जीविका दीदियों ने आईएएस अधिकारियों को सिखायीं लेन-देन की बारीकियां
जीविका दीदियों ने आईएएस अधिकारियों को सिखायीं लेन-देन की बारीकियांजीविका दीदियों ने आईएएस अधिकारियों को सिखायीं लेन-देन की बारीकियांजीविका दीदियों ने आईएएस अधिकारियों को सिखायीं लेन-देन की बारीकियां
जीविका दीदियों ने आईएएस अधिकारियों को सिखायीं लेन-देन की बारीकियां कहा-कारोबार हो या कार्यालय, पैसों के लेन देन में पारदर्शिता आवश्यक आय के साथ ही सभी तरह के खर्च को ब्योरा पंजी में अवश्य करें दर्ज भारतीय प्रशासनिक सेवा 2023 बैच के 11 प्रशिक्षु अधिकारी दीदियों के कार्यों का देख जतायी खुशी सिलाव, नानंद, सारिलचक में जीविका दीदियों के क्रियाकलापों से हुए रूबरू फोटो : सिलाव आईएएस : राजगीर प्रखंड के पथरौरा में मंगलवार को जीविका दीदियों के साथ प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी व जीविका के डीपीएम संजय कुमार पासवान। बिहारशरीफ सिलाव, निज संवाददाता। कल तक घरों में कैद रहने वाली महिलाएं आज आईएएस अधिकारियों को प्रशिक्षित कर रही हैं। नालंदा की महिलाओं में यह बदलाव और आत्मनिर्भरता जीविका की बदौलत आया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा 2023 बैच के 11 प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों ने मंगलवार को सिलाव के नानन्द, बड़गांव, राजगीर के नाहुव, पथरौरा, सीमा गांव में जीविका दीदी से मिलकर उनके द्वारा किए जा रहे अनेक कामों को धरातल पर देखा। उन महिलाओं के जीवन में आ रहे बदलाव का अध्ययन किया। सिलाव, नानंद, सारिलचक में जीविका दीदियों के क्रियाकलापों से रूबरू हुए। इस दौरान जीविका दीदियों ने आईएएस अधिकारियों को बही खाता के माध्यम से लेन देन की बारीकियां सिखायी। सिलाव प्रखंड के नानन्द गांव की शांति देवी और सुशीला देवी ने कहा कारोबार हो या कार्यालय पैसों की लेन देन में पारदर्शिता आवश्यक है। आय के साथ ही सभी तरह के खर्च का ब्योरा पंजी में अवश्य दर्ज करें। ताकि एक एक पाई का हिसाब सही रहे। उन अधिकारियों ने जीविका दीदियों द्वारा तैयार बही खाता का भी अध्ययन किया। वे प्रशिक्षु अधिकारी दीदियों के कार्यों का देख काफी खुश दिखे। दीदी के साथ ही ग्रामीणों से रूबरू हुए अधिकारी : दीदी द्वारा किए जा रहे कामों व स्वयं सहायता समूह के माध्यम से उनके जीवन में आ रहे गुणात्मक आर्थिक, सामाजिक, व्यवसायिक और मानसिक रूप से हुए व्यापक बदलाव को बारीकी से देखा और समझा। जीविका दीदियों द्वारा ग्रामीण स्तर पर दबे कुचले, शोषित, वंचितों खासकर मजदूर परिवारों से मिलकर जीविका से क्या क्या लाभ हुआ, किस तरह की महिलाओं में बदलाब आए इसका जाना। ग्रामीणों से भी बातचीत कर वहां अए बदलाव को समझा। जीविका द्वारा हो रहे मछली पालन, गौपालन, बकरी, मुर्गी, सुअर पालन के साथ साथ कपड़ा सिलाई, बुनाई, धान, मक्का, गेहूं, आलु, मटर सहित कई तरह के कामों को भी देख वे काफी प्रभावित हुए। 11 सदस्यीय टीम ने बड़गांव की शकुंतला देवी, राजगीर के नाहुब गांव की मां देवी जीविका, मां दुर्गा, एवं पथरौरा में गायत्री जीविका महिला स्वावलम्बी सहकारिता समिति लिमिटेड, सीमा में रहीम वीओ में जा कर दर्जनों दीदियों से मिलकर कई जानकारियां लीं। इस टीम में सभी पदाधिकारी सहायक समाहर्ता एवं सहायक दंडाधिकारी पदाधिकारी भागलपुर से गरिमा लोहिया, नालंदा से तुषार कुमार, बक्सर से प्रतीक्षा सिंह, बांका से अनिरुद्ध पांडेय, मधेपुरा से कृतिका मिश्रा, मुजफ्फरपुर से आकांक्षा आनन्द, किसनगंज से प्रद्युमन सिंह यादव, पटना से अंजली शर्मा, पूर्णिया से रोहित कर्दम, सारण से शिप्रा विजय कुमार चौधरी, सिवान से नेहा कुमारी शामिल हैं। वे यहां चार दिनों तक महिलाओं के जीवन में आ रहे बदलाव का बारीकि से अध्ययन करेंगे। मौके पर जीविका के डीपीएम संजय कुमार पासवान, प्रबंधक रामपुकार सिंह, संतोष कुमार, नरूला होदा, शिवशंकर प्रसाद, सुदामा प्रसाद व अन्य मौजूद थे।
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