बिहार में पुरुषों में स्तन कैंसर के मामले बढ़े, डॉक्टरों ने बताया- क्या है वजह और लक्षण
साल 2022 व 2023 में जहां एक व दो मामले तो वहीं इस साल यानी साल 2024 में अब तक (जुलाई तक) तीन मामले मिल चुके हैं। इनमें से एक मरीज तिलकामांझी, दूसरा मधेपुरा तो तीसरा किशनगंज जिले का है। बड़ी बात ये कि इनकी उम्र 40 से लेकर 55 साल के बीच रही।
अब पुरुषों को भी स्तन कैंसर सताने लगा है। एकाध दशक तक पूर्वी बिहार, कोसी-सीमांचल के जिलों में पुरुषों में स्तन कैंसर के मामले मिलते ही नहीं थे, लेकिन हाल के दिनों में इसके मामले तेजी से मिलने लगे हैं। हालांकि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में मिल रहा स्तन कैंसर का मामला बहुत ही कम है, लेकिन इसकी बढ़ती रफ्तार से चिकित्सक भी चिंतित हैं और पुरुषों में स्तन कैंसर बढ़ने की वजह पुरुषों में हो रहे हार्मोनल बदलाव को जिम्मेदार बता रहे हैं।
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मायागंज अस्पताल) के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. पंकज कुमार बताते हैं कि पांच साल पहले तक जिले में पुरुषों के स्तन कैंसर के मामले तकरीबन न के बराबर मिलते थे। लेकिन साल 2022 व 2023 में जहां एक व दो मामले तो वहीं इस साल यानी साल 2024 में अब तक (जुलाई तक) तीन मामले मिल चुके हैं। इनमें से एक मरीज तिलकामांझी, दूसरा मधेपुरा तो तीसरा किशनगंज जिले का है। बड़ी बात ये कि इनकी उम्र 40 से लेकर 55 साल के बीच रही।
किशनगंज जिले में रहने वाले कारोबारी कुछ दिनों से छाती की चमड़ी में लालपन से परेशान थे। वे जेएलएनएमसीएच में इलाज व जांच को पहुंचे। वहीं तिलकामांझी निवासी बैंककर्मी के ब्रेस्ट के आसपास चमड़ी में लालपन आ रहा था। डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने कुछ दवा दी, बाद में सूजन आ गई। उनकी सोनोग्राफी व बायोप्सी की गई तो पता चला कि ब्रेस्ट कैंसर है।
परिवार में पहले किसी को भी किसी भी टाइप का कैंसर नहीं हुआ। वहीं मधेपुरा जिला निवासी 43 वर्षीय युवक को छह माह पहले स्तन में गांठ जैसा महसूस हुआ और उसे लगातार खुजाने को उनका मन हो रहा था। कुछ दिन में उसे खुजाने पर पानी जैसा निकलने लगा तो डॉक्टर को दिखाया, जहां जांच में वे ब्रेस्ट कैंसर के मरीज मिले।
ये लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से मिल लें
- सीने (स्तन) में खुजली महसूस और लाल हो।
- चमड़ी पतली हो जाती है, गुलाबी पानी आने लगता है।
- सीने को टटोलने पर अगर कुछ गांठ जैसा महसूस हो
- सोनोग्राफी से भी कैंसर का पता लगाया जा सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर की क्या वजह
असिस्टेंट प्रोफेसर. डॉ. पंकज कुमार ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर के मामले अब पुरुषों में भी सामने आ रहे हैं। इसका मुख्य कारण हार्मोनल असमानता है। इसे नजरंदाज करने के बजाय विशेषज्ञ की राय लेकर जांच करवाएं। चूंकि पुरुषों के ऊतक में ज्यादा फैट नहीं होता, इसलिए उनमें ब्रेस्ट कैंसर तेजी से बढ़ता है। इसे सर्जरी कर जड़ से खत्म किया जाता है। बकौल डॉ. पंकज, आमतौर पर पुरुषों में 40-45 साल बाद ब्रेस्ट कैंसर की समस्या सामने आ रही है।
महिलाओं में कम उम्र में यह जल्द खतरनाक स्थिति में पहुंच जाता है। पुरुषों में कम उम्र वाले को ब्रेस्ट कैंसर तेजी से नहीं फैलता, ज्यादा उम्र वालों में फैलता है। वहीं अगर समय पर इलाज न कराया जाए तो ये ब्रेस्ट से बढ़कर शरीर के अन्य अंगों को कैंसर की जद में ला सकता है। वहीं महिलाओं की तुलना में पुरुषों में होने वाला स्तन कैंसर का रिकवरी रेट महज एक प्रतिशत है। ऐसे में इसका लक्षण दिखे या आशंका हो तो तुरंत चिकित्सक से मिलकर इलाज करा लें।