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नहीं आते छात्र फिर भी बनती है हाजिरी, बिहार के डमी स्कूलों पर CBSE सख्त; मान्यता होगी रद्द

इसमें अलग-अलग जांच टीम बनाकर स्कूलों का औचक निरीक्षण कराने को कहा गया है। सचिव के नाम से जारी पत्र के अनुसार टीम में सीबीएसई के एक या दो अधिकारी और बोर्ड से मान्यता प्राप्त किसी एक स्कूल के प्राचार्य को शामिल करने को कहा है।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरMon, 16 Sep 2024 06:50 AM
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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने राज्य में चल रहे डमी स्कूलों पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए वह राज्य के सीबीएसई से संबद्धता प्राप्त सभी स्कूलों का औचक निरीक्षण कराएगा। इस क्रम वह विभिन्न स्कूलों के निरीक्षण के लिए अलग-अलग टीम बनाएगा, जो निर्धारित स्कूलों की जांच करेगी। इससे संबंधित एक नोटिस सीबीएसई ने अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को भेजा है। 

इसमें अलग-अलग जांच टीम बनाकर स्कूलों का औचक निरीक्षण कराने को कहा गया है। सचिव के नाम से जारी पत्र के अनुसार टीम में सीबीएसई के एक या दो अधिकारी और बोर्ड से मान्यता प्राप्त किसी एक स्कूल के प्राचार्य को शामिल करने को कहा है।

सीबीएसई ने इस निर्णय का कारण प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से बड़े पैमाने पर डमी स्कूल चलाने की शिकायते मिलना बताया है। टीम को सभी संबद्ध स्कूलों का कुछ बिंदुओं पर भौतिक निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है। इसमें स्कूल में नामांकित बच्चों की संख्या, शिक्षकों की संख्या और उनकी योग्यता और आधारभूत संरचना के बारे में जानकारी एकत्रित करने को कहा गया है। 

टीम की जांच रिपोर्ट में किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित स्कूल की संबद्धता रद्द करने तक की कार्रवाई की चेतावनी बोर्ड ने दी है। बोर्ड ने नोटिस में लिखा है कि हाल के दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसे डमी स्कूलों के संचालन की जानकारी मिली थी।

उनकी जांच कराई गई और अनियमितता पाए जाने पर उनकी संबद्धता भी रद्द की गई है। बोर्ड का मानना है कि डमी स्कूल छात्रों का प्रवेश ले लेते हैं, लेकिन उपस्थिति अनिवार्य नहीं होती है। स्कूल छात्रों की फर्जी उपस्थिति दर्शा देते हैं। लेकिन जांच के दौरान भौतिक रूप से उपस्थित विद्यार्थियों और नामांकित बच्चों की संख्या में 50 प्रतिशत से भी अधिक का अंतर पाया जाता है। इसके अलावा कई स्कूलों की आधारभूत संचरना के बारे में दी गई सूचना भी गलत निकलती है। यह शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित करने के साथ विद्यार्थियों की सुरक्षा से भी खिलवाड़ है।

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