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स्मार्ट मीटर से चार्ज होगी कांग्रेस? पूरे बिहार में बिजली बिल को लेकर 16 अक्टूबर को प्रदर्शन का ऐलान

  • बिहार में लंबे समय से राष्ट्रीय जनता दल की जूनियर पार्टनर बनकर रह गई कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी संगठन को चार्ज करने के मकसद से स्मार्ट मीटर के खिलाफ 16 अक्टूबर को प्रदर्शन का ऐलान किया है।

Ritesh Verma हिन्दुस्तान टाइम्स, सुभाष पाठक, प्रसून कुमार मिश्रा, पटनाMon, 14 Oct 2024 09:19 PM
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बिहार विधानसभा चुनाव में स्मार्ट मीटर को एक बड़ा मुद्दा समझकर प्रदेश कांग्रेस ने 16 अक्टूबर को इसके खिलाफ हर जिले में प्रदर्शन का ऐलान किया है। बिहार में कई साल से लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की जूनियर पार्टनर बनकर रह गई कांग्रेस को लगता है कि इस मुद्दे से पार्टी और संगठन चार्ज हो जाएगी। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि बिजली के बहुत ज्यादा बिल से परेशान राज्य के लोग इससे मुक्ति मांग रहे हैं। उन्होंने बताया कि सबसे शिक्षित राज्य केरल ने भी इसे बंद कर दिया है। गुजरात ने बिल में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद स्मार्ट मीटर को लगाना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के आंदोलन को लोगों का काफी समर्थन मिल रहा है।

कुछ दिन पहले कांग्रेस ने कैमूर से स्मार्ट मीटर के खिलाल आंदोलन की शुरुआत की थी। बिहार के प्रभारी मोहन प्रकाश और अखिलेश सिंह के नेतृत्व में इस आंदोलन में शाहाबाद इलाके के चार जिलों के पार्टी कार्यकर्ता और नेता शामिल हुए थे। इसमें प्रस्ताव पारित किया गया था कि राज्य के लोगों को स्मार्ट मीटर की गड़बड़ियों को लेकर जगाया जाएगा और नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

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पार्टी नेताओं का कहना है कि आंदोलन की शुरुआत कैमूर से होना महत्वपूर्ण है क्योंकि शाहाबाद और मगध इलाके की 9 में 6 लोकसभा सीट इंडिया गठबंधन जीती है। सासाराम सीट कांग्रेस के मनोज कुमार ने बीजेपी से छीनी है। इस सभा में मोहन प्रकाश ने भोजपुरी में भाषण किया था और कहा था कि मोदी और नीतीश सरकार लूट और झूठ की सरकार है। मोहन प्रकाश ने स्मार्ट मीटर को गरीब बच्चों की पढ़ाई से जोड़ते हुए कहा कि बिल नहीं देने पर उनके घरों की बिजली काट दी जाएगी और फिर उनके बच्चों की पढ़ाई पर उसका गहरा असर होगा।

अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि स्मार्ट मीटर के खिलाफ अभियान को काफी समर्थन मिल रहा है क्योंकि लोग बढ़े हुए बिल और कनेक्शन कटने की चिंता से परेशान हैं। उनकी शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी लोगों को समझा रही है कि स्मार्ट मीटर एक घोटाला है जिससे आम लोगों का पैसा सत्ताधारी नेता और बड़ी कंपनियां लूट रही हैं। अभियान के सूत्रधार कांग्रेस नेता अनिल तिवारी कहते हैं कि जाति और धर्म से ऊपर उठकर लोग बिलिंग के इस गलत सिस्टम के खिलाफ साथ आ रहे हैं। अनिल तिवारी ने कहा कि राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव का यह कहना काम नहीं करेगा कि स्मार्ट मीटर में कोई गड़बड़ी नहीं है।

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बिजेंद्र यादव ने कहा था कि अगर स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी होती तो विभाग के बास शिकायतों की बाढ़ आ गई होती। बिहार में 40 लाख स्मार्ट मीटर लग चुके हैं और राज्य सरकार ने 2025 के अंत तक सभी 1.72 करोड़ मीटर की जगह पर स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अगले साल तक प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने कहा है।

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुद्दे तलाश रही कांग्रेस को स्मार्ट मीटर में वो करंट दिख रहा है जो उसे चाहिए। इसलिए पार्टी संगठन इसमें कूद पड़ा है। कांग्रेस सेवा दल ने 19 सितंबर से 25 सितंबर तक पटना के गांधी मैदान से गया के कालचक्र मैदान तक इसी मसले पर जनजागरण के मकसद से पदयात्रा निकाली। सेवा दल अध्यक्ष संजय यादव की अगुवाई में निकली इस यात्रा को मोहन प्रकाश और अखिलेश प्रसाद सिंह ने ही रवाना किया था।

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कांग्रेस की सहयोगी आरजेडी ने भी 2 अक्टूबर को स्मार्ट मीटर समेत अन्य मसलों पर प्रखंड स्तर पर धरना कार्यक्रम आयोजित किया था। राजद नेताओं ने दावा किया था कि जो लोग स्मार्ट मीटर नहीं लगवाना चाहते, उनको बिजली कंपनी परेशान कर रही है। जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर ने भी स्मार्ट मीटर को नीतीश सरकार को उखाड़ फेंकने वाला मुद्दा बताया था।

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