Hindi Newsबिहार न्यूज़बिहारशरीफMetro Rail Plan Excludes Bihar Sharif Despite Higher Population than Darbhanga

दरभंगा से अधिक आबादी बिहारशरीफ की, तो यहां मेट्रो रेल योजना क्यों नहीं

दरभंगा से अधिक आबादी बिहारशरीफ की, तो यहां मेट्रो रेल योजना क्यों नहींदरभंगा से अधिक आबादी बिहारशरीफ की, तो यहां मेट्रो रेल योजना क्यों नहींदरभंगा से अधिक आबादी बिहारशरीफ की, तो यहां मेट्रो रेल योजना...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफFri, 6 Sep 2024 04:53 PM
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हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव : दरभंगा से अधिक आबादी बिहारशरीफ की, तो यहां मेट्रो रेल योजना क्यों नहीं केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने बिहार के विभागीय प्रधान सचिव से पूछा शोकॉज कहा-प्रोजेक्ट सर्वे के लिए पुन: समीक्षा की नितांत आवश्यक फोटो : मेट्रो रेल। बिहारशरीफ, कार्यालय संवाददाता। दरभंगा से अधिक आबादी बिहारशरीफ की होने के बाद भी मेट्रो रेल चलाने की योजना में बिहाशररीफ को शामिल नहीं किया गया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिले के लोगों ने केन्द्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीग्राम) के माध्यम से शिकायत दर्ज करायी। इसके आलोक में केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव से शोकॉज पूछा है। कहा है कि आपने किन पैमानों के आधार पर शहरों का चयन किया है। दरभंगा की आबादी करीब पौने चार लाख है। जबकि, बिहारशरीफ की वर्तमान आबादी सवा चार लाख है। इतना ही नहीं, बिहारशरीफ के आस-पास नालंदा, राजगीर, पावापुरी, कुंडलपुर जैसे बड़े पर्यटक स्थल भी स्थित हैं। ऐसे में प्रोजेक्ट सर्वे के लिए शहरों के चयन की पुन: समीक्षा की नितांत आवश्यक है। किसने की शिकायत : इस्लामपुर के लारनपुर गांव निवासी डॉ. विकास कुमार की टीम ने सीपीग्राम के माध्यम से मामले की शिकायत की। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि 26 जून को बिहार कैबिनेट की बैठक में नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा चयनित राज्य के चार महत्वपूर्ण शहरों गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर व दरभंगा में मेट्रो रेल चलाने के प्रस्ताव की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गयी। यह सराहनीय कदम है। इससे चारों शहरों के लोक परिवहन में व्यापक सुधार होंगे और एक बड़ी आबादी आने वाले दिनों में लाभांवित होगी। लेकिन, किन वजहों से बिहारशरीफ में मेट्रो रेल परिचालन के प्रस्ताव की सैद्धांतिक सहमति नहीं दी गयी। क्या अन्य चयनित शहरों के डीएम और नगर निकायों ने मेट्रो पॉलिसी का पालन किया और बिहारशरीफ के डीएम और नगर निकायों ने समय पर मांगी गयी जानकारी नहीं दे पाये। इसके अलावा भी जो कारण हैं, उनकी समीक्षा की जानी चाहिए। क्या है मेट्रो रेल : लोगों को यातायात की सुविधा प्रदान करने में मेट्रो रेल का बहुत बड़ा योगदान रहा है। मेट्रो में सफर करने से समय की बचत होती है। ट्रैफिक में फंसने की समस्या खत्म हो जाती है। मेट्रो एक ऐसी परिहवन पद्धति है, जिससे बहुत से लोग एक समय में एक से दूसरी जगह बड़ी आसानी से सुरक्षित यात्रा कर सकते हैं। मेट्रो ट्रेन को एमआरटीएस (मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) भी कहा जाता है। यह बहुत ही सुविधाजनक, तेज, कुशल और कम खर्चिला होती है। इसमें ज्यादा ऊर्जा भी खर्च नहीं होती है। ये बिजली से चलती है। इसलिए यह ईको फ्रेंडली होती है। इससे प्रदूषण नहीं फैलता है। कैसे करती है काम: मेट्रो डीसी शंट मोटर के सिद्धांत पर काम करती है। इसमें गियर का इस्तेमाल नहीं होता है। मेट्रो में मुख्यत दो चीज़ें होती हैं-एक माइक्रोकंट्रोलर और दूसरा वॉयस रिकॉर्डर चिप स्पीकर। जब सिस्टम को पावर दी जाती है, तब रेल आगे बढ़ती है। और, यह तब तक चलती रहती है, जब तक कोई आरएफ कार्ड को ट्रैक के नीचे रखा नहीं जाता। दरअसल, स्टेशन में इनकोडेड आरएफ ट्रांसमीटर रखा जाता है। माइक्रोकंट्रोलर को इस प्रकार से प्रोग्राम किया जाता है कि सभी स्टेशनों के नाम पहले से ही उस चिप में स्टोर कर दिये जाते हैं। हर स्टेशन को एक यूनिक कोड दिया जाता है। जब रेल उस स्टेशन पर पहुंचती है, तो उसके रिसीवर को वह कोड मिलता है। उसे ट्रांसमीटर भेजता है और माइक्रोकंट्रोलर प्राप्त करता है। इसके बाद वह अपने लॉकअप टेबल में उस कोड को ढूंढ़ता है। अगर कोड मिल जाता है तो कंट्रोलर स्पीकर को बजने का आदेश देता है। आवाज छह सेकेंड के लिए होती है और ट्रेन रुक जाती है। ट्रेन करीब 10 सेकंड के लिए खड़ी होती है। फिर दूसरी अनाउंसमेंट ट्रेन चलने की होती है और ट्रेन आगे बढ़ जाती है। वर्तमान मेट्रो रेल हैं काफी आधुनिक: आजकल रेल के अन्दर एलसीडी मॉड्यूल को इंस्टॉल कर दिया गया है। यात्रियों की सुविधा के लिए स्क्रीन में आने वाले स्टेशनों के नाम पहले से ही दिख जाते हैं। अभी की मेट्रो रेल काफी आधुनिक हैं। इनमेन आधुनिक तकनीक जैसे- केन्द्रीकृत ऑटोमैटिक रेल नियंत्रण (सीएटीसी), ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशनल (एटीओ), ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) और ऑटोमैटिक ट्रेन सिग्नलिंग (एटीएस) सिस्टम की सुविधा इंस्टॉल की गई है। अनाउंसमेंट और स्टेशनों के नाम के साथ-साथ अब रूट मैप्स को भी एलसीडी स्क्रीन पर दिखाया जा रहा है। देश में यहां चलती हैं मेट्रो रेलें : कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, जयपुर, हैदराबाद, लखनऊ, बेंगलुरु और चेन्नई में मेट्रो ट्रेनें चलती हैं। मेट्रो रेल चलने से क्या होंगे फायदे : ट्रैफ़िक जाम की समस्या कम होती है। समय की बचत होती है। सुरक्षा का पूरा इंतज़ाम होता है। मेट्रो में सीसीटीवी कैमरे लगे होते हैं। मेट्रो में सफ़र करने के लिए टोकन या स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करना होता है। अपेक्षाकृत कम पैसे लगते हैं। मेट्रो में साफ़-सफ़ाई का पूरा इंतज़ाम होता है। मेट्रो में वातानुकूलन की सुविधा होती है। मेट्रो रेल कम दूरी पर बड़ी संख्या में लोगों को ले जाने में बहुत कुशल है। मेट्रो रेल की औसत गति लगभग 30-40 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। अधिकारी बोले : जिस पैमाने पर मेट्रो रेल चलाने के लिए शहरों को चयन किया गया है, उसपर फिर से समीक्षा करने की जरूरत है। बिहारशरीफ भी मेट्रो रेल चलाने की शर्तों को पूरा कर सकता है। इस संबंध में बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव को सूचित किया गया है। योगेश कुमार, सचिव, शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार

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