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बोले कटिहार : योजनाओं का लाभ मिले, पानी और शौचालय की सुविधा दें

कटिहार जिले के फलका प्रखंड की मलिन बस्तियों में सैकड़ों परिवार बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जी रहे हैं। न पीने का साफ पानी, न शौचालय और न ही बिजली की व्यवस्था है। महिलाएं खुले में स्नान करने को मजबूर...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरSat, 19 April 2025 11:14 PM
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बोले कटिहार : योजनाओं का लाभ मिले, पानी और शौचालय की सुविधा दें

कटिहार जिले के फलका प्रखंड समेत कई इलाकों की मलिन बस्तियों में रहने वाले सैकड़ों परिवार आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। दलित टोला और कुरसेला जैसे क्षेत्रों में न पीने का साफ पानी है, न शौचालय, न बिजली। महिलाएं खुले में स्नान को मजबूर हैं और बच्चों की पढ़ाई अधर में लटकी रहती है। अधिकतर बस्ती वासियों के पास पहचान पत्र नहीं होने से सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। बरसात में बस्तियां जलमग्न हो जाती हैं, जहरीले जीव-जंतु जानलेवा साबित होते हैं। स्वच्छ भारत मिशन और हर घर नल जल योजना इन बस्तियों तक नहीं पहुंची है। गरीबी, बीमारी और बदहाली के बीच यहां की जिंदगी नारकीय बन गई है।

02 सौ 50 परिवारों को बुनियादी सुविधाओं का है अभाव

01 सौ 19 पंचायतों के दलित टोले में शुद्ध पेयजल आपूर्ति नहीं

07 दशक से जी रहे हैं खस्ताहाल जीवन, सुध ले सरकार

कटिहार जिले की तस्वीर का एक कोना ऐसा भी है, जहां विकास अब भी सिर्फ सरकारी दावों और फाइलों में सिमटा रह गया है। जिले के फलका प्रखंड अंतर्गत भंगहा पंचायत के दलित टोला से लेकर राष्ट्रीय उच्च पथ 31 किनारे बसे कुरसेला तक की मलिन बस्तियों में रहने वाले हजारों परिवार आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। यहां न तो शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है, न शौचालय, न बिजली की सुरक्षित आपूर्ति और न ही आवास। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि अधिकांश बस्तीवासियों के पास राशन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर आईडी जैसे ज़रूरी दस्तावेज तक नहीं हैं। इसकी वजह से वे सरकारी योजनाओं के लाभ से भी वंचित हैं।

बारिश के मौसम में हालात हो जाते हैं बदतर :

बारिश के मौसम में इन बस्तियों का हाल और बदतर हो जाता है। झोपड़ियों में नाले का पानी भर जाता है, जहरीले जीव-जंतु जान का खतरा बन जाते हैं और संक्रामक बीमारियां हर तरफ फैल जाती हैं। फलका प्रखंड के दलित टोला में लगभग 250 परिवार रहते हैं, जिनकी आबादी करीब 1200 है। यहां महिलाओं के लिए न स्नानघर है न शौचालय, जिससे वे रोज खुले में असहज हालातों में नहाने को मजबूर हैं। राशन कार्ड के अभाव में इन्हें सस्ता अनाज नहीं मिल पाता और आधार कार्ड बनवाने की कोशिश में दलालों द्वारा पैसे की मांग की जाती है। इसी तरह, कुरसेला की बस्ती में मजदूर, सफाई कर्मी, रिक्शा-ठेला चालक जैसे श्रमिक तबके के लोग दशकों से नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। बस्ती में पीने का पानी तक नसीब नहीं है। बिजली के खंभे नहीं हैं, लोग खुद से तार जोड़कर खतरनाक हालात में बिजली इस्तेमाल कर रहे हैं।

बच्चों की पढ़ाई की स्थिति चिंताजनक :

बच्चों की पढ़ाई की स्थिति भी चिंताजनक है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार अधिकारियों से अपनी पीड़ा साझा की, पर सुनवाई अब तक नहीं हुई। स्वच्छ भारत अभियान और हर घर नल जल योजना जैसे सरकारी दावे इन बस्तियों के लिए महज कागजों तक ही सीमित हैं। सरकारी योजनाएं और विकास का दावा तब तक अधूरा है, जब तक कटिहार की इन मलिन बस्तियों में रहने वाले हजारों परिवारों को इंसान के लायक बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलतीं। यह अब सिर्फ प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि इंसानियत की सबसे बड़ी परीक्षा बन चुकी है।

शिकायत

1. बस्ती में न सरकारी नल है, न ही कोई सुरक्षित जलस्रोत, जिससे पीने का पानी खरीदना या गंदा पानी पीने की मजबूरी है।

2. सामुदायिक या निजी शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे महिलाएं और बच्चे खुले में शौच के लिए मजबूर हैं।

3. आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी जैसी पहचान न होने से सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा।

4. बिजली के खंभे और वैध कनेक्शन नहीं हैं, लोग खुद तार जोड़कर असुरक्षित बिजली उपयोग करने को मजबूर हैं।

5. बारिश के दिनों में झोपड़ियों में पानी भर जाता है, जहरीले सांप और कीड़े घर में घुस जाते हैं, इलाज का साधन न होने से जानलेवा स्थिति बन जाती है।

सुझाव

1. बस्ती में सामुदायिक शौचालय और नल-जल योजना का विस्तार हो। तत्काल शुद्ध पेयजल और शौचालय सुविधा सुनिश्चित कराई जाए।

2. हचान पत्र बनाने के लिए पंचायत स्तर पर निःशुल्क दस्तावेज़ शिविर लगाकर सभी बस्तीवासियों को कार्ड उपलब्ध कराए जाए।

3. अवैध तारों की जगह सरकारी खंभे लगाकर वैध और सुरक्षित बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया जाए।

4. नाले की सफाई और बस्ती की जलनिकासी व्यवस्था दुरुस्त की जाए, साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जाए।

5. बस्ती के पास माध्यमिक स्कूल की स्थापना हो, ताकि बच्चों को शिक्षा के लिए दूर न जाना पड़े।

सुनिए हमारी पीड़ा

बस्ती में न तो शुद्ध पानी है, न शौचालय, न राशन कार्ड। महिलाएं खुले में नहाने को मजबूर हैं, बच्चों की पढ़ाई अधूरी रह जाती है। कोई अधिकारी हमारी सुनवाई नहीं करता। सरकार से गुजारिश है कि हमारी बस्ती की हालत सुधारी जाए।

- टिप्पू ऋषि

हम लोगों के पास न रहने की ठीक जगह है, न कोई पहचान पत्र। सरकारी योजना सिर्फ कागजों पर चलती है। बारिश में घरों में पानी भर जाता है, सांप के काटने से कई मौतें हो चुकी हैं। सरकार हमारी समस्या पर ध्यान दे।

- कारे ऋषि

हमारी बस्ती में आज भी लोग गंदगी और बीमारी के बीच जी रहे हैं। न शौचालय, न पानी, न राशन कार्ड। बार-बार गुहार लगाने पर भी कोई अधिकारी नहीं सुनता। हम गरीबों की हालत बहुत दयनीय है। सरकार से न्याय की आस है।

- फुलेश्वर ऋषि

यहां बुनियादी सुविधा की भारी कमी है। महिलाएं असहज महसूस करती हैं। खुले में स्नान करना पड़ता है। राशन कार्ड और आधार कार्ड नहीं होने से सरकार की योजना से वंचित हैं। हमारी बस्ती में विकास कब आएगा, हम यही सवाल कर रहे हैं।

- ठाकुर ऋषि

हम सब एक ही कमरे में रहते हैं। न बिजली का सही कनेक्शन है, न शौचालय। महिलाओं और बच्चों को बहुत परेशानी होती है। कई बार आवेदन दिया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सरकार से मदद की उम्मीद है।

- राजेश ऋषि

खुले में नहाना और शौच करना बहुत तकलीफदेह है। राशन कार्ड और आधार कार्ड के बिना सरकारी मदद से वंचित हैं। बरसात में झोपड़ियों में पानी भर जाता है। सांप काटने से लोगों की जान चली जाती है। सरकार हमारी सुध ले।

- शोभा देवी

हमारी बस्ती में न पीने का साफ पानी है, न शौचालय। महिलाओं को खुले में स्नान करना पड़ता है। राशन कार्ड और आधार कार्ड नहीं होने से सरकारी अनाज और सुविधा नहीं मिलती। जिम्मेदार लोग ध्यान दें।

- सोनिया देवी

सरकार के तमाम दावे सिर्फ कागजों तक सीमित हैं। हमारी बस्ती में शौचालय नहीं, पानी नहीं, राशन कार्ड नहीं। आधार कार्ड बनाने में भी घूस मांगा जाता है। गरीबों की यह हालत देखकर दुख होता है। कोई अधिकारी सुध ले।

- रमती देवी

हमारी बस्ती में रहने वालों को न शुद्ध पानी मिलता है, न शौचालय। महिलाओं की स्थिति सबसे खराब है। सरकारी योजना का लाभ भी पहचान पत्र न होने से नहीं मिल रहा है। सरकार जल्द से जल्द समाधान करे।

- फूलो देवी

हम गरीब हैं, पर इंसान हैं। हमें भी बुनियादी सुविधाएं चाहिए। राशन कार्ड, आधार कार्ड न होने से बच्चों का भविष्य अंधकारमय है। पीने का पानी तक नसीब नहीं। सरकार से हमारी जिंदगी आसान बनाने की अपील है।

- अंजली देवी

हम खुले में शौच और स्नान करने को मजबूर हैं। पीने के पानी की भी कमी है। बस्ती में न राशन कार्ड है, न आधार कार्ड। सरकारी योजनाएं हम तक नहीं पहुंचतीं। अधिकारी कभी ध्यान नहीं देते। बहुत दुखद स्थिति है।

- जिरिया देवी

बस्ती की हालत बहुत खराब है। पानी, शौचालय, बिजली सब की कमी है। महिलाओं को खुले में नहाना पड़ता है। सरकारी राशन कार्ड और आधार कार्ड न होने से कोई सहायता नहीं मिलती। बच्चों की पढ़ाई भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है।

- सुमिता देवी

बस्ती में हर समस्या सिर पर है। पेयजल और शौचालय की कमी के कारण बीमारी फैलती है। पहचान पत्र न होने से सरकारी योजनाएं नहीं मिलती। हमलोग कब तक यूं ही जिएंगे? सरकार इस पर ध्यान दे।

- विवेखा देवी

राशन कार्ड और आधार कार्ड के अभाव में हमें सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलता। पानी और शौचालय की सुविधा न होने से जीवन बहुत कठिन है। प्रशासन से अनुरोध है कि हमारी समस्याओं का हल निकाले।

- लीला देवी

हमारी बस्ती में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। महिलाएं खुले में नहाने और शौच के लिए मजबूर हैं। राशन कार्ड न होने से अनाज नहीं मिलता। आधार कार्ड बनवाने के लिए पैसे मांगे जाते हैं। हमारी स्थिति पर ध्यान दिया जाए।

- फेंकनी देवी

महिलाओं के लिए खुले में स्नान करना बहुत शर्मनाक है। बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। राशन कार्ड और आधार कार्ड नहीं होने से योजना का लाभ नहीं मिल पाता। सरकार हम गरीबों की मदद करे।

- गीता देवी

हमारी बस्ती में न पेयजल की सुविधा है, न शौचालय। सरकारी योजनाएं सिर्फ नाम की हैं। पहचान पत्र नहीं बन पा रहे हैं। महिलाओं और बच्चों को काफी परेशानी होती है। हम चाहते हैं कि हमारी आवाज सुनी जाए।

- नंदनी कुमारी

बस्ती की हालत इतनी खराब है कि बरसात में घर डूब जाते हैं। जहरीले जीव-जंतु जान का खतरा बन जाते हैं। शौचालय और पानी की व्यवस्था नहीं है। सरकार से गुजारिश है कि इस पर तुरंत कार्रवाई हो।

- चमेली देवी

बोले जिम्मेदार

जिले में मलिन बस्तियों की समस्या पर सरकार एवं प्रशासन गंभीर है। कई बार सर्वे कराया गया है और जल्द ही इन बस्तियों में पेयजल, शौचालय, बिजली और राशन कार्ड जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में काम शुरू किया जाएगा। आधार और राशन कार्ड बनाने के लिए विशेष कैंप लगाए जाएंगे, ताकि बस्तीवासियों को सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सके। स्वच्छ भारत मिशन और नल जल योजना के तहत यहां प्राथमिकता के आधार पर विकास कार्य कराए जाएंगे। जल्द ही स्थिति में सुधार दिखेगा।

-कविता देवी, विधायक, कोढ़ा विधानसभा क्षेत्र

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