बीईओ के योगदान की प्रतीक्षा कर रहा रहुई बीआरसी
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बीईओ के योगदान की प्रतीक्षा कर रहा रहुई बीआरसी
छह माह से बीआरपी तो एक महीने से बीईओ की कुर्सी है खाल
सरमेरा बीईओ को मिला है रहुई का अतिरिक्त प्रभार, 24 घण्टे में योगदान का विभाग ने जारी किया था फरमान
10 अप्रैल को तत्कालीन बीईओ हुईं विरमित, 3 मई को विभाग ने सरमेरा बीईओ को रहुई का दिया अतिरिक्त पदभार
फोटो:
रहुई बीआरसी : रहुई बीआरसी भवन।
रहुई। निज संवाददाता
प्रखंड में शिक्षा व्यवस्था की बागडोर संभालने वाले अधिकारी की कुर्सी एक महीने से खाली पड़ी हुई है। हद तो यह कि स्कूलों में बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अनुश्रवण करने व बीआरसी के कागजी कार्यों के निपटारे के लिए जिम्मेवार बीआरपी (प्रखण्ड साधन सेवी) का पद छह माह से खाली है। तत्कालीन बीईओ के तबादले के 20 दिन बाद स्थापना डीपीओ ने सरमेरा के बीईओ को दैनिक कार्यों का निष्पादन के लिए प्राधिकृत किया है। पत्र में सख्त आदेश दिया गया है कि 24 घण्टे के अंदर सम्पूर्ण प्रभार आदान-प्रदान कर विभाग को सूचित करें। यह भी आदेश दिया गया है कि पत्र के अनुपालन में बीईओ दैनिक कार्यों का सम्पादन तत्काल प्रभाव से शुरू करें। हालांकि, वित्तीय कार्य का सम्पादन विभागीय आदेश मिलने के बाद करने को कहा गया है।
सरमेरा बीईओ को मिला रहुई व अस्थावां की कमान:
तत्कालीन बीईओ के तबादले के 20 दिन बाद विभाग ने तीन मई को पत्र जारी कर एक साथ चार बीईओ को अन्य प्रखंडों का प्रभार सौंपा है। सरमेरा बीईओ दिलीप कुमार सिंह की रहुई व अस्थावां का प्रभार दिया गया है। लेकिन, अब तक रहुई बीआरसी में बीईओ की कुर्सी वीरान पड़ी हुई है।
उड़ायीं आदेश की धज्जियां:
विभागीय पत्र के अनुसार पत्र जारी होने के 24 घण्टे के अंदर प्रतिनयुक्ति प्रखंडों में योगदान देने का सख्त निदेश वरीय अधिकारी ने दिया है। लेकिन पत्र निर्गत होने के आठ दिन बाद भी बीईओ ने योगदान करना उचित नहीं समझा। एक तरह से माना जाए तो इन बीईओ के लिए वरीय अधिकारी का आदेश शायद कोई मायने ही नहीं रखता है।
7 बीईओ का हुआ ट्रांसफर:
पटना हाईकोर्ट के आदेश पर ज़िले में एक साथ सात बीईओ को स्थानांतरण किया गया था। जिले के बिन्द, नगरनौसा, रहुई, इस्लामपुर, कतरीसराय, थरथरी और बिहारशरीफ के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों का स्थानांतरण हुआ था। सभी तत्कालीन बीईओ को 10 अप्रैल को विरमित भी करने का आदेश प्राप्त था। सभी बीईओ को विरमित भी कर दिया गया। तब से रहुई में बिना बीईओ के ही अब तक बीआरसी चल रहा है।
बोले एचएम :
एचएम मो. निशात आलम ने बताया कि कई वर्षों के इतिहास में यह पहली बार देखने को मिला है कि इस प्रखण्ड में महीनों दिन प्रखण्ड शिक्षा विभाग के आलाकमान की कुर्सी खाली रही है। इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था। बीईओ के तबादले के अधिकतम एक सप्ताह के अंदर ही नये पदाधिकारी योगदान कर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने लगते थे।
बोले शिक्षक संघ:
शिक्षक संघ के नेता राजीव रंजन पाण्डेय ने बताया कि प्रखण्ड में शिक्षा व्यवस्था के कंट्रोलर ही नहीं रहेंगे, तो शिक्षकों की समस्याएं कौन सुनेंगे। वहीं गोप गुट के नेता सह पुनहा मिडिल स्कूल के एचएम संजीव कुमार ने निर्वतमान बीईओ कुमारी उषा के कार्यकलापों की प्रसंशा करते हुए कहा कि वे अपने कर्तव्यों का बेहतर तरीके से पालन करती रही हैं। वहीं बरान्दी के एचएम पिंनु कुमार व रहुई एचएम रामनरेश चौधरी ने कहा कि शिक्षकों के अभिभावक बीईओ ही होते हैं। बिना अभिभावक के मार्गदर्शन के एक कदम चलना भी काफी मुश्किल होता है। बीईओ के योगदान की बीआरसी प्रतीक्षा कर रहा है।
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