आरटीई : कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में नामांकन कराने में वैशाली पहले तो नालंदा दूसरे स्थान पर
आरटीई : कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में नामांकन कराने में वैशाली पहले तो नालंदा दूसरे स्थान परआरटीई : कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में नामांकन कराने में वैशाली पहले तो नालंदा दूसरे...
आरटीई : कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में नामांकन कराने में वैशाली पहले तो नालंदा दूसरे स्थान पर तीसरे स्थान पर जहानाबाद, चौथे पर बेगूसराय तो समस्तीपुर पांचवे नंबर पर बिहार में 11,163 निबंधित निजी स्कूल हैं संचालित, 28,355 विद्यार्थियों का हुआ नामांकन 52 हजार छात्रों ने किया था आवेदन, 43,848 का रैडमाइजेशन से हुआ था स्कूल आवंटन नालंदा जिले में दर्जनों छात्रों को ऑनलाइन आवेदन करने के बावजूद भी नहीं हुआ नामांकन जून-जूलाई में ज्ञानदीप पोर्टल के माध्यम से पहली कक्षा में नामांकन के लिए मांगे गये थे आवेदन फोटो : स्कूल 01 : बिहारशरीफ स्कूल में पढ़ाई करते विद्यार्थी। (फाइल फोटो) बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 की पहली कक्षा में 1616 छात्रों को नामांकन कराकर सूबे में नालंदा दूसरे स्थान पर रहा। जबकि, 2272 छात्रों का नामांकन करा पहले स्थान पर वैशाली, तो 1575 छात्रों को एडमिशन दिलाकर जहानाबाद जिला तीसरे स्थान हासिल किया है। बेगूसराय 1544 छात्रों का नामांकन कराकर चौथे तो समस्तीपुर 1291 छात्रों के साथ पांचवां स्थान हासिल करने में सफल रहा। शिक्षा विभाग ने जून-जुलाई में कमजोर वर्ग व अलाभकारी समूह के छात्रों से ज्ञानदीप पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन मांगा था। कम संख्या में आवेदन प्राप्त होने पर विभाग ने दो बार तिथियां बढ़ायी थीं। तीन बार रैंडमाइजेशन से स्कूल का आवंटन किया गया था। विभागीय रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 11 हजार 163 निबंधित निजी स्कूल संचालित हैं। इन स्कूलों में नामांकन के लिए 52 हजार छात्रों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। इनमें 43 हजार 848 छात्रों का रैडमाइजेशन से स्कूल आवंटन किया गया। लेकिन, 28 हजार 355 विद्यार्थियों का ही नामांकन हो सका। अन्य छात्रों को आरटीई के लाभ से वंचित रहना पड़ा। जिले में दर्जनों छात्रों का नहीं हुआ नामांकन : पहला व दूसरा रैंडमाइजेशन में कई छात्रों का घर से काफी दूर के स्कूलों का आवंटन किया गया। छात्रों ने नजदीक के विद्यालयों में नामांकन कराने के लिए डीईओ कार्यालय में फिर से आवेदन किया। जिला शिक्षा विभाग से छात्रों की सूची बनाकर नजदीक के विद्यालय आवंटन करने का निदेशालय को पत्र भेजा। पहला व दूसरा रैडमाइजेशन में हुईं गड़बड़ियों मे सुधार करने के लिए तीसरी बार रैडमाइजेशन कराया गया। लेकिन, डीईओ कार्यालय में आवेदन करने वाले छात्रों का तीसरा रैडमाइजेशन में शामिल ही नहीं किया गया। नतीजा यह कि जिले में दर्जनों छात्रों को आरटीई के लाभ से वंचित रहना पड़ गया। यदि इन छात्रों का नामांकन कराया जाता तो नालंदा जिले सूबे में पहला पायदान हासिल करने में सफल रहता। किस जिले में कितने छात्रों का हुआ नामांकन : अररिया में 692, अरवल में 424, औरंगाबाद में 625, बांका में 800, बेगूसराय में 1544, भागलपुर में 742, भोजपुर में 580, बक्सर में 312, दरभंगा में 509, गया में 1250, गोपालगंज में 755, जमुई में 497, जहानाबाद में 1575, कैमूर में 394, कटिहार में 173, खगड़िया में 634, किशनगंज में 211, लखीसराय 337, मधेपुरा में 726, मधुबनी 699, मुंगेर में 568, मुजफ्फरपुर 361, नालंदा 1616, नवादा में 766, पश्चिमी चंपारण में 562, पटना में 890, पूर्वी चंपारण में 233, पूर्णिया में 320, रोहतास में 1084, सहरसा में 707, समस्तीपुर में 1291, सारण में 755, शेखपुरा में 118, शिवहर में 517, सीतामढ़ी में 977, सीवान में 991, सुपौल में 878 व वैशाली में 2272 छात्रों का नामांकन कराया गया है। बोले अधिकारी : जिले में अधिक से अधिक छात्रों का आरटीई के तहत नामांकन कराने का प्रयास किया गया है। फिर भी कई छात्रों का दूर के स्कूल आवंटन होने से परेशानी हुई थी। विभाग को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया था। फिलहाल प्रकिया बंद कर दी गयी है। अगले साल फिर से वंचित छात्र नामांकन के लिए आवेदन कर सकते है। राजकुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, नालंदा
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