संदेश से राजद RJD किरण देवी और पति अरुण यादव पर होगा केस, ED ने SVU से की सिफारिश; क्या है वजह
ईडी ने अरुण यादव और किरण देवी के आरा के अगियांव और पटना स्थित ठिकानों पर इसी वर्ष 27 फरवरी को छापेमारी की थी। इस मामले की जांच में उनके खिलाफ 40 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति का पता चला था।
भोजपुर जिले के संदेश के पूर्व विधायक अरुण यादव और उनकी पत्नी विधायक किरण देवी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए), पद का दुरुपयोग समेत अन्य आपराधिक गतिविधि से संबंधित मामले में एफआईआर दर्ज होगी। यह एफआईआर राज्य की विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) में दर्ज होगी। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने पूर्व विधायक और संदेश की वर्तमान विधायक के खिलाफ काली कमाई के बदौलत जमा की गई करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति से संबंधित केस दर्ज करने की अनुशंसा एसवीयू और डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) से की है। मुकदमा दर्ज होने के बाद इस मामले की जांच ईडी के स्तर पर तेजी से शुरू हो जाएगी।
गौरतलब है कि इससे पहले पीएमएलए की इसी धारा का हवाला देते हुए आईएएस संजीव हंस, गुलाब यादव समेत अन्य पर एफआईआर दर्ज करने की अनुशंसा की थी। इसके बाद ही एसवीयू में मामला दर्ज किया गया था, जिसमें 13 नामजद समेत अन्य अभियुक्त बनाए गए थे। इसी तरह की पहल अरुण यादव के मामले में भी की गई है। काली कमाई से जमा की गई अरुण यादव की अवैध संपत्ति की पूरी फेहरिस्त ईडी ने इस पत्र के साथ बतौर सबूत भेजा है।
27 फरवरी को हुई थी अरुण यादव के ठिकानों पर छापेमारी
ईडी ने अरुण यादव और किरण देवी के आरा के अगियांव और पटना स्थित ठिकानों पर इसी वर्ष 27 फरवरी को छापेमारी की थी। इस मामले की जांच में उनके खिलाफ 40 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति का पता चला था। इसके बाद 9 अक्टूबर को ईडी ने उनके बैंक खातों में जमा 20 करोड़ कैश के अलावा मुख्य रूप से आरा, अगियांव में खेती योग्य 40 प्लॉट, अगियांव में मौजूद उनका महलनुमा घर, पटना के गोला रोड में मौजूद उनके 5 फ्लैट के अलावा पटना के पाटलिपुत्र कॉलोनी में मौजूद प्लॉट को जब्त कर लिया था।
उनकी करीब 46 परिसंपत्तियां जब्त की गई हैं। ये सभी संपत्तियां इन्होंने बालू के अवैध कारोबार के अलावा अन्य तरह की आपराधिक गतिविधि की बदौलत खरीदी हैं। ईडी की जांच में यह बात भी सामने आई थी कि अरुण यादव और उनकी पत्नी किरण देवी के विधायक कार्यकाल के दौरान 2014 से 2022-23 के बीच 20 करोड़ से अधिक राशि बैंक खाते में जमा की गई है। इससे पता चलता है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करके यह राशि जमा की है।