जीएसटी वसूली में बिहार देश में पांचवें स्थान पर, छह सालों में राज्य के कर-संग्रह में 122 प्रतिशत की बढ़ोतरी
वाणिज्य-कर विभाग के सचिव सह राज्य-कर आयुक्त संजय कुमार सिंह ने ये जानकारी बुधवार को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संवाद कक्ष में आयोजित विभागीय प्रेस कांफ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024–25 में कुल 42,500 करोड़ रुपये राजस्व संग्रह का लक्ष्य निर्धारित है।
वित्तीय वर्ष 2023–24 में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह के मामले में बिहार देश के शीर्ष 5 राज्यों में शामिल रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य में जीएसटी संग्रह में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गयी थी, जो कि राष्ट्रीय औसत 13 प्रतिशत से पांच प्रतिशत अधिक है। वहीं, पिछले छह वर्षों में राज्य के कर-संग्रह में 122 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मालूम हो कि, बिहार सहित देश भर में वर्ष 2017 में जीएसटी लागू किया गया था। जीएसटी लागू होने के पूर्व बिहार में वर्ष 2017-18 में कर-संग्रह 17,236 करोड़ रुपये था।
यह वर्ष 2023-24 में बढ़कर 38,198 करोड़ रुपये हो गया। वाणिज्य-कर विभाग के सचिव सह राज्य-कर आयुक्त संजय कुमार सिंह ने ये जानकारी बुधवार को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संवाद कक्ष में आयोजित विभागीय प्रेस कांफ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024–25 में कुल 42,500 करोड़ रुपये राजस्व संग्रह का लक्ष्य निर्धारित है। जिसकी तुलना में अगस्त 2024 तक 15,463 करोड़ रुपये राजस्व की वसूली हो चुकी है। जो पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 8.4 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, यह अगस्त तक की लक्ष्य 17 हजार करोड़ कर संग्रह के लक्ष्य की तुलना में कम है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर अंतिम तिमाही में कर संग्रह अधिक होता है।
एक मुश्त समाधान योजना मार्च 2025 तक लागू
उन्होंने बताया कि कारोबारियों के हित में एक मुश्त समाधान योजना की अवधि छह माह तक बढ़ा दी गयी है। यह योजना अब मार्च 2025 तक लागू रहेगी। इस योजना का लाभ अबतक करीब 2500 व्यवसायी उठा चुके हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य कारोबारियों को होने वाली परेशानी से मुक्त करना और अधिकारियों का समय बचाना है। इस योजना से सरकार को कितना राजस्व आता है यह महत्वपूर्ण नहीं है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वैट नियमावली में संशोधन करते हुए पेट्रोल पंप व्यवसायियों को त्रैमासिक विवरणी दाखिल किए जाने से छूट दे दी है। पेट्रोल पंप व्यवसायियों को अब सिर्फ वार्षिक विवरणी दाखिल करना है। प्रेस वार्ता में वाणिज्य-कर विभाग के संयुक्त सचिव कृष्ण कुमार, अंकेक्षण विशेषज्ञ संजय कुमार मावंडिया, राज्य कर विशेष आयुक्त सच्चिदानंद शर्मा और राज्य कर अपर आयुक्त–सह–विशेष कार्य पदाधिकारी विनोद झा मौजूद रहे।
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