दरभंगा AIIMS पर बड़ा अपडेट; नीतीश सरकार ने 150 एकड़ जमीन केंद्र को सौंपी, जल्द शुरू होगा निर्माण
दरभंगा एम्स के निर्माण को लेकर बड़ा अपडेट आया है। बिहार सरकार ने 150 एकड़ जमीन के कागजात एम्स प्रबंधन के सीईओ माधवानंद कर को सौंप दिए हैं। जल्द ही 37 एकड़ जमीन भी उपलब्ध करा दी जाएगी। 200 एकड़ में एम्स का निर्माण होगा।
बिहार सरकार ने सोमवार को दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निर्माण के लिए एकमी शोभन बाईपास पर 150.13 एकड़ जमीन स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को सौंप कर दी है। बिहार के अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य, प्रत्यय अमृत ने भूमि हस्तांतरण में किसी भी बाधा की अटकलों को खारिज करते हुए कहा, परियोजना के लिए शेष 37.31 एकड़ जमीन अगले हफ्ते ट्रांसफर कर दी जाएगी। आपको बता दें पटना के बाद दरभंगा का एम्स राज्य का दूसरा एम्स होगा।
सोमवार को भूमि हस्तांतरण के कागदजात एम्स दरभंगा के कार्यकारी निदेशक डॉ माधवानंद कर को स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव शशांक शेखर सिन्हा ने सौंपे। इस मौके पर स्वास्थ्य भवन में डॉ माधवानंद ने कहा कि हम दरभंगा एम्स परियोजना के लिए 200 एकड़ से अधिक भूमि चाहते थे, ताकि पूरी परियोजना का निर्माण एक ही बार में किया जा सके।
इस अवसर पर उपस्थित बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा, दरभंगा में एम्स का निर्माण जल्द ही शुरू होगा। एक महीने पहले मैंने दरभंगा एम्स परियोजना में तेजी लाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इसके बाद, हमें केंद्र से एक पत्र मिला जिसमें जमीन सौंपने का अनुरोध किया गया ताकि काम जल्द शुरू किया जा सके स्वास्थ्य मंत्रालय ने 25 जुलाई को दरभंगा के एकमी शोभन बाईपास पर एम्स के निर्माण को मंजूरी दे दी थी। तीन साल पहले बिहार सरकार ने राज्य का दूसरा एम्स पटना से 140 किलोमीटर दूर दरभंगा में प्रस्तावित किया था।
केंद्र ने अपने पत्र में राज्य सरकार से आवश्यक भूमि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को हस्तांतरित करने साथ ही चार-लेन सड़क कनेक्टिविटी और 1.5 एमएलडी से 20 एमवीए के स्थायी बिजली कनेक्शन के प्रावधान के लिए कार्रवाई शुरू करने का भी अनुरोध किया था।
2015-16 के बजट में पहली बार शामिल किए जाने के बाद यह परियोजना कई वर्षों तक अधर में लटकी रही। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुरुआत में 15 सितंबर, 2020 को 1264 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। एक केंद्रीय टीम ने पहले शोभन साइट को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह निचले स्तर पर है, और ये इंजीनियरिंग के लिए चुनौती होगी।
प्रत्यय अमृत, जिन्हें उम्मीद थी कि परियोजना उचित समय में पूरी हो जाएगी, तब उन्होने कहा था कि भारत सरकार अब सीपीडब्ल्यूडी (केंद्रीय लोक निर्माण विभाग) के माध्यम से निर्माण कार्य के लिए निविदा करेगी। हम पहले ही देर से चल रहे हैं। वही दूसरी तरफ आज स्वास्थ्य मंत्री ने बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से नियुक्त किये गये 52 औषधि निरीक्षकों और 10 दंत चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र भी सौंपा। उन्होंने कहा कि 140 ड्रग इंस्पेक्टरों के साथ बिहार अब देश का सबसे ज्यादा में ड्रग इंस्पेक्टर वाला राज्य बन गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बिहार सरकार में जल्द ही दंत चिकित्सकों के 770 अतिरिक्त पद सृजित किये जायेंगे।