खेरैहिया दुर्गा मंदिर में 1922 से होती है पूजा
लोगों ने यथासंभव चंदा जुटाकर कराया मंदिर का निर्माण कुश और वैदिक पद्धति से मंदिर
अकबरनगर संवाददाता। थाना क्षेत्र के खेरैहिया स्तिथ सार्वजनिक दुर्गा मंदिर आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व को दर्शाता है। यहां कई वर्षों से पारंपरिक तरीके से दुर्गा पूजा धूमधाम से मनाया जाता है। पूजा के दौरान कई देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती है। कई लोगों ने यथासंभव चंदा जुटाकर मंदिर का भव्य तरीके से निर्माण कराया। बताया गया कि यहां वर्ष 1922 से कुश और वैदिक पद्धति से पूजा अर्चना किया जाता है। कहते है कि मां के दरबार में जो भी भक्त सच्चे मन से आराधना करता है, वह खाली हाथ लौटकर नहीं जाता है। ---------------------------------------
सपने में देवी दुर्गा के दर्शन के बाद रखी गई मंदिर की नींव
लोगों का कहना कि पहले यहां पूजा नहीं होती थी। लेकिन एक पुजारी को मां दुर्गा ने सपने में आकर पूजा करने को कहा। जिसके बाद पुजारी ज्योतिष प्रसाद सिंह और तारणी झा ने मिलकर खुली पिंडा बनाकर कुश के त्रिशूल से वैदिक पद्दति से मां की पूजा अर्चना शुरू की। तब से आज तक लोग वैदिक मान्यताओं से प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना करते आ रहे है।
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मंदिर के निर्माण में ग्रामीणों ने किया सहयोग
पूर्वजों के सपने को साकार करने के लिए 2011 में पक्के ग्रामीणों के सहयोग से मंदिर का निर्माण किया गया। मंदिर निर्माण के बाद से इसी में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है। पिछले कई वर्षों से गांव के ही ब्रह्मचर्य रमाकांत सिंह मंदिर की देखभाल करते है। इन्हीं के जिम्मे पूरे मेले का भार दिया जाता है।
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