सीबीआई को हाईकोर्ट से झटका तो इन महिला शिक्षकों की खुली किस्मत; खबर को समझिए
बिहार के कई जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितता को लेकर सीबीआई की दलील हाईकोर्ट में खारिज हो गई। सीबीआई की रिपोर्ट पर कार्रवाई की जद में आई महिला शिक्षकों को इससे राहत मिली है। मामला ट्रेनिंग कॉलेजों में नियुक्त महिला सहायक शिक्षकों का है।
मुजफ्फरपुर समेत बिहार के कई जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितता को लेकर सीबीआई की दलील हाईकोर्ट में खारिज हो गई। सीबीआई की रिपोर्ट पर कार्रवाई की जद में आई महिला शिक्षकों को इससे राहत मिली है। मामला ट्रेनिंग कॉलेजों में नियुक्त महिला सहायक शिक्षकों का है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन शिक्षकों के वेतन और पेंशन पर लगी रोक को विभाग ने हटा लिया है। सूबे में सवा सौ से अधिक महिला शिक्षकों की नियुक्ति ट्रेनिंग कॉलेज और अभ्यास शाला में हुई थी। इसमें बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का मामला सामने आने पर सीबीआई को जांच का जिम्मा मिला था।
वर्ष 1980 से 98 के बीच हुई इस नियुक्ति के मामले में अलग-अलग वर्षों में फर्जीवाड़े की रिपोर्ट सौंपी गई। वर्ष 2017 से 22 के बीच सीबीआई की जांच रिपोर्ट के आधार पर बड़ी संख्या में शिक्षकों पर कार्रवाई हुई। इनमें कई शिक्षिकाओं की मौत हो चुकी थी तो कई सेवानिवृत्त हो चुकी थीं। यही नहीं, बर्खास्तगी के समय कई शिक्षिकाओं की दो से तीन साल ही नौकरी बची थी। कार्रवाई के बाद जिन महिला शिक्षकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, उन्हें अब राहत मिली है। हाईकोर्ट ने बीते पांच दिसंबर को इन शिक्षिकाओं पर लगे दंड को खारिज कर दिया। कोर्ट के आदेश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगेन्द्र सिंह ने इन शिक्षिकाओं का वेतन व पेंशन जारी करने का निर्देश जारी किया है। यह मुजफ्फरपुर के रामबाग और चंदवारा ट्रेनिंग कॉलेज समेत कई जिलों का मामला है।
शिक्षकों ने खटखटाया था हाईकोर्ट का दरवाजा
चंदवारा ट्रेनिंग कॉलेज की अभ्यास शाला की सहायक शिक्षिका रंजना शर्मा की नियुक्ति निम्न अवर शिक्षा सेवा (महिला शाखा-शिक्षण संवर्ग) के अंतर्गत सहायक शिक्षिका के पद पर हुई थी। इस नियुक्ति की जांच सीबीआई ने की। सीबीआई की जांच रिपोर्ट में रंजना की नियुक्ति में अनियमितता दर्शायी गई। इसके आलोक में क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, तिरहुत प्रमंडल ने 18 जनवरी 2022 को रंजना शर्मा को सेवा से बर्खास्त किए जाने का आदेश दिया। इसके विरुद्ध शिक्षिका ने तत्कालीन निदेशक, माध्यमिक शिक्षा के समक्ष अपील की। इसमें भी दंड आदेश जारी रखा गया। इसके बाद मामला हाईकोर्ट में गया। कोर्ट ने रंजना शर्मा की बर्खास्तगी की तिथि से सेवानिवृत्ति की तिथि तक का वेतनादी एवं नियमानुसार सेवांत लाभ के भुगतान का आदेश दिया है।
इस मामले में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने निर्देश दिया है कि पेंशन एवं अन्य सेवांत लाभ के भुगतान को लेकर शिक्षिका डीईओ को आवेदन देंगी। इसी तरह, चैपमैन की वरीय व्याख्याता सरोज कुमारी पर सीबीआई जांच रिपोर्ट के आधार पर 2017 में कार्यवाही शुरू की गई और 22 में इनकी शत प्रतिशत पेंशन पर सदा के लिए रोक का दंड आदेश दिया गया। अब कोर्ट के आदेश पर पेंशन बहाली का आदेश दिया गया है। सरोज कुमारी केी पेंशन का आदेश निदेशक प्रशासन सुबोध कुमार चौधरी ने दिया है। रामबाग की भी सहायक शिक्षिका का पेंशन बहाल किया गया है।