पावापुरी में 2550वां महावीर निर्वाण महोत्सव की तैयारी जोरों पर
पावापुरी में 2550वां महावीर निर्वाण महोत्सव की तैयारी जोरों परपावापुरी में 2550वां महावीर निर्वाण महोत्सव की तैयारी जोरों परपावापुरी में 2550वां महावीर निर्वाण महोत्सव की तैयारी जोरों परपावापुरी में...
पावापुरी में 2550वां महावीर निर्वाण महोत्सव की तैयारी जोरों पर सजाया जा रहा जैन मंदिरों को की जा रही साफ-सफाई फोटो : पावापुरी मेला : पावापुरी महोत्सव को लेकर जल मंदिर में की जा रही सजावट। पावापुरी, निज संवाददाता। जैन धर्म के प्रमुख स्थल पावापुरी में भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण महोत्सव की भव्य तैयारी की जा रही है। यह महोत्सव जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर के निर्वाण की स्मृति में मनाया जाता है। उन्होंने लगभग 2550 वर्ष पूर्व पावापुरी में निर्वाण प्राप्त किया था। जैन श्वेतांबर के सचिव शांतिलाल बोथरा ने बताया कि इस ऐतिहासिक अवसर पर जैन समुदाय के हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं। भगवान महावीर ने अपने जीवन के अंतिम क्षण इसी पावन भूमि पर बिताए थे और यहीं से उन्होंने संसार के बंधनों से मुक्ती पायी थी। यह स्थान जैन धर्म के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है और जैन समाज के लिए अत्यंत पवित्र है। पावापुरी के सभी प्रमुख जैन मंदिरों को विशेष रूप से सजाया और संवारा जा रहा है। मंदिरों में आकर्षक रौशनी, रंग-बिरंगे फूलों और पारंपरिक झंडों से सजावट की जा रही है। इससे पूरे क्षेत्र में एक अद्वितीय धार्मिक और सांस्कृतिक वातावरण बन रहा है। पावापुरी महोत्सव के मद्देनजर नगर पंचायत पावापुरी द्वारा पूरे नगर में सफाई करायी जा रही है। मंदिर परिसरों के साथ ही मुख्य सड़कों और सार्वजनिक स्थलों की साफ-सफाई की जा रही है। मुख्य पार्षद रविशंकर कुमार ने बताया कि नगर को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने के लिए विशेष दलों का गठन किया गया है। नियमित रूप से कचरा निस्तारण, नालियों की सफाई और सड़कों की साफ-सफाई करायी जा रही है। नगर प्रशासन ने सड़कों पर भीड़ प्रबंधन और यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए विशेष इंतजाम किया है। मंदिर प्रबंधन और नगर प्रशासन द्वारा किए जा रहे ये प्रयास महोत्सव के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक सुखद और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेंगे। दिगंबर जैन मंदिर के प्रबंधक अरुण कुमार जैन ने बताया कि महोत्सव के दौरान पावापुरी में धार्मिक अनुष्ठानों, प्रवचनों तथा शोभा यात्राओं का आयोजन होगा। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण और अहिंसा के संदेश को भी प्रमुखता से प्रचारित किया जाएगा। यह भगवान महावीर के उपदेशों का प्रमुख हिस्सा है। महोत्सव को लेकर पूरे क्षेत्र में उत्सव का माहौल है। जैन धर्मावलंबी भगवान महावीर की शिक्षाओं पर चलने का संकल्प लेते हुए इस महोत्सव को शांति और समर्पण के साथ मनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं।
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