Hindi Newsबिहार न्यूज़भागलपुरHistorical Significance of Shri Mahaviri Jhanda Procession in Forbesganj Sparks Curiosity

अररिया : समृद्ध इतिहास का साक्षी फारबिसगंज का महावीरी झंडा

फारबिसगंज में रविवार को निकलने वाली ऐतिहासिक श्री महावीरी झंडा शोभायात्रा जुलूस के इतिहास को जानने में शहरवासियों में कौतूहल है। इस जुलूस का आरंभ 1904 में हुआ था और इसमें कई गणमान्य लोग भाग लेते थे।...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरSat, 31 Aug 2024 05:08 PM
share Share

फारबिसगंज । एक संवाददाता रविवार को फारबिसगंज में निकलने वाली ऐतिहासिक श्री महावीरी झंडा शोभायात्रा जुलूस के इतिहास को जानने को लेकर शहरवासियों में कौतूहल व्याप्त है। चौक-चौराहों पर इस बाबत चर्चाओं का दौर चल पड़ा है। स्थानीय श्री सांवलिया कुंज ठाकुरबाड़ी के महंत पं.कौशल किशोर दुबे की माने तो सन 1904 ई.में इस ठाकुरबाड़ी की स्थापना महावीर प्रसाद भुनेश्वर प्रसाद के द्वारा की गई। पंडित स्व.केवलकृष्ण दुबे के सानिध्य में शहर के जाने माने चिकित्सक अलख निरंजन के रिश्तेदार शिशुलाल सहाय,चम्पानगर बनैली स्टेट के महाराजा रजिस्टार युमना प्रसाद, टुनटुन सिंह के दादा नेवालाल मुंशी आदि गणमान्य लोगों के द्वारा जमाष्टमी के अवसर पर नंदोत्सव मनाया जाने लगा।

कहते है कि चप्पानगर बनैली के कुमार श्यामानंद सिंह के पिता बड़े महाराज स्वयं फारबिसगंज आकर नंदोत्सव में भाग लेते थे। पैरों में घुंघरू बांध भक्ति भावना प्रदर्शित किया करते थे। पुर्णिया के अग्रेजकलीन डीएम मिस्टर ली का भी पूरा योगदान सांवलिया कुंज ठाकुरबाड़ी एवं नंदोत्सव को प्राप्त होता था। ठाकुरबाड़ी में प्रत्येक मंगलवार को रामायण का अखंड पाठ सुबह से लेकर शाम तक स्थापना काल से लगातार जारी है। दर्जनों अखाड़ों से निकलने वाली महावीरी झंडा शोभायात्रा जुलूस में प्रशासन द्वारा कई अखाड़ों को लाइसेंस भी प्रदान किया जाता रहा है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें