बाढ़ से मुसीबत! किसानों को फसल के लिए मदद, कंट्रोल रूम और कृषि विभाग के कर्मियों की छुट्टियां रद्द
Bihar Flood: बाढ़ की स्थिति को देखते हुए कृषि भवन, मीठापुर में नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। यह नियंत्रण कक्ष सातों दिन 24 घंटे कार्यरत रहेगा। यहां फसल क्षति संबंधित सूचना प्राप्त की जाएगी।
Bihar Flood: बिहार में बाढ़ प्रभावित जिलों में फसल क्षति का आकलन होगा। कृषि विभाग ने सभी जिला कृषि पदाधिकारी, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी और कृषि समन्वयकों को पंचावतवार फसल क्षति का आकलन करने को कहा है। साथ ही 24 घंटे के भीतर उसकी रिपोर्ट भी मांगी है ताकि प्रभावित किसानों को सहायता उपलब्ध कराई जा सके। खाद्यान्न फसलों के साथ-साथ बागवानी फसलों यथा मौसमी फल और सब्जी की क्षति का भी आकलन किया जाएगा।
कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने रविवार को मुख्यालय के सभी वरीय पदाधिकारियों, प्रमंडलीय संयुक्त निदेशक (शष्य) और जिला कृषि पदाधिकारियों के साथ नदियों में अत्यधिक पानी बढ़ने से फसल नुकसान की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि किसानों को न केवल खड़ी फसल के नुकसान के लिए सहायता प्रदान की जाएगी, बल्कि अगली फसल लगाने में भी विभाग मदद करेगा।
बाढ़ की स्थिति को देखते हुए कृषि भवन, मीठापुर में नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। यह नियंत्रण कक्ष सातों दिन 24 घंटे कार्यरत रहेगा। यहां फसल क्षति संबंधित सूचना प्राप्त की जाएगी। इसके लिए कृषि निदेशक नितिन कुमार सिंह को वरीय नोडल पदाधिकारी तथा सुशील कुमार, संयुक्त निदेशक (सांख्यिकी), प्रभारी पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं। प्रभावित इलाके में कृषि विभाग के कर्मियों की छुट्टी रद्द की गई है।
बिहार के 64 प्रखंडों की 361 पंचायतों में बाढ़
आपको बता दें कि बिहार में गंगा से सटे इलाकों में बाढ़ का कहर जारी है। गंगा और सहायक नदियों में उफान से निचले इलाकों में पानी फैल रहा है। रविवार को 34 नई ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया। इसके बाद बाढ़ पीड़ितों की संख्या बढ़कर 12.67 लाख हो गई है। बक्सर से पटना के बीच गंगा का जलस्तर थमने से फिलहाल राहत नहीं मिली है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, रविवार को राज्य के 12 जिलों के 64 प्रखंडों की 361 पंचायतों के लोग बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं।
इन पर पलायन का खतरा मंडरा रहा है। शनिवार तक 12 जिले के 61 प्रखंडों की 259 पंचायतों तक पानी फैला था। बाढ़ का कहर बढ़ने के बाद राज्य सरकार की ओर से बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं। बाढ़ प्रभावित जिलों में पटना भोजपुर, वैशाली, सारण, बेगूसराय, बक्सर, समस्तीपुर, मुंगेर, लखीसराय, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार शामिल है। इन जिलों में गंगा से सटे निचले इलाकों और दियारा में फंसे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की मदद ली जा रही है। आवागमन सुगम बनाने के लिए 1400 नावों का परिचालन किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन विभाग ने जरूरत पड़ने पर नावों की संख्या बढ़ाने का निर्देश संबंधित जिलाधिकारी को दिया है।
ब्लीचिंग का करें छिड़काव
आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रभावित जिलों के प्रशासन को राहत-बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पानी निकलने के बाद ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करने को कहा गया है। बच्चों, वृद्धजन एवं गर्भवती महिलाओं पर विशेष ध्यान रखने को कहा गया है। बाढ़ मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करते हुए साफ-सफाई, पेयजल, प्रकाश, चिकित्सा व्यवस्था आदि के इंतजाम करने को कहा गया है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सकीय सहायता के लिए बोट एंबुलेंस की संख्या बढ़ाकर 20 कर दी गई है। 19 हजार 600 सूखे राशन के पैकेट भी बांटे गए हैं। विभिन्न जिलों में आठ राहत शिविर का संचालन किया जा रहा है, यहां करीब 3950 लोग रह रहे हैं। इनके रहने और खाने का इंतजाम प्रशासन की तरफ से किया जा रहा है। बाढ़ पीड़ितों के लिए सामुदायिक रसोई केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 329 कर दी गई है। यहां रविवार को एक लाख 46 हजार लोगों को भोजन कराया गया। विभाग के अनुसार, दवाओं और पशुओं के चारे के इंतजाम किए जा रहे हैं।