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यूपी बन गया है बिहार! 3 महीने में मुठभेड़ में 5 अपराधी साफ, कई हाफ एनकाउंटर अलग

  • फुल और हाफ एनकाउंटर के लिए देश भर में चर्चित उत्तर प्रदेश पुलिस का असर पड़ोस के बिहार में भी दिखने लगा है। साल 2025 के तीन महीने बीते भी नहीं हैं और मुठभेड़ में पांच क्रिमिनल मारे जा चुके हैं।

Ritesh Verma लाइव हिन्दुस्तान, पटनाMon, 24 March 2025 08:31 PM
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यूपी बन गया है बिहार! 3 महीने में मुठभेड़ में 5 अपराधी साफ, कई हाफ एनकाउंटर अलग

बिहार में हाल के दिनों में क्राइम के साथ-साथ क्रिमिनल के एनकाउंटर का ग्राफ भी चढ़ गया है। देश भर में फुल और हाफ एनकाउंटर के लिए चर्चित उत्तर प्रदेश की पुलिस की पुलिसिंग स्टाइल का असर बिहार में भी दिखने लगा है। जनवरी से मार्च तक बिहार में पांच क्रिमिनल एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं जबकि दर्जन भर अपराधी मुठभेड़ में पुलिस की गोलियों का शिकार बने हैं। सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार की सरकार ने पुलिस को अपराधियों पर कहर गिराने की छूट दे रखी है। इस दौरान एनकाउंटर में कई पुलिस वाले भी घायल हुए हैं।

अररिया में इस शनिवार को बिहार पुलिस ने 3 लाख रुपये के इनामी अपराधी चुनमुन झा उर्फ राकेश झा को मार गिराया। ये इस साल का पांचवा फुल एनकाउंटर था। चुनमुन झा पर पटना के तनिष्क शोरूम से लूट का आरोप भी था। पांच पुलिस वाले भी जख्मी हुए। इसी दिन वैशाली जिले में पुलिस ने मुठभेड़ के बाद दो अपराधी विशाल कुमार और सुशील कुमार को गिरफ्तार किया। इन पर 30 से ज्यादा केस दर्ज हैं। 21 मार्च को एक एनआरआई राहुल आनंद की हत्या में विशाल के शामिल होने का आरोप है। घेराबंदी और गोलीबारी के बाद भी विशाल के साथ रहे दो क्रिमिनल को पकड़ने में पुलिस नाकाम रही।

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इससे पहले 4 जनवरी को पूर्णिया में एसटीएफ ने लुटेरे सुशील मोची को मार गिराया था जिस पर 2 लाख रुपये का इनाम था। मोची पर बिहार और बंगाल में हत्या और लूट के तीन दर्जन से ज्यादा केस दर्ज थे। 7 जनवरी को दो लुटेरे नालंदा में मारे गए। इस एनकाउंटर में एक दारोगा भी घायल हो गए थे। फिर 8 फरवरी को गोपालगंज में 50 हजार का इनामी अपराधी मनीष यादव मारा गया। मुठभेड़ में एक एसटीएफ जवान को भी गोली लगी थी। मारे गए क्रिमिनल की तलाश पूर्व मुखिया अरविंद यादव की हत्या में चल रही थी। 21 मार्च को पटना के मनेर में एक एनकाउंटर में सोनू कुमार नाम के अपराधी को गोली लगने के बाद गिरफ्तार किया गया था।

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पुलिस की गोली खाकर गिरफ्तार होने वाले अपराधियों की लिस्ट और भी लंबी है। गया, सारण और मुजफ्फरपुर जिले की पुलिस को इसमें कामयाबी मिली। गया में 10 जनवरी को पगला मांझी, 19 जनवरी को अभिषेक यादव और 6 फरवरी को मनोज शाह को मुठभेड़ के बाद ही गिरफ्तार किया जा सका।

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