गंगा और कोसी के जलस्तर में कमी, कई गांव अभी भी जलमग्न
नवगछिया, निज संवाददाता। नवगछिया के गोपालपुर और रंगरा प्रखंड में बाढ़ की स्थिति अभी भी
नवगछिया के गोपालपुर और रंगरा प्रखंड में बाढ़ की स्थिति अभी भी बनी हुई है। गंगा और कोसी के जलस्तर में पिछले तीन दिनों से कमी आना शुरू हुआ है, लेकिन दोनों नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। उम्मीद है कि मंगलवार तक जलस्तर खतरे के निशान के नीचे आ सकता है। गंगा का जलस्तर पिछले 24 घंटे में 12 सेंटीमीटर घटा है और इसी रफ्तार से कोसी का जलस्तर भी घटता जा रहा है। कुछ क्षेत्रों से बाढ़ का पानी कम होने लगा है, जिससे वीरनगर, बुद्धूचक, गोपालपुर और रंगरा जैसे गांवों में लोग राहत की सांस ले रहे हैं। लेकिन घरों से पानी निकलने में अभी भी चार-पांच दिन लग सकते हैं। जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि वे गंगा के जलस्तर पर निगरानी रख रहे हैं और 30 अक्टूबर तक बाढ़ कैलेंडर के तहत टीम तटबंध पर बनी रहेगी।
कोसी किनारे के गांवों में स्थिति बहुत खराब है। कोसी के जलस्तर में अचानक वृद्धि से चोरहर, सकुचा, जहांगीरपुर, बैसी, सहोरा, मदरौनी और नासि टोला की आधी आबादी बाढ़ के पानी के बीच रह रही है। सधुआ में, जहां दो सप्ताह से बाढ़ का पानी भरा हुआ है, लोग कटरिया रेलवे स्टेशन पर पन्नी के घरों में शरण ले रहे हैं। रंगरा गांव में भी बाढ़ का पानी दुर्गा मंदिर में भर गया है, जिससे पूजा-पाठ में कठिनाई हो रही है। वहीं, बुआई न हो पाने से किसान चिंतित हैं, क्योंकि कलवलिया और बिशहरिया नदियों में बाढ़ का पानी खेतों में भर गया है। किसान अपने खेतों में फंसे पानी के निकास का इंतजार कर रहे हैं।
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