डीजल अनुदान : 11 दिन में 9 आवेदन, जांच में 8 अस्वीकृत
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डीजल अनुदान : 11 दिन में 9 आवेदन, जांच में 8 अस्वीकृत इस्लामपुर की ढेकवाहा पंचायत के एक किसान को मिला 1537 रुपया अनुदान डीजल पम्पसेट से पटवन का साक्ष्य प्रस्तुत करने में किसान हो रहे नाकाम फोटो किसान : नूरसराय के पास धान की रोपनी करते मजदूर। बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि। कम बारिश से पिछड़ती खरीफ की खेती को रफ्तार देने के लिए किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए प्रति एकड़ 750 रुपया का अनुदान मिलना है। 26 जुलाई से आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ है। समस्या यह कि भौतिक सत्यापन के समय डीजल इंजन से पटवन का साक्ष्य प्रस्तुत करने में नालंदा के किसान नाकाम हो रहे है। नौबत यह कि 11 दिन महज नौ आवेदन आये हैं। सत्यापन में शर्तों को पूरा न करने के कारण आठ आवेदन रिजेक्ट कर दिये गये हैं। इस्लामपुर की ढेकवाहा पंचायत के एक मात्र ऐसे किसान हैं, जिनके आवेदन स्वीकृत हुए हैं। उन्हें 1537 रुपया का डीजल अनुदान खाते पर भेज दिया गया है। आवेदनों का सत्यापन डीबीटी कृषक सत्यापन एप के माध्यम से किया जा रहा है। इसकी जवाबदेही कृषि समन्वयकों को दी गयी है। स्पष्ट निर्देश है कि किसानों के खेत पर जाकर जानकारी जुटाएंगे कि सिंचाई डीजल पम्पसेट से ही गयी है। सत्यापन के समय किसान को डीजल इंजन दिखाना है। तस्वीर खींचकर एप पर लोड करना है। पेच यही पर फंस रहा है। किसान पेट्रोल पम्प संचालकों से डीजल खरीद का रसीद तो जुगाड़ कर ले रहे हैं। लेकिन, डीजल पम्प सेट को दिखाने में फेल हो जा रहे हैं। बिजली की उपलब्धता के कारण अधिकांश गांवों में डीजल पम्पसेट नहीं हैं। अगर है भी तो वह बेकार पड़ा है। सत्यापन के लिए समय सीमा तय: आवेदनों के सत्यापन के लिए समय सीमा निर्धारित है। कृषि समन्वयक को सात दिन में जांच कर ऑनलाइन रिपोर्ट अनुमंडल कृषि पदाधिकारी को देनी है। तीन दिन में अनुमंडल कृषि पदाधिकारी को जांच कर आवेदन डीएओ को भेज देना है। जबकि, डीएओ को दो दिन में यह तय कर लेना है कि आवदेन सही है तो राशि का भुगतान करें। अन्यथा कोई त्रुटि रहने पर रिजेक्ट कर सकते हैं। क्या कहते हैं अधिकारी डीबीटी कृषक सत्यापन एप के माध्यम से आवेदनों की जांच ऑनलाइन की जा रही है। लेकिन, भौतिक सत्यापन के समय किसान डीजल पम्पसेट से पटवन का साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पा रहे है। इसी वजह से आवेदन रिजेक्ट हो रहे हैं। राजीव कुमार, डीएओ, नालंदा
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