पूर्णिया: एक तो बाढ़ का सितम, उस पर अपनों के खोने का गम
बनमनखी अनुमंडल क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह में बाढ़ के कारण तीन लोगों की मौत हो गई। परिवारों ने अपनी लाडली बेटियों और कमाउ पुत्रों को खोया है। बाढ़ के बढ़ते जलस्तर ने लोगों को भयभीत कर दिया है।...
बनमनखी, संवाद सूत्र। बनमनखी अनुमंडल क्षेत्र में एक सप्ताह के भीतर पानी में डूब कर तीन घरों के चिराग बुझ गए। किसी ने अपनी लाडली को खोया किसी ने आंखों के तारे को तो किसी ने अपना कमाउ पुत्र को खो दिया। अपनों को खोने के गम से अब तक परिजन ऊबर नहीं पाए हैं। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। वहीं कारी कोसी धार के लगातार बढ़ते जलस्तर ने अब कहर बरपाना शुरू कर दिया है। एक और अपनों को खोने का गम तो दूसरी ओर बाढ़ का सितम। इन दोनों ने अपनों को खोने वाले परिजनों को झकझोर कर रख दिया है। 18 वर्षीय पुत्री को खोने वाले दिनेश ह॔सदा डबडबाए आंख लिए कहते हैं कि कोशी में आए बाढ़ ने हमसे मेरी लाडली को छीन लिया। प्रत्येक वर्ष हम लोगों को बाढ़ जैसी समस्या से जूझना पड़ता है। वहीं कुरवा घाट गांव में कोशीधर में डूबे अजय मंडल के परिजन भी अब तक अपने कमाउ पुत्र को खो देने के गम में डूबे हुए हैं। उनके पिता के बुढ़ापे का सहारा छिन गया। वहीं बनमनखी के अभय चौधरी एवं उनके परिजन आज भी अपने लाडले के घर आने के इंतजार में टकटकी लगाए हैं। गौरतलब है कि बीते रविवार को कल्वर्ट में स्नान करने के दौरान बनमनखी नगर परिषद वार्ड 21 निवासी शिवम कुमार की डूबने से मौत हो गई थी। वहीं बनमनखी के वार्ड नंबर 8 निवासी 35 वर्षीय अजय कुमार मंडल पिता कामेश्वर मंडल की सरसी के कुरव घाट गांव में कोशीधर में स्नान करने के दौरान डूबने से मौत हो गई, जबकि मंगलवार की संध्या बहोरा घाट के पीपर टोला निवासी दिनेश हंदा की पुत्री हंजी हंसदा की नाव से शौच के लिए जाने के दौरान कोशी धार में डूबने से मौत हो गई थी। धार के कछार में बसे दर्जनों गांव में लगातार पानी बढ़ रहा है जिससे यहां लोगों का जीना दुभर हो गया है। अनुमंडल क्षेत्र के तीन लोगों के एक सप्ताह के भीतर कोसी धार में डूब कर मौत की सूचना के बाद से बाढ़ ग्रस्त इलाके के लोगों में भय का माहौल है।
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