भीड़ को कैसे नियंत्रित करें, बिहार पुलिस के जवानों को मिलेगी ट्रेनिंग; वॉकी-टॉकी देने की भी तैयारी
भीड़ नियंत्रण को लेकर बी-सैप के जवानों को तकनीकी साधन वॉकी-टॉकी, विशेष सुरक्षात्मक उपकरण इत्यादि उपलब्ध कराए जाएंगे। भीड़ के बीच सादे लिबास में भी पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगे जो सूचना तंत्र का काम करेंगे और उच्च अधिकारियों को वस्तुस्थिति की जानकारी देंगे।
बिहार पुलिस के जवान भीड़ प्रबंधन का गुर सीखेंगे। बिहार पुलिस ने राज्य में होने वाले बड़े सामाजिक-राजनीतिक, धार्मिक और खेलकूद के आयोजनों के मद्देनजर भीड़ प्रबंधन को लेकर पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिलाने का फैसला लिया है। यह प्रशिक्षण बिहार विशेष सैन्य पुलिस बल (बी-सैप) के जवानों को दी जाएगी। बी-सैप की चयनित इकाईयों को इसके लिए सक्षम बनाया जाएगा। ताकि, उनकी तैनाती बड़े आयोजनों के दौरान की जा सके। इस दिशा में नये सिरे से प्रयास तेज करने की कार्रवाई एडीजी, बी-सैप के स्तर पर शुरू की गयी है।
पहले ट्रेनर तैयार किये जाएंगे
पुलिस मुख्यालय के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भीड़ प्रबंधन को लेकर पहले राज्य में मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे। उन्हें अधिक भीड़ वाले इलाकों और आयोजनों में आमलोगों के साथ व्यवहार करने, नियंत्रित करने और बिना किसी बाधा के आयोजन को सफल बनाने की तकनीकी की जानकारी दी जाएगी। इनका पूर्व के प्रशिक्षणों के बाद क्षमतावर्धन किया जाएगा। ये मास्टर ट्रेनर बी-सैप की इकाईयों में जाकर जवानों को प्रशिक्षण देंगे। करीब पांच सौ से एक हजार जवानों को विशेष रूप से प्रशिक्षण देकर तैयार किया जाएगा।
जवानों को सभी साधन उपलब्ध कराया जाएगा
जानकारी के अनुसार भीड़ नियंत्रण को लेकर बी-सैप के जवानों को तकनीकी साधन वॉकी-टॉकी, विशेष सुरक्षात्मक उपकरण इत्यादि उपलब्ध कराए जाएंगे। भीड़ के बीच सादे लिबास में भी पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगे जो सूचना तंत्र का काम करेंगे और उच्च अधिकारियों को वस्तुस्थिति की जानकारी देंगे। इसके लिए दूसरे राज्यों में भीड़ नियंत्रण के लिए बेहतर प्रैक्टिसेज का भी अध्ययन कर उन्हें कार्यान्वित किया जाएगा।
राज्य में सालों भर होते हैं कई बड़े आयोजन
राज्य में कई बड़े आयोजन साल भर में होते हैं। इनमें गया का पितृपक्ष मेला, सोनपुर मेला, दुर्गापूजा और रावण बध कार्यक्रमों का आयोजन, मुहर्रम और महावीरी जुलूस का आयोजन, विभिन्न खेल महोत्सव, कोसी, राजगीर एवं अन्य सांस्कृतिक महोत्सवों के आयोजन शामिल हैं। इनके अलावा, राजनीतिक दलों की होने वाली बड़ी रैलियां एवं सभाओं का आयोजन भी इनमें शामिल है।