ने अपने कविता पाठ से दर्शकों को झूमा डाला। कवि सम्मेलन का प्रारंभ सारण के चर्चित कवि सत्येन्द्र दूरदर्शी की सरस्वती वंदना व चुटीले व्यंग भरे सामाजिक व राजनीतिक भोजपुरी गीतों से हुआ। मुजफ्फरपुर से आये डा. ब्रजभूषण मिश्र, कवि और फिल्म गीतकार कुमार विरल, डा. जयकांत सिंह सहित दर्जनों साहित्यकारों और कवियों ने अपने सुमधुर गीतों और काव्यों से संध्या को यादगार बना दिया। इस दौरान बिहार अंबेडकर विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के नवनिर्वाचित अभिषद् सदस्य व भोजपुरी विभागाध्यक्ष डा. जयकांत सिंह जय को सम्मानित किया गया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि अपने घर में मिला सम्मान बहुत बड़ा सम्मान है। यह सम्मान मेरा नहीं बल्कि भोजपुरी भाषा और सारण की जनता का सम्मान है। अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा. ब्रजभूषण मिश्र ने कहा कि हम लोगों को यूजीसी में पत्र व्यवहार कर भोजपुरी भाषा के लिए नेट, जेआरएफ आदि की व्यवस्थाएं लागू कराने का प्रयास करना चाहिए। साहित्यकार शिवानुग्रह नारायण सिंह ने कहा कि बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के कुलपति व कुलसचिव भोजपुरी भाषी हैं। आशा है डा. जय उनसे सहयोग प्राप्त कर विश्वविद्यालय के अन्य कालेजों में भी भोजपुरी की पढ़ाई प्रारंभ कराने की पहल करेंगे। अपने अध्यक्षीय संबोधन में शंभू कमलाकर मिश्र ने कहा कि भोजपुरी भाषा के प्रयोग को लेकर कभी हीन भावना से ग्रसित नहीं रहना चाहिए। भोजपुरी को लेकर हम गौरव का अनुभव करें। राकेश कुमार विद्यार्थी की गीत का गउंवा के बात कहीं हम केतना सुंदर लागत बा पर श्रोता वाह-वाह कर उठे। काव्यपाठ करने वाले अन्य कवि, शायर और साहित्यकारों में निर्भय नीर, डा. अमरेन्द्र सिंह, डा. ओमप्रकाश राजापुरी, डॉ. पृथ्वीराज सिंह, उदय नारायण सिंह, कुमार चंदन, कुमार मोहित, कुमार मृणय, सकील अनवर, मोअज्जय, जुनैद मीर, सुरेश चौबे प्रकाश सिंह आदि शामिल थे। संचालन भंवर निगम और धन्यवाद ज्ञापन डा. अमरेन्द्र सिंह बुलेट ने किया। कवि सम्मेलन का संचालन वरीय साहित्यकार दक्ष निरंजन शंभू ने किया।
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