जलजमाव होने से किसान समय पर नहीं कर पाएंगे बुआई
नवगछिया, निज संवाददाता। गंगा और कोसी के जलस्तर में वृद्धि के बाद खेतों में बाढ़
गंगा और कोसी के जलस्तर में वृद्धि के बाद खेतों में बाढ़ के पानी के निकलने में देरी से गोपालपुर-रंगरा प्रखंड के किसानों में बुआई की चिंता बढ़ने लगी है। बुद्धूचक के नजदीक रिंग बांध ध्वस्त होने के बाद गंगा नदी का बाढ़ का पानी गंगा प्रसाद धार में पहुंच गया है, जिससे यहां कई मीटर जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। तीसरी बार बाढ़ आने के बाद हजारों हेक्टेयर जमीन पर जल जमाव की समस्या उत्पन्न हो गई है। गोपालपुर, कमलाकुंड, डुमरिया, सुकटिया बाजार और तीनटंगा जैसे इलाकों में भी बाढ़ के पानी से जलजमाव के कारण समय पर खेती होने की संभावना नहीं बन रही है। रंगरा प्रखंड के हजारों एकड़ खेतों में बाढ़ का पानी लगा है।
किसान गजेंद्र मंडल और अवधेश मंडल ने बताया कि यदि 15 दिनों में बाढ़ का पानी खेतों से नहीं निकलता है, तो सरसों की बुआई नहीं हो सकेगी। प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने बताया कि अगर 15 अक्टूबर तक बाढ़ का पानी नीचे उतर जाता है, तो किसानों को थोड़ी राहत मिलेगी, लेकिन जल जमाव के कारण किसान समय पर खेती नहीं कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि फसल क्षतिपूर्ति के लिए 33,000 हेक्टेयर जमीन पर लगे मक्का, पपीता, सब्जी, मिर्च आदि का रिपोर्ट तैयार किया गया है।
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