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फर्जी शिक्षिका का हुआ वेतन भुगतान, डीपीओ ने लिया संज्ञान

बक्सर में एक फर्जी शिक्षिका के वेतन भुगतान के मामले में शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। लिपिक द्वारा मूल संचिका गायब कर दिए जाने के बाद, डीपीओ ने स्पष्टीकरण मांगा है। जांच के दौरान पता चला कि 2022...

Newswrap हिन्दुस्तान, बक्सरThu, 17 Oct 2024 08:16 PM
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युवा के लिए -------- हड़कंप भुगतान में शामिल लिपिक से किया गया शोकॉज कार्यालय से गायब हो गई शिक्षका की मूल संचिका बक्सर, हमारे संवाददाता। फर्जी शिक्षिका का दो साल के बाद वेतन भुगतान होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। इस बात की जानकारी होते ही डीपीओ स्थापना विष्णुकांत राय ने संबंधित लिपिक सहित कर्मियों से स्पष्टीकरण की मांग की है। वहीं दूसरी ओर यह बात सामने आयी कि शिक्षिका की मूल संचिका कार्यालय में नहीं है। उसका पार्ट संचिका तैयार कर अधिकारियों को अंधेरे में रखकर वेतन भुगतान कर दिया गया था। वैसे पूरे मामले की जांच की जा रही है। दोषी पाये जाने वाले कर्मियों पर सख्त कार्रवाई होना तय है। बता दें कि वर्ष 2022 में यह मामला सामने आया था कि एक ही टीईटी के सर्टिफिकेट पर दो लोग नौकरी कर रहे है। इस तरह से कुल 22 शिक्षकों का नाम सामने आया था। इस मामले की जांच के लिए तत्कालीन डीपीओ स्थापना शारिक अशरफ ने सभी 22 शिक्षकों को एक साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में बुलाया गया था। ताकि सभी के सर्टिफिकेट की जांच हो सके। इसमें ग्यारह शिक्षक-शिक्षिका उपस्थित थे। इसमें ग्यारह नहीं आये थे। जिससे साबित हुआ था कि ग्यारह शिक्षक-शिक्षका फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे है। उन सभी के खिलाफ संबंधित नियोजन इकाई को कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया था। परंतु नियोजन इकाई ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। पार्ट संचिका के आधार पर वेतन का भुगतान विभागीय सूत्रों ने बताया कि अनुसूचित प्राथमिक विद्यालय मठिया (नगर शिक्षक) नई बाजार में शिक्षक पद पर नौकरी कर रही है। वह बेसिक ग्रेड में कक्षा एक से पांच तक में कार्य रही है। इन्हीं के टीईटी के सर्टिफिकेट पर उषा कुमारी ब्रह्मपुर प्रखंड स्थित योगिया पंचायत के प्राथमिक विद्यालय कृत सागर में कार्यरत थी। फर्जी सर्टिफिकेट के आरोप में वर्ष 2022 से इनका वेतन बंद था। वर्ष 2024 के जुलाई-अगस्त में लिपिकों का तबादला दूसरे जिले में हुआ। इसी दौरान लिपिक मुकेश कुमार व अमलेश कुमार ने पार्ट संचिका डीपीओ स्थापना के सामने आगे बढ़ाया। पार्ट संचिका के आधार पर वेतन का भुगतान कर दिया। इस बात की जानकारी होते ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। डीपीओ स्थापना विष्णुकांत राय ने संबंधित लिपिक को शोकॉज थमा दिया। साथ ही जांच में यह भी बात सामने आई है कि शिक्षिका की मूल संचिका गायब कर दिया गया है। इस संबंध में डीपीओ विष्णुकांत राय ने बताया कि राशि वसूली के लिए संबंधित बीडीओ को पत्र भेज गया है। ताकि शिक्षिका से राशि की वसूली करें। संबंधित धोखाधड़ी करने वाले लिपिक के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सभी नियोजन इकाई को पत्र पुन: भेजा जा रहा है कि जब 2022 में ही स्पष्ट हो गया था कि ग्यारह शिक्षक-शिक्षिका फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी कर रहे है तो किन कारणों ने उन पर कार्रवाई करते हुए नहीं हटाया गया है। उनसे किस आधार पर कार्य लिया जा रहा है।

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