स्कूली छात्रों पर सोशल मीडिया का असर कितना? दुष्प्रभाव रोकने के लिए CBSE स्कूल बनाएंगे पॉलिसी
- नादर्न सहोदय के सचिव सतीश कुमार झा ने बताया कि सोशल मीडिया का स्कूली छात्रों के दिमाग पर बुरा असर पड़ रहा है। इससे सहोदय के स्कूलों में चिंता है। इसी चीज को दूर करने के लिए सम्मेलन में चर्चा होगी और नीति तैयार की जाएगी।
स्कूली छात्रों पर सोशल मीडिया के पड़ने वाले प्रभाव को रोकने के लिए सीबीएसई स्कूल नीति बनाएंगे। इसके लिए सीबीएसई स्कूलों के सहोदय संगठन का 30वां वार्षिक सम्मेलन छह और सात दिसंबर को कोलकाता में होगा। सम्मेलन में बिहार के सभी जिलों के स्कूल हिस्सा लेंगे। सीबीएसई इस बात का भी अध्ययन करेगा कि छात्र छात्राओं की पढ़ाई और उनकी जीवनशैली पर कितना और कैसा प्रभाव पड़ रहा है
नादर्न सहोदय के सचिव सतीश कुमार झा ने बताया कि सोशल मीडिया का स्कूली छात्रों के दिमाग पर बुरा असर पड़ रहा है। इससे सहोदय के स्कूलों में चिंता है। इसी चीज को दूर करने के लिए सम्मेलन में चर्चा होगी और नीति तैयार की जाएगी। इसके अलावा नई शिक्षा नीति में लागू किये गये प्रस्ताव स्कूलों में किस तरह से लागू हो, इसपर भी चर्चा की जाएगी। शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों पर भी इस वार्षिक सम्मेलन में चर्चा कर नीति बनाई जाएगी।
बहु भाषिक विधि से पढ़ाई लागू करने पर होगा फैसला
सतीश कुमार झा ने बताया सम्मेलन में सीबीएसई के स्कूलों में बहु भाषिक विधि से किस तरह से पढ़ाई छात्रों को कराई जाए इसपर भी चर्चा कर कुछ फैसले लिए जाएंगे। नई शिक्षा नीति में स्कूलों में क्षेत्रीय भाषाओं और बोलियों में छात्रों को पढ़ाने के लिए कहा गया है। सीबीएसई स्कूलों में किस तरह से इसे लागू किया जाएगा, इसका सम्मेलन में एक रोडमैप तैयार किया जाएगा। मुजफ्फरपुर के स्कूलों में बज्जिका भाषा को किस तरह से अपनाकर इसमें छात्रों को शिक्षक पढ़ाएं, इसपर सम्मेलन में चर्चा होगी।
शिक्षक अपने विचार पहले ही कर लेंगे तैयार
सम्मेलन में शामिल होने वाले शिक्षक वहां तय होनेवाली नीतियों के बारे में अपने विचार पहले से ही तैयार करके जाएंगे। अपने विचार वह सीबीएसई को पहले ही ईमेल कर भेज देंगे। यह विचार शिक्षक एक हजार शब्दों में देंगे।
तकनीक के इस्तेमाल पर भी तैयार होगी नीति
सीबीएसई के स्कूल पढ़ाई में तकनीक का इस्तेमाल किस तरह से करें, इसपर भी सम्मेलन में चर्चा होगी। सहोदय विद्यालयों के इस सम्मेलन में तय की गई थीम में तकनीक और डिजिटल प्लेटफार्म को कक्षा में कैसे इस्तेमाल किया जाए इसपर विशेष रूप से चर्चा की जाएगी। चर्चा के बाद तय किया जाएगा कि शिक्षकों को किस तरह से तकनीकी रूप से दक्ष बनाया जाए ताकि वह छात्रों को नई विधि से पढ़ा सकें।