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सुपौल। पुश्तैनी जमीन के लिए रैयत लगा रहे हैं चक्कर

पिपरा में रैयतों ने जमीन सर्वे में अनियमितताओं के खिलाफ धरना दिया। रैयतों का कहना है कि सर्वे के बाद दी जा रही पर्चियों में कई खामियां हैं, जैसे गलत नाम और जमीन का विवरण। उन्होंने सीओ से पारदर्शिता और...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरMon, 21 Oct 2024 06:24 PM
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पिपरा, एक संवाददाता। जमीन सर्वे में अनियमितता के खिलाफ रैयत गोलबंद हो गए हैं। सोमवार को प्रखंड कार्यालय के मुख्य द्वार पर रैयतों ने धरना दिया। इस दौरान रैयत जमीन सर्वे में अनियमितता के खिलाफ नारेबाजी की। रैयतों का कहना था कि सर्वे बाद अब जब पर्चा बांटा जा रहा है तो इसमें कई तरह की खामियां हैं। स्थिति यह है कि एक तो किसी रैयत की सभी जमीन का पर्चा नहीं है अगर है भी तो पर्चे में नाम किसी का है तो जमीन का ब्यौरा किसी दूसरे का दर्ज है। जो पर्चा रैयतों को दिया जा रहा उसमें अनियमितता बरती गई है। कहा कि कार्यालय में बैठकर किए गए सर्वे का ही नतीजा है कि लोगों को अपने पुश्तैनी जमीन के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाना पड़ रहा है और इसमें कार्यरत कर्मी मालामाल हो रहे हैं। इससे रैयतों के बीच अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। यही कारण है अब रैयत सड़क से सदन तक इस लड़ाई को लड़ने का मन बना लिया है। वक्ताओं ने कहा कि सीओ, हल्का कर्मचारी और सर्वे कर्मी पर एक खेसरा को सुधार करने का एक से तीन हजार रुपए तक की मांग की जाती है नहीं देने पर गलत पर्चा निर्गत कर दिया जाता है। वक्ताओं ने सर्वे कार्य में कार्यरत सभी कर्मी को भ्रष्ट बताया। वक्ताओं ने सरकार से सर्वे कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए सीओ सहित अन्य कर्मियों को रैयतों के मार्गदर्शन के लिए क्षेत्र भ्रमण कराने की मांग की। कहा कि रैयतों से उचित कागजात की मांग कर मामले का निष्पादन किया जाए। प्रदर्शनकारियों ने सीओ उमा कुमारी को दस सूत्री मांग पत्र समर्पित किया। इसमें जमीन की खानापूरी पर्चा सभी रैयतों को दिया जाए, खानापूरी पर्चा बंटवारा होने के बाद रैयतों से कम से कम 60 दिन तक आपत्ति का समय दिया जाए, सभी ग्राम पंचायत स्थित सरकार भवन या अन्य सरकारी भवनों में कार्यालय हो, फिल्ड सर्वे और एरिया सर्वे में की गई अनियमितता को दोबारा कराया जाए, अभिलेखागार में सभी रैयतों को अभिलेख आसानी से उपलब्ध कराया जाए, सर्वे कार्य में कर्मचारी, अधिकारी द्वारा किए जा रहे अवैध वसूली पर रोक लगाई जाए, गैर मजरुआ खास मालिक की जमीन को पंजी टू के अनुसार खरीद बिक्री की गारंटी दी जाए, परिमार्जन के नाम पर हो रहे अवैध वसूली पर रोक लगाई जाए, जमीन सर्वे का सभी कार्य परिमार्जन और अन्य कार्य पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर किया जाए, गैर मजरुआ खास जमीन रैयतों को जमाबंदी रिटर्न के आधार पर दिया जाए आदि मांग शामिल है। मौके पर कारी प्रसाद यादव, लक्ष्मीकांत भारती, बुच्चन यादव, पप्पू सिंह, वीरेंद्र प्रसाद मंडल, रामचंद्र मंडल, अरविंद कुमार, बाबुल यादव, रवि कुमार गुड्डू, पिंकू यादव, महेंद्र साह, जयनारायण यादव, संतराम, देवेन्द्र मंडल, नवीन कुमार आदि मौजूद थे। उधर, सीओ उमा कुमारी ने बताया कि रैयतों द्वारा सर्वे में हो रही गड़बड़ी को लेकर मांग पत्र दिया गया है जिसे उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा, ताकि रैयतों की मांग पूरी की जा सके।

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