बिहार के ई-रिक्शा ड्राइवर की बदली किस्मत, केबीसी में जीते साढ़े 12 लाख; इस सवाल पर छोड़ा गेम
कौन बनेगा करोड़पति (KBC 16) में 12.50 लाख रुपये जीतने वाले पारसमणि बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं। वे ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं।
KBC 16: कौन बनेगा करोड़पति के सोलहवें सीजन (केबीसी 16) में पहुंचे बिहार के ई-रिक्शा ड्राइवर पारसमणि की रातोंरात किस्मत बदल गई। मुजफ्फरपुर के रहने वाले पारसमणि ने केबीसी में साढ़े 12 लाख रुपये का इनाम जीता है। हालांकि, महात्मा गांधी से जुड़े एक सवाल का सही जवाब न आने पर उन्होंने खेल बीच में ही छोड़ दिया। पारसमणि ने बताया कि कोविड लॉकडाउन के दौरान उनकी मोबाइल की दुकान बंद हो गई थी। फिर परिवार का पेट पालने के लिए वे ई-रिक्शा चलाने लगे थे।
पारसमणि सिंह ने कौन बनेगा करोड़पति शो के ‘इंडिया चैलेंजर्स वीक' में भाग लिया था। उन्होंने जुलाई में ‘फास्टेस्ट-फाइव राउंड' जीतकर शीर्ष स्थान हासिल किया, जिससे उन्हें दिग्गज होस्ट अमिताभ बच्चन के साथ शो में आने का मौक मिल गया। ‘फास्टेस्ट-फाइव' सेगमेंट में देश भर से 10 प्रतियोगी चुने जाते हैं। इस राउंड में लगातार पांच सवालों के सबसे तेज जवाब देने वाले प्रतिभागी को केबीसी की कुर्सी पर बैठने का मौका मिलता है।
अपने पिछले संघर्षों को याद करते हुए, पारसमणि ने बताया कि कोविड-19 महामारी ने उनके जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। लॉकडाउन के कारण उनकी मोबाइल रिचार्ज की दुकान बंद हो गई थी। इसके बाद वह आर्थिक तंगी से जूझने लगे। फिर परिवार वालों की मदद से उन्होंने एक ई-रिक्शा खरीदा। वह रोजाना 500 से 700 रुपये कमाते थे, जो उनके परिवार के भरण-पोषण के लिए बहुत जरूरी था।
पारसमणि ने बताया कि केबीसी में हिस्सा लेना उनके लिए एक सपना था और अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर खुद को पाकर वह बहुत खुश हैं। शुरुआत में उन्हें घबराहट हुई लेकिन अमिताभ बच्चन के मजाकिया अंदाज से उनका तनाव कम हो गया। इसके बाद वे और ज्यादा आत्मविश्वास के साथ खेलने लगे। हालांकि, महात्मा गांधी से जुड़े एक चुनौतीपूर्ण सवाल पर वे अटक गए। फिर उन्होंने गेम से बाहर निकलने का फैसला किया। केबीसी की हॉट सीट से 12.5 लाख रुपये लेकर निकले, जो की उनके लिए बहुत बड़ी रकम है।
पत्नी अंशु ने जताई खुशी :
पारसमणि सिंह की पत्नी अंशु सिंह ने एक साक्षात्कार में बताया कि उन्हें अपने पति के केबीसी में जाने पर बहुत गर्व और खुशी है। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनके पति इस शो में जाएंगे। अंशु ने कहा कि जब से उनकी शादी हुई, वे हमेशा से केबीसी देख रही हैं। टीवी पर कभी भी गाने या फिल्में नहीं चलती हैं, हमेशा सामान्य ज्ञान और करंट अफेयर्स ही चलते हैं। उन्होंने पारसमणि सिंह के सामान्य ज्ञान के प्रति समर्पण की भी प्रशंसा की। इस वजह से उनकी बेटी भी पढ़ाई में सफल हो पाई।
कोविड काल में हो गई थी दुकान बंद :
पारसमणि ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि केबीसी में जाना उनका बड़ा सपना था। वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं और ऑनर्स ग्रेजुएट हैं। कोविड काल में जब उनकी दुकान बंद हो गई थी और परिवार आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहा था। तब उनकी बहन ने एक ई-रिक्शा खरीदकर मदद की, लेकिन केबीसी में आने का सपना कभी नहीं टूटा। उन्होंने कोशिश जारी रखी और अपने मोबाइल पर लगातार सामान्य ज्ञान और करंट अफेयर्स देखते रहे।
पारसमणि ने यह भी बताया कि कैसे अमिताभ बच्चन ने उन्हें एपिसोड के दौरान प्रेरित किया जब उन्होंने बताया कि वह ब्रेन ट्यूमर से जूझ रहे थे। सिंह की दृढ़ता और सफलता की प्रेरक कहानी ने कई लोगों के दिलों को जीत लिया है। उनकी जीत ने न केवल उनका जीवन बदल दिया बल्कि उनके परिवार और समुदाय को भी गौरवान्वित किया।