गिरियक में 8 साल पुराना पुल धराशायी, आवागमन ठप
गिरियक में 8 साल पुराना पुल धराशायी, आवागमन ठपगिरियक में 8 साल पुराना पुल धराशायी, आवागमन ठपगिरियक में 8 साल पुराना पुल धराशायी, आवागमन ठपगिरियक में 8 साल पुराना पुल धराशायी, आवागमन ठप
गिरियक में 8 साल पुराना पुल धराशायी, आवागमन ठप महतपुरा गांव जाने वाली सड़क पर बना पुल पानी के तेज बहाव में बहा 8 साल पहले सड़क निर्माण के दौरान बनाया गया था पुल महतपुरा गांव की 2 हजार आबादी मुख्य सड़क से कटी फोटो : पुल पावापुरी : पावापुरी के महतपुरा गांव जाने वाली सड़क पर रविवार को ध्वस्त हुआ पुल। पावापुरी (नालंदा), निज संवाददाता। सूबे में पिछले कुछ समय से पुलों के टूटने और पानी के तेज बहाव में धराशायी होने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। इसी कड़ी में रविवार को नालंदा जिले के गिरियक प्रखंड में दशकों पुराना पुल पानी के तेज बहाव के कारण धराशायी हो गया। एनएच-20 के खरांट मोड़ से नवादा जिले के वारिसलीगंज जाने वाली सड़क से महतपुरा गांव को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर यह पुल बना हुआ था। इस पुल के टूटने से महतपुरा गांव का मुख्य सड़क से संपर्क पूरी तरह से कट गया है। ग्रामीण अभिषेक कुमार, लोकेश कुमार, शंकर कुमार, बालमुकुंद सिंह व अन्य ने बताया कि वर्ष 2016 में सड़क बनाने के दौरान आहर पर पुल का निर्माण किया गया था। वर्ष 2016 से ही इलाके में सही ढंग से बारिश नहीं हो रही थी। इस बार मूसलाधार बारिश क्या हुई, आहर में पानी की धार काफी बहने लगी। स्थानीय सुभाष सिंह, रवि सिंह, तनु मांझी, शंभु पासवान, राजु कुमार व अन्य ने बताया कि रविवार की अहले सुबह से हो रही तेज बारिश के कारण बढ़े जलस्तर ने पुल को कमजोर कर दिया था। इससे रविवार को यह पुल तेज बहाव के दबाव का सहन नहीं कर सका और धराशायी हो गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल के ढहने से पहले ही उसके कमजोर होने के संकेत मिल रहे थे। लेकिन, समय पर मरम्मत का काम नहीं हो सका। यह घटना बिहार में पुलों के रखरखाव और निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। गिरियक में पुल ढहने से स्थानीय निवासियों के लिए भारी समस्या उत्पन्न हो गई है, क्योंकि यह पुल गांव को आस-पास के अन्य क्षेत्रों से जोड़ने का एकमात्र माध्यम था। यह पुल ग्रामीणों के लिए महत्वपूर्ण कड़ी थी, जो अब टूट जाने से आस-पास के गांवों का संपर्क मुख्य सड़क से कट गया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बारिश के बाद अचानक पानी का स्तर बढ़ गया और पुल इस भारी दबाव को सहन नहीं कर सका। पुल के बह जाने से वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है। और, ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस घटना से ग्रामीणों में भारी चिंता व्याप्त है। क्योंकि, यह पुल न केवल उनके दैनिक जीवन का हिस्सा था, बल्कि गांव के बच्चों के लिए स्कूल जाने का एकमात्र रास्ता भी था। ग्रामीणों ने प्रशासन से तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके। अधिकारी बोले : बीडीओ पवन कुमार ठाकुर व सीओ सन्नी कुमार ने बताया कि स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है। संबंधित विभाग को इसकी सूचना दे दी गई है। उन लोगों ने जल्द से जल्द पुल के निर्माण के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
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