बोधगया में देख सकेंगे चीन की दीवार और आगरा का ताजमहल, टूरिज्म विभाग का गजब प्लान
इससे पर्यटकों को ज्यादा दिनों तक बिहार रोकने में मदद मिलेगी। दरअसल, विभाग ने अनुभव आधारित पर्यटन को बढ़ावा देकर पर्यटकों को ज्यादा दिनों तक रोकने की कवायद कर रहा है। इसके लिए राज्य के पर्यटन स्थलों के आसपास नए पर्यटन स्थल विकसित किए जाने हैं। इसी के तहत बोधगया के पास सिलौंजा का चयन किया गया है।
बिहार आने वाले पर्यटक दुनिया के सात आश्चर्यों को बोधगया में देख सकेंगे। पर्यटन विभाग ने चीन की दीवार, आगरा के ताजमहल समेत सातों आश्चर्य की प्रतिकृति बनवाने का निर्णय लिया है। इसके लिए बोधगया के पास सिलौंजा का चयन किया गया है। विभाग ने इसके लिए 14 करोड़ 85 लाख रुपये की मंजूरी दी है। प्रतिकृति 40 एकड़ में बनेगा। इसे बनाने के लिए दो वर्ष का लक्ष्य रखा गया है। इसका मकसद गया और बोधगया आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करना है।
इससे पर्यटकों को ज्यादा दिनों तक बिहार रोकने में मदद मिलेगी। दरअसल, विभाग ने अनुभव आधारित पर्यटन को बढ़ावा देकर पर्यटकों को ज्यादा दिनों तक रोकने की कवायद कर रहा है। इसके लिए राज्य के पर्यटन स्थलों के आसपास नए पर्यटन स्थल विकसित किए जाने हैं। इसी के तहत बोधगया के पास सिलौंजा का चयन किया गया है। दुनिया के आश्चर्यों की संख्या बढ़ी है, हालांकि विभाग ने फिलहाल सात आश्चर्य को ही इसमें शामिल किया है।
पर्यटन विभाग यहां प्रतिकृति के अलावा अन्य सुविधाएं विकसित करेगा। इसमें पार्किंग, पाथवे, लाइटिंग आदि शामिल हैं। इसे पिकनिक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। बच्चों के खेलने के लिए भी जगह होगी। पर्यटन सचिव अभय कुमार सिंह ने बताया कि अगले दो साल में इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। एक साथ सात आश्चर्यों को देखने लोग आएंगे। बच्चों के लिए भी यह यह कौतूहल भरा होगा।
क्या कहते हैं विभागीय मंत्री
गयाजी और बोधगया आने वाले देसी-विदेशी पर्यटकों के लिए यह आकर्षण का नया केंद्र होगा। इससे स्थानीय स्तर पर पर्यटन स्थल का न केवल विकास होगा बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।-नीतीश मिश्रा, पर्यटन मंत्री।
पर्यटन विभाग बोधगया के सिलौंजा में बनवाएगा इन सात आश्चर्यों की प्रतिकृति
1. गीजा का पिरामिड : यह मिस्र का सबसे बड़ा पिरामिड है। 439 फीट ऊंचा है। यह फिरौन खुफु की कब्र के रूप में भी जाना जाता है।
2. इटली का रोमन कोलोसियम : यह एक बड़ा रोमन एम्फिथिएटर था। जहां लोग विभिन्न खेलों के लिए मुकाबले और नाटक देखते थे।
3. आगरा का ताजमहल : सफेद संगमरमर से निर्मित है। दुनिया इसे प्रेम का प्रतीक के रूप में जानती है। मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में इस मकबरे को बनवाया था।
4. चीन की दीवार : चीन की रक्षा के लिए दीवार बनाई गई थी। इसकी लंबाई करीब 21 हजार किमी है।
5. जॉर्डन का पेट्रा : इसे रोजान की नगरी कहा जाता है। यह अनगिनत गुफाओं और मंदिरों का शहर है।
6. ब्राजील का क्राइस्ट द रेडिमर : रियो डी जनेरियो की ओर देखने वाली यीशु मसीह की यह विशाल मूर्ति, ब्राजीलियाई ईसाई धर्म का प्रतीक है।
7. पेरू का माचू पिच्चू : माचू पिच्चू पेरू के एंडीज पर्वतमाला में एक प्राचीन इंका शहर है । लोग इसे इंकाओ का खोया शहर भी कहते हैं।
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