भगवान जानने की नहीं, बल्कि मानने की चीज हैं : किशोरी प्रज्ञा
नावनगर प्रखंड के भटौली मां काली मंदिर में 3 अक्टूबर से संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन चल रहा है, जो 11 अक्टूबर को समाप्त होगा। आचार्या सुश्री किशोरी प्रज्ञा पांडेय कथा का वाचन कर रही हैं। यह कथा...
केसठ, एक संवाददाता। नावनगर प्रखंड के भटौली मां काली मंदिर प्रांगण में 3 अक्टूबर से संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन चल रहा है। इसका समापन 11 अक्टूबर को विधिवत पूजन-हवन और भंडारा के साथ होगा। आयोजन में कथावाचन आचार्या सुश्री किशोरी प्रज्ञा पांडेय के मुखारविंद से हो रहा है। कथा प्रतिदिन संध्या 4 से 7 बजे तक चल रहा है। प्रज्ञा पांडेय श्रद्धालु श्रोताओं के बीच संगीतमय देवी पुराण और श्रीमद्भागवत कथा का रसपान कराया जा रहा है। कार्यक्रम का नेतृत्व पंडित दिलीप बाबा उर्फ त्यागी बाबा कर रहे हैं। कथा के दौरान सुश्री की किशोरी प्रज्ञा पांडेय ने कहा कि भगवान जानने की नहीं, बल्कि मानने की चीज हैं। सनातन धर्म के 18 पवित्र पुराण हैं। भागवत पुराण भी है। इसे श्रीमद्भागवत या केवल भागवत भी कहते हैं। यह जगत के पालक श्रीविष्णु के धरती पर लिए गए 24 अवतारों के कथा का भावपूर्ण वर्णन है। 12 खंडों के इस ग्रंथ में 335 अध्याय और 18 हजार श्लोक हैं। इसके दसवें अध्याय में श्रीकृष्ण का जीवन सार इस प्रकार वर्णित है कि यह समस्त प्राणियों के लिए सांसारिक जीवन जीते हुए ज्ञान और मुक्ति का मार्ग दिखाता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनना और सुनाना दोनों ही मुक्तिदायी है। कथा सुनने के लिए श्रोताओं के भीड़ जुट रही है।
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