लापरवाही : बिन्द में 7 माह में भी नहीं बनी 430 मीटर सड़क, लोग परेशान
बिंद में 7 माह से 430 मीटर सड़क का निर्माण नहीं हुआ, जिससे लोग परेशान हैं। मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ अनुरक्षण के तहत यह काम 51 लाख 637 रुपए की लागत से होना था। सड़क की स्थिति जर्जर है और हादसे का डर बना...
लापरवाही : बिन्द में 7 माह में भी नहीं बनी 430 मीटर सड़क, लोग परेशान मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ अनुरक्षण के तहत सकसोहरा पथ से प्रखंड मुख्यालय तक होनी थी पीसीसी ढलाई सड़क निर्माण काम कीतिथि 9 को हो रही खत्म, अब तक निर्माण भी नहीं हुआ शुरू फोटो : पीसीसी रोड : बिंद में निर्माणाधीन स्थल पर मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ अनुरक्षण का लगा बोर्ड। बिन्द, निज संवाददाता। बेनार सकसोहर मुख्य पथ से प्रखंड कार्यालय तक जाने वाली जर्जर सड़क के निर्माण काम की तिथि समाप्त होने में सिर्फ 13 दिन शेष बचे हैं। लेकिन, लापरवाही यह कि अब तक सड़क निर्माण का काम शुरू भी नहीं हो सका है। मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति 2018 के तहत ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल द्वारा 51 लाख 637 रुपए से सकसोहरा पथ से बिन्द प्रखंड कार्यालय तक पीसीसी ढलाई कर सड़क बनाया जाना था। यह विभागीय शिथिलता के कारण सात माह में भी महज 430 मीटर सड़क नहीं बन पायी है। निर्धारित समय भी दो सप्ताह में खत्म होने वाला है। सड़क का निर्माण नहीं होने से अधिकारियों से लेकर आमजनों को काफी परेशान हो रही है। सड़क की स्थिति काफी जर्जर रहने से आने जाने में भी समस्या हो रही है। सड़क के दोनों ओर 20 फीट गहरी खाई रहने से लोगों में आकस्मिक घटना घटने को लेकर हमेशा डर बना हुआ है। सड़क के एक किनारे से सकरी नदी गुजरती है। वहीं दूसरे किनारे गहरी खाई है। जर्जर सड़क पर थोड़ी सी लापरवाही से जान तक जा सकती है। दीपक तले अंधेरा : यहां दीपक तले अंधेरा वाली कहवात पूरी तरह से चरितार्थ हो रही है। प्रखंड के विकास का खाका तैयार कर उसे धरातल पर उतारने का काम यहीं से होता है। बावजूद महज 430 मीटर सड़क की पीसीसी ढलाई सात माह में शुरू तक नहीं हो पायी है। जबकि, प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में बाल विकास विभाग, एमओ, मनरेगा व कृषि कार्यालय रहने से रोजाना सैकड़ों लोगों का आना जाना होता है। हद तो यह कि इसी सड़क से अधिकारी भी कार्यालय आते हैं। मुख्य पथ से जैसी ही ब्लॉक रोड में प्रवेश करते हैं, वैसे ही मोड़ के पास सड़क निर्माण का लगा बोर्ड व सड़क की स्थिति अपनी कहानी बयां कर रही है। अधिकारी भी रोजाना कार्यालय आते हैं, लेकिन किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया। ग्रामीण बिलास प्रसाद, रामबचन प्रसाद, संतोष कुमार, अभिषेक कुमार, रजनीकांत कुमार, जनार्दन प्रसाद, सुबोध कुमार, चित्तरंजन कुमार व अन्य ने डीएम शशांक शुभंकर इसे इस मार्ग की पीसीसी ढलाई करवाने की मांग की है। ताकि, प्रखंडवासियों को कार्यालयों में जाने में किसी तरह की परेशानी न हो।
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