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पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति : 60 हजार छात्र योजना के लाभ हैं वंचित

बिहार में पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति योजना से 60 हजार छात्र वंचित हैं। जिला कमेटी में 11 हजार, संस्थान स्तर पर 25 हजार और अन्य स्तरों पर भी हजारों आवेदन लंबित हैं। छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिलने से...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफWed, 11 Sep 2024 08:15 PM
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पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति : 60 हजार छात्र योजना के लाभ हैं वंचित जिला कमेटी में साढ़े 11 हजार तो संस्थान स्तर पर 25 हजार छात्रों के आवेदन लंबित एडीपीसी लेवल पर साढ़े छह हजार तो डीपीओ स्तर पर साढ़े तीन हजार हैं पेंडिंग डीपीओ ने कहा- जिला शिक्षा कार्यालय में लंबित आवेदनों का दो दिन में होगा सत्यापन फोटो : डीईओ ऑफिस : जिला शिक्षा कार्यालय का भवन। बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता। अधिकारियों की अनदेखी के कारण वित्तिय वर्ष 2023-24 में पिछड़ा वर्ग, अतिपिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के लाभ से जिले के करीब 60 हजार छात्र वंचित हैं। हद तो यह कि जिला कमेटी में साढ़े 11 हजार छात्रों का आवेदन काफी दिनों से सत्यापन के लिए लंबित है। छात्रों को छात्रवृत्ति की राशि नहीं मिलने की वजह से काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। विभागीय रिपोर्ट के अनुसार जिला शिक्षा विभाग कार्यालय के एडीपीसी (मेकर) अपर जिला कार्यक्रम समन्वयक के लेवल पर साढ़े छह हजार छात्रों का आवेदन पेंडिंग पड़ा हुआ है। इसी तरह, समग्र शिक्षा डीपीओ (चेकर) द्वारा जांच के लिए साढ़े तीन हजार आवेदन पेंडिंग हैं। हद तो यह कि प्रखंड लेवल पर आवेदनों के सत्यापन के लिए ओबीसी वर्ग के 15 हजार छात्रों का तो एससी/एसटी वर्ग के 33 सौ छात्रों का आवेदन पेंडिंग हैं। समग्र शिक्षा डीपीओ कविता कुमारी ने बताया कि जिला शिक्षा कार्यालय में जितने भी आवेदन लंबित हैं। दो दिनों के अंदर सभी आवेदनों का सत्यापन करा ली जाएगी। ताकि, छात्रों को जल्द ही राशि दिलायी जा सके। कितने स्तर पर होती हैं जांच : छात्रों द्वारा आवेदन करने के बाद संस्थान स्तर पर कॉलेज स्तर से आवेदन का सत्यापन किया जाता है। इसके बाद प्रखंड स्तर पर भौतिक सत्यापन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी व प्रखंड कल्याण पदाधिकारी द्वारा करने का प्रावधान है। जिला शिक्षा कार्यालय में मेकर के रूप में एडीपीसी तो चेकर के रूप में समग्र शिक्षा डीपीओ द्वारा आवेदनों का सत्यापन किया जाता है। इन सभी प्रक्रिया के बाद जिला कमेटी में डीडीसी द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाता है। ताकि, किसी भी परिस्थिति में फर्जी आवेदनों का भूगतान नहीं हो सके। क्या हैं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति : यह योजना बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा संचालित की जाती है। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग व अत्यंत पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को मैट्रिक के बाद आगे की पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद प्रदान की जाती है। ताकि, छात्रों को आगे की पढ़ाई करने में किसी तरह की परेशानी न हो।

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