Hindi Newsबिहार न्यूज़बिहारशरीफYoga A Holistic Approach to Health and Wellness at Asthawan Polytechnic College

योग केवल व्यायाम नहीं, एक स्वस्थ जीवन शैली

योग केवल व्यायाम नहीं, एक स्वस्थ जीवन शैलीयोग केवल व्यायाम नहीं, एक स्वस्थ जीवन शैलीयोग केवल व्यायाम नहीं, एक स्वस्थ जीवन शैलीयोग केवल व्यायाम नहीं, एक स्वस्थ जीवन शैलीयोग केवल व्यायाम नहीं, एक स्वस्थ...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफSat, 28 Sep 2024 08:52 PM
share Share

योग केवल व्यायाम नहीं, एक स्वस्थ जीवन शैली योग की परंपरा अत्यंत प्राचीन, गहन ज्ञान का करता है प्रतिनिधित्व वेदों में भी है इसका वर्णन, मानवता के विकास के साथ है योग का संबंध अस्थावां पॉलिटेक्निक कॉलेज में शुरू हुई योग शिक्षा फोटो : अस्थावां योग 01 : अस्थावां राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में योग शिक्षा लेते छात्र। अस्थावां, निज संवाददाता। राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज अस्थावां में योग शिक्षा शुरू हुई। प्राचार्य डॉ. आनंद कृष्णा ने कहा कि योगा हमारे जीवन के लिए अहम हिस्सा है। योग केवल व्यायाम नहीं रह गया है, बल्कि यह एक स्वस्थ जीवन शैली है। बढ़ती बीमारी से आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। मधुमेह, दिल का दौरा, कैंसर, रक्तचाप जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही है। योग कर हम इससे बच सकते हैं। वेदों में भी इसका वर्णन है। मानवता के विकास के साथ योगा का गहरा संबंध है। योग की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। यह गहन ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है। योग का यह समग्र दृष्टिकोण इसे अन्य शारीरिक गतिविधियों से अलग करता है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव को आदि योगी और आदि गुरु के रूप में मान्यता दी गई है। जो, यह दर्शाता है कि योगा के गहरे रहस्यों को समझाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। उनके बाद वैदिक ऋषियों और मुनियों ने इस ज्ञान को आगे बढ़ाया। श्रीकृष्ण, महावीर और बुद्ध जैसे महान व्यक्तित्वों ने अपने अपने दृष्टिकोण से योगा को समृद्ध किया है। पतंजलि ने योग के इस ज्ञान को सुव्यवस्थित किया है। इसे योग सूत्र के रूप में जानते हैं। पतंजलि के सूत्रों में योगा के आठ अंगों का वर्णन है : यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि। ये आठ अंग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं, बल्कि मानसिक और आत्मिक विकास के लिए भी अनिवार्य हैं। विभिन्न पंथों जैसे सिद्धपंथ, शैवपंथ, नाथपंथ, वैष्णव और शाक्त पंथियों ने योगा के इस आधारभूत ज्ञान को अपने अपने तरीके से आगे बढ़ाया। प्रत्येक पंथ ने योग के अनुशासन को अपने आध्यात्मिक सिद्धांतों के अनुरूप इसे ढाला। मौके पर प्रशिक्षक दिव्यानंद शर्मा, प्रो. राजीव लोचन, विवेक कुमार, अंशु कात्यायन, डॉली कुमारी, साधना कुमारी, रोहित कुमार, ओम प्रकाश, रवि कुमार, सुकन्या कुमारी, हेमा कुमारी, गोलु कुमार व अन्य मौजूद थे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें