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बोले कटिहार : गड्ढों भरी सड़क से बच्चों को स्कूल भेजने में लगता है डर

कटिहार जिला मुख्यालय से सालमारी के लोगों का जुड़ाव आज भी एक चुनौती है। 40 किलोमीटर सड़क और 30 किलोमीटर रेल यात्रा के कारण उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जाम, खराब सड़कें और समय की बर्बादी...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरWed, 16 April 2025 11:38 PM
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बोले कटिहार : गड्ढों भरी सड़क से बच्चों को स्कूल भेजने में लगता है डर

कटिहार जिला मुख्यालय से जुड़ाव सालमारी क्षेत्र के लोगों के लिए आज भी एक बड़ी चुनौती है। सड़क मार्ग से 40 किलोमीटर और रेल मार्ग से 30 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। सड़क मार्ग खासतौर पर बेहद कठिन और समयसाध्य है। सिंगल रोड, तीव्र मोड़ और जगह-जगह जाम के कारण लोगों को सामान्य दूरी तय करने में घंटों लग जाते हैं। कोर्ट, अस्पताल, स्कूल-कॉलेज या लंबी दूरी की यात्रा के लिए कटिहार रेलवे स्टेशन पहुंचना भी एक बड़ी समस्या है। जाम की वजह से कई बार ट्रेन भी छूट जाती है, जिससे आर्थिक और मानसिक परेशानी बढ़ जाती है। हालांकि बलरामपुर से कटिहार तक स्टेट हाईवे का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिससे भविष्य में राहत मिलने की उम्मीद है। वहीं आजमनगर प्रखंड जाने वाले बांध की सिंगल सड़क भी जानलेवा बन चुकी है। बरसात में गड्ढों और खराब हालात के कारण यह रास्ता और भी जोखिम भरा हो जाता है। सड़क चौड़ीकरण की मांग के बावजूद आज तक समाधान नहीं हो पाया है।

40 किलोमीटर सड़क मार्ग तय कर मुख्यालय पहुंचते हैं सालमारी के लोग

30 किलोमीटर रेलमार्ग से तय करनी पड़ती है कटिहार तक की दूरी

05 हजार लोग रोजाना करते हैं सालमारी और आजमनगर से यात्रा

जिले के सालमारी और आजमनगर क्षेत्र के लोगों के लिए कटिहार जिला मुख्यालय तक पहुंचना आज भी एक कठिन चुनौती बना हुआ है। सड़क हो या रेल, दोनों मार्गों से मुख्यालय तक का सफर बेहद परेशानी भरा है। सड़क मार्ग से जहां 40 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है, वहीं रेल मार्ग से भी 30 किलोमीटर का रास्ता लोगों को काटना पड़ता है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या सड़क मार्ग की दुर्दशा है, जो इन इलाकों के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में मुश्किलें बढ़ा रही है। जर्जर और संकरी सड़कों पर सफर करना किसी जोखिम से कम नहीं। तीव्र मोड़ और घुमावदार रास्तों की वजह से गाड़ियों की रफ्तार थम सी जाती है। एक घंटे की दूरी तय करने में दो से तीन घंटे लगना आम बात हो गई है। वहीं, जरा-सा भी ट्रैफिक जाम लग जाए तो यह सफर और भी लंबा और कष्टदायी हो जाता है। मुख्यालय जाने वाले लोग कोर्ट, अस्पताल, स्कूल-कॉलेज या रेलवे स्टेशन समय से नहीं पहुंच पाते। कई बार तो जाम के कारण ट्रेन तक छूट जाती है, जिससे यात्रियों को भारी आर्थिक नुकसान और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। हालांकि, बलरामपुर से कटिहार को जोड़ने वाली स्टेट हाईवे सड़क का निर्माण कार्य फिलहाल प्रगति पर है। यदि यह सड़क तय समय पर बन जाती है तो इस क्षेत्र के हजारों लोगों की वर्षों पुरानी परेशानी कुछ हद तक कम हो सकती है।

आजमनगर प्रखंड मुख्यालय की सड़कें बदतर :

आजमनगर प्रखंड मुख्यालय की सड़क स्थिति और भी बदतर है। बांध पर बनी यह संकरी सिंगल रोड कभी भी हादसे का कारण बन सकती है। जब सामने से कोई भारी वाहन जैसे ट्रक आता है, तो दूसरी ओर से गुजर रहे वाहन चालक सांस रोककर भगवान भरोसे रास्ता पार करते हैं। बरसात के मौसम में इस सड़क की हालत और खतरनाक हो जाती है। गड्ढों से भरी सड़क पर फिसलन के चलते अक्सर वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। ग्रामीणों ने कई बार सड़क के चौड़ीकरण की मांग की, लेकिन हर बार आश्वासन के सिवा कुछ हाथ नहीं लगा। खराब सड़क व्यवस्था के कारण यहां के लोगों का सफर सिर्फ समय की बर्बादी नहीं, बल्कि जानलेवा जोखिम बनता जा रहा है। सालमारी और आजमनगर के लोग अब विकास की सड़क पर उम्मीदों की नजर गड़ाए बैठे हैं।

शिकायत

1. सालमारी से कटिहार तक जाने वाली सड़क सिंगल और जर्जर हालत में है, जिससे सफर जोखिम भरा और समयसाध्य हो जाता है।

2. घुमावदार मोड़ और जगह-जगह खराब सड़क के कारण अक्सर जाम लग जाता है, जिससे गंतव्य तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है।

3. आजमनगर प्रखंड मुख्यालय की सड़क बेहद संकरी है, ट्रक और अन्य भारी वाहनों के सामने छोटे वाहन चालक जान जोखिम में डालकर रास्ता पार करते हैं।

4. बरसात में गड्ढों से भरी सड़कों पर फिसलन और दुर्घटनाओं का खतरा और बढ़ जाता है।

5. वर्षों से सड़क चौड़ीकरण की मांग के बावजूद अब तक प्रशासन द्वारा ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

सुझाव

1. बलरामपुर से कटिहार तक स्टेट हाईवे निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा किया जाए ताकि लोगों की सुरक्षित और आसान यात्रा हो सके।

2. आजमनगर प्रखंड की बांध वाली सड़क का चौड़ीकरण कर डबल लेन सड़क बनाई जाए, जिससे दुर्घटनाओं में कमी आए।

3. सड़क पर जाम से बचाव के लिए ट्रैफिक प्रबंधन व्यवस्था सुदृढ़ की जाए और चिह्नित मोड़ों पर संकेतक व साइन बोर्ड लगाए जाएं।

4. बरसात से पहले सड़कों की मरम्मत और गड्ढों की भराई सुनिश्चित की जाए ताकि दुर्घटनाओं का खतरा कम हो।

5. स्थानीय प्रशासन ग्रामीणों की समस्याओं का प्राथमिकता से निदान करे। सड़क विकास योजनाओं में पारदर्शिता और तेजी लाए।

सुनें हमारी बात

कटिहार मुख्यालय तक सड़क मार्ग से पहुंचना हम लोगों के लिए रोजाना की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। रास्ता इतना खराब और जाम से भरा रहता है कि कोई जरूरी काम समय पर पूरा नहीं हो पाता। उम्मीद है स्टेट हाईवे बनते ही परेशानी कुछ कम होगी।

-लालू भगत

यह सड़क जाम और खराब हालत की वजह से रोज यात्रियों की जान और समय से खिलवाड़ हो रहा है। कोर्ट, अस्पताल या स्टेशन के काम अक्सर देरी से पूरे होते हैं। सरकार को सड़क की हालत सुधारने पर तत्काल ध्यान देना चाहिए।

-मनोज पटवारी

हर दिन इस सड़क पर सफर करना किसी जोखिम से कम नहीं। जर्जर सड़क और तेज मोड़ पर वाहन चलाना खतरे से भरा रहता है। कई बार तो रास्ते में ही गाड़ी खराब हो जाती है। प्रशासन को सड़कों की मरम्मत और चौड़ीकरण पर फौरन ध्यान देना चाहिए।

-सुरेंद्र प्रसाद सिंह

सड़क की खस्ता हालत ने सालमारी और आजमनगर के हजारों लोगों की जिंदगी मुश्किल कर दी है। बरसात में गड्ढे और फिसलन के कारण यह रास्ता जानलेवा बन जाता है। कई बार तो अस्पताल भी समय पर नहीं पहुंच पाते। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

-अशोक साह

आजमनगर की बांध वाली सड़क तो मानो मौत का रास्ता बन चुकी है। ट्रक और अन्य भारी वाहन के सामने आम लोग अपनी जान हथेली पर लेकर चलते हैं। सरकार को इस सड़क का चौड़ीकरण करना चाहिए ताकि हादसे और जाम की समस्या से लोगों को राहत मिले।

-श्रीपति सिंह

बलरामपुर से कटिहार तक स्टेट हाईवे बनने की प्रक्रिया तो शुरू हुई है लेकिन काम की गति बेहद धीमी है। अगर यह सड़क जल्द बन जाती है तो हम लोगों को मुख्यालय जाने में काफी सहूलियत होगी और समय की भी बचत होगी। उम्मीद है काम जल्दी पूरा होगा।

-हसन इकबाल

सड़क की हालत ऐसी है कि हर बार सफर से पहले मन में डर बैठ जाता है। जाम और गड्ढों के कारण बच्चों को स्कूल भेजना भी चुनौती बन गया है। सरकार को सड़क चौड़ी और सुरक्षित बनानी चाहिए ताकि हम सभी की परेशानियां कुछ कम हो सकें।

-वहीद राजा

कटिहार रेलवे स्टेशन तक समय पर पहुंचना हमारे लिए एक जुआ बन चुका है। जाम और सड़क की दुर्दशा के कारण कई बार ट्रेन छूट जाती है। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि इस समस्या का स्थायी समाधान निकाले और सड़कें दुरुस्त कराए।

-नरेंद्र सिंघानिया

गांव से कटिहार मुख्यालय तक जाने के लिए जिस हालत में सड़क है, वह बेहद शर्मनाक है। समय पर अस्पताल, स्कूल या स्टेशन तक पहुंच पाना नामुमकिन हो गया है। जाम और खराब सड़कों की वजह से आम लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।

-मुजफ्फर राही

अगर सड़कें अच्छी होतीं तो हम लोगों को कोर्ट, दफ्तर और अस्पताल जैसे जरूरी कामों में इतनी परेशानी नहीं होती। गड्ढों, जाम और ट्रैफिक की समस्या से हर दिन जूझना पड़ता है। सड़क का चौड़ीकरण अब वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है।

-राहुल सिंह

हर साल चुनावों में सड़क सुधार का वादा तो खूब किया जाता है, लेकिन जमीन पर हालात जस के तस हैं। सड़क चौड़ीकरण की मांग वर्षों पुरानी है। सरकार से उम्मीद है कि अबकी बार सिर्फ वादा नहीं, काम भी पूरा होगा।

-गोपाल अग्रवाल

आजमनगर से कटिहार जाने का रास्ता जितना छोटा है, उतना ही ज्यादा खतरनाक भी। एक घंटे का सफर दो से तीन घंटे में तय करना पड़ता है। ट्रैफिक जाम में फंसकर कई जरूरी काम छूट जाते हैं। सरकार को जल्द सड़क सुधार पर ध्यान देना चाहिए।

-विकास अग्रवाल

आजमनगर की सड़क इतनी खराब है कि बरसात में गड्ढों में गाड़ियां डूब जाती हैं। दुर्घटनाएं रोजमर्रा की बात हो गई हैं। जब तक चौड़ीकरण और मरम्मत नहीं होगी, यह समस्या बनी रहेगी। सरकार को तत्काल उचित कदम उठाना चाहिए।

-नेपड़ा दास

सड़क की खराब हालत ने गांव के विकास को रोक दिया है। अस्पताल, स्कूल, कोर्ट, बाजार किसी भी काम के लिए कटिहार जाना एक जंग लड़ने जैसा हो गया है। सड़क की मरम्मत और चौड़ीकरण से ही लोगों की मुश्किलें कम हो सकती हैं।

-इम्तियाज आलम

हम लोग कई सालों से सड़क चौड़ीकरण की मांग कर रहे हैं। जब तक यह सिंगल रोड डबल लेन में तब्दील नहीं होगी, तब तक दुर्घटनाएं और जाम से राहत नहीं मिल सकती। ग्रामीणों की यह मांग पूरी करना सरकार की जिम्मेदारी है।

-भोला प्रसाद दास

कटिहार जैसे मुख्यालय से जुड़ना किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए जरूरी है, लेकिन खराब सड़कें हमें इस विकास से कोसों दूर रख रही हैं। प्रशासन को चाहिए कि सड़क चौड़ीकरण का काम तेजी से कराए और लोगों की परेशानी को दूर करे।

-शेखर कुमार सिंह

हर दिन इसी सड़क से गुजरते वक्त डर बना रहता है कि कहीं कोई हादसा न हो जाए। सड़क चौड़ी और सुरक्षित हो तो न सिर्फ वक्त बचेगा, बल्कि जान-माल की हिफाजत भी होगी। अब सरकार को इस दिशा में फौरन एक्शन लेना चाहिए।

-सुमित सिंह

मरीजों को अस्पताल तक ले जाने में भी सड़क की बदहाली बड़ी बाधा बनती है। कई बार तो इलाज में देरी जानलेवा साबित हो जाती है। सड़क की स्थिति सुधारना अब टालने वाली बात नहीं, ये जनहित की प्राथमिक आवश्यकता है।

-डॉ. संजीव कुमार

बोले जिम्मेदार

सालमारी और आजमनगर क्षेत्र की सड़कों की स्थिति को लेकर विभाग पूरी तरह से सजग है। बलरामपुर से कटिहार स्टेट हाईवे निर्माण कार्य प्रगति पर है और इसके पूरा होते ही इस क्षेत्र के लोगों को काफी राहत मिलेगी। आजमनगर की बांध वाली सड़क के चौड़ीकरण को लेकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जाम और दुर्घटनाओं से बचाव के लिए ट्रैफिक प्रबंधन और गड्ढों की मरम्मत पर भी ध्यान दिया जा रहा है। जनता की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर किया जाएगा। जल्द ही क्षेत्रवासियों को बेहतर और सुरक्षित यातायात सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

-निशा सिंह, विधायक, प्राणपुर विधानसभा क्षेत्र

बोले कटिहार असर

विशिष्ट शिक्षकों के बकाया वेतन का हुआ भुगतान

कटिहार, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। दैनिक हिन्दुस्तान में 16 अप्रैल को प्रकाशित बोले कटिहार संवाद का बड़ा असर सामने आया है। जिले के पांच हजार से अधिक विशिष्ट शिक्षकों की लंबे समय से अटकी वेतन की समस्या आखिरकार सुलझ गई है। जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार के निर्देश पर सभी प्रखंडों को तत्काल वेतन भुगतान प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए गए। आदेश के बाद बकाया वेतन की फाइलों पर तेजी से काम शुरू हुआ और बुधवार शाम तक अधिकांश शिक्षकों के खाते में वेतन राशि ट्रांसफर कर दी गई। वेतन मिलने की खबर से शिक्षकों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई। कई शिक्षकों ने बताया कि आर्थिक तंगी के चलते घर की स्थिति बिगड़ गई थी। बच्चों की फीस, घर का किराया और दैनिक जरूरतों को पूरा करने में भारी मुश्किलें आ रही थीं। अब वेतन मिलने से राहत महसूस हो रही है। एसआरडी स्कूल के शिक्षक संजय कुमार ने कहा कि खबर प्रकाशन के बाद प्रशासन ने त्वरित संज्ञान लिया, इसके लिए हम अखबार और जिला प्रशासन के आभारी हैं। वहीं, एपी हाई स्कूल के शिक्षक अमित कुमार ठाकुर ने कहा कि चार महीने बाद वेतन मिलना किसी राहत से कम नहीं है। शिक्षकों ने उम्मीद जताई कि आगे से समय पर वेतन मिलेगा ताकि उन्हें इस तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार ने भी स्पष्ट किया कि शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।

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