विश्वकर्मा योजना: टेलर और राजमिस्त्री ट्रेड में फर्जी आवेदनों की भरमार
बिहारशरीफ में पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत टेलर और राजमिस्त्री ट्रेड में फर्जी आवेदनों की भरमार हो गई है। डीएम ने सभी बीडीओ और सीओ को आवेदकों का सत्यापन करने का आदेश दिया है। 50 हजार में से 6 हजार...
विश्वकर्मा योजना: टेलर और राजमिस्त्री ट्रेड में फर्जी आवेदनों की भरमार डीएम ने दिया बीडीओ और सीओ को आवेदकों का सत्यापन कराने का आदेश जिलास्तर पर प्राप्त 6 हजार में से 5 हजार आवेदन इन्हीं दोनों ट्रेडों के शर्तों का पालन न करने वालों के आवेदन किये जाएंगे रद्द फोटो उद्योग : जिला उद्योग केन्द्र। बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिधि। 18 प्रकार (ट्रेड) के पारंपरिक रोजगार से जुड़े लोगों को आर्थिक सहायता और कौशल विकास के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की गयी है। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया जारी है। अबतक करीब 50 हजार आवेदन दिये गये हैं। अन्य ट्रेडों में आवेदन की स्थिति ठीकठाक है। परंतु, टेलर (दर्जी) और राजमिस्त्री ट्रेड में उम्मीद से अधिक आवेदन आ चुके हैं। फर्जी आवेदनों की भरमार की आशंका को देखते हुए डीएम शशांक शुभंकर ने जांच का आदेश दिया है। सभी बीडीओ और सीओ को आदेश दिया गया है कि पंचायतस्तरीय कर्मियों से आवेदकों का सत्यापन कराएं। पता लगवाएं कि आवेदक सही में पारंपरिक रोजगार से जुड़े हैं या शर्तों का पालन न करने के बावजूद गलत साक्ष्य देकर आर्थिक मदद लेने के फिराक में हैं। योजना के तहत इस साल सभी ट्रेडों को मिलाकर एक हजार आवेदकों को लाभ देना है। हकीकत यह भी कि पंचायत स्तर पर आये 50 हजार से अधिक आवेदनों में से अबतक मुखिया द्वारा डीएम की देखरेख में बनी कमेटी के पास करीब 6000 हजार आवेदनों को फॉरवर्ड किया गया है। कमाल यह कि इनमें से करीब 5000 हजार आवेदन टेलर और राजमिस्त्री ट्रेड वालों के हैं। जबकि, शेष 16 ट्रेडों में आवेदनों की स्थिति काफी कम (10 से 10 फीसद) है। दो ट्रेडों में 80 फीसद आवेदन आना कहीं न कहीं गड़बड़ी की ओर इंगित करता है। इसी के बाद जांच के आदेश दिये गये हैं। बताया यह भी जा रहा है कि इन्हीं दो ट्रेडों पर पंचायत स्तर पर अब भी हजारों आवेदन पेंडिंग हैं। अबतक 6 लोगों को मिली आर्थिक मदद: जिले में पहले चरण में टेलर ट्रेड में चयनित 120 लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। 60 -60 के बैच में प्रशिक्षित होने वाले लाभुकों को ट्रेनिंग के दौरान प्रोत्साहन राशि भी दी गयी है। अब इन्हें बैंकों से जोड़कर पहली किस्त के रूप में अधिकतम एक लाख रुपए की आर्थिक मदद दिलाने की प्रक्रिया चल रही है। अबतक विभिन्न बैंकों द्वारा छह लोगों को पारंपरिक रोजगार को गति देने के लिए आर्थिक सहायता दी गयी है। रोजगार को रफ्तार देने के लिए 3 लाख की मदद: विश्वकर्मा योजना से छोटे-छोटे पारंपरिक रोजगार से जुड़े लोगों को अधिकतम तीन लाख की आर्थिक मदद देने का प्रावधान किया गया है। पहले चरण में प्रशिक्षण मिलने पर अधिकतम एक लाख रुपए बैंकों के माध्यम से मुहैया कराया जाता है। 18 माह में ली गयी राशि को बैंकों को लौटा देते हैं तो उन्हें दोबारा अधिकतम दो लाख की आर्थिक सहायता मिलती है। राहत यह कि लाभुक को सिर्फ पांच फीसद ब्याज पर राशि मिलती है। ब्याज की शेष आठ फीसद राशि सरकार बैंकों को देती है। जांच होने तक न करें दो ट्रेडों में आवेदन: महाप्रबंधक उद्योग विभाग के महाप्रबंधक विशेश्वर प्रसाद ने पारंपरिक रोजगार से जुड़े लोगों से अपील की है कि जबतक टेलर और राजमिस्त्री के प्राप्त आवेदनों का सत्यापन नहीं हो जाता है, तबतक नये लोग दोनों ट्रेडों में आवेदन करने से बचें। अगर आवेदन करते हैं तो उनके आवेदनों पर फिलहाल विचार नहीं किया जाएगा। जबकि, जांच में शर्तों का पालन न करने वालों का आवेदन रद्द होगा। इन ट्रेडों में रोजगार शुरू करने का मौका : 1. बढ़ई 2. नौका निर्माता 3. शस्त्रसाज 4. लोहार 5. हथौड़ा और टूल किट निर्माता 6. ताला बनाने वाला 7. सुनार 8. कुम्हार 9. मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाला 10. मोची (जूता कारीगर) 11. राजमिस्त्री 12. टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/कॉयर बुनकर 13. गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक) 14.नाई 15. माला बनाने वाला 16. धोबी 17. दर्जी 18. मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला।
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