Hindi Newsबिहार न्यूज़बिहारशरीफGrand Ganesh Festival Celebrated in Silav and Katrisarai with Over a Century of Tradition

सिलाव में धूमधाम से पूजे गये बुढ़बा श्रीगणेश जी

सिलाव में बुढ़बा गणेश जी की पूजा धूमधाम से की गई। यह परंपरा सौ वर्षों से चली आ रही है। पूजा के बाद मूर्ति को थाने के मंदिर में रखा जाएगा। कतरीसराय में भी गणेश महोत्सव की शुरुआत हुई है, जहाँ आचार्य शंकर...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफSun, 8 Sep 2024 10:04 PM
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सिलाव में धूमधाम से पूजे गये बुढ़बा श्रीगणेश जी फोटो: 08नालंदा01: सिलाव बाजार में स्थापित बुढ़बा गणेश जी। नालंदा, निज संवाददाता। बुढ़बा गणेश की पूजा सिलाव में धूमधाम से की गयी। दस दिन बाद गणपति की प्रतिमा को थाने में रख दिया जायेगा। बालगोबिंद राम ने बताया कि सौ से ज्यादा वर्षों से सिलाव बाजार में बुढ़बा गणेश की पूजा की जा रही है। पहले श्याम सरोबर ठाकुरबाड़ी में इन्हें स्थापित की गयी थी। यह मूर्ति बेशकिमती पत्थर से बनी है। मूर्ति को कई बार तस्कर ले जाने का प्रयास किया। लेकिन, लोगों की सतर्कता के कारण चुराने में असफल रहे। इसके बाद सब्जी चौंक पर पूजा करने का निर्णय लिया गया। पूजा के बाद थाना परिसर के मंदिर में मूर्ति को रखने का निर्णय लिया। पूजा के एक दिन पहले गाजे बाजे के साथ श्रद्धालु मूर्ति को लाते हैं। ऐसी मान्यता है कि स्वच्छ मन से पूजा करने पर मुरादें पूरी होती हैं। कतरीसराय सौ वर्षों से हो रही पूजा: कतरीसराय। शनिवार देर रात्रि कतरीसराय बाजार में गणेश प्रतिमा स्थापित की गयी। इसी के साथ ग्यारह दिवसीय गणेश महोत्सव शुरू हो गया। आचार्य शंकर तिवारी ने बताया कि श्रीगणेश जी की पूजा आदिकाल से होती आ रही है। उनकी आराधना मात्र से ही सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। पूजा पंडाल को आकर्षक तरीके से सजाया गया है। गणेश पूजा कमिटी के अध्यक्ष उदय यादव ने बताया कि कतरीसराय में गणेश पूजा की शुरुआत 1918 में हुई थी।

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