रौनक केडिया मर्डर के विरोध में भागलपुर बंद, व्यापारियों ने पुलिस को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया
व्यापारियों का कहना है कि आए दिन हो रही वारदातों की वजह से भागलपुर के कारोबारियों में डर का माहौल है। दो दिन पहले पुलिस थाने से चंद दूरी पर दवा कारोबारी रौनक केडिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई और पुलिस अभी तक एक भी अपराधी को नहीं पकड़ पाई है।
बिहार के भागलपुर में दवा कारोबारी रौनक केडिया हत्याकांड के विरोध में व्यापारियों ने शुक्रवार को बंद का आह्वान किया। इसका व्यापक रूप से असर देखा गया। शहर के कई प्रतिष्ठान शुक्रवार को बंद रहे। व्यापारियों ने धरना देकर पुलिस को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। उनका कहना है कि अगर दो दिनों के भीतर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज होगा।
भागलपुर शहर में कोतवाली थाने के पास 7 जुलाई की रात को आत्माराम मेडिकल के मालिक बलराम केडिया के पुत्र रौनक (22) की हत्या कर दी गई थी। दुकान से घर जाने के दौरान अपराधियों ने रौनक को गोली मार दी थी। इस मामले में वरीय पुलिस अधीक्षक सहित कई पुलिस अधिकारियों घटनास्थल का मुआयना कर अपराधियों को शीघ्र गिरफ़्तार कर लेने का दावा किया था, लेकिन अभी तक सभी अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
इस हत्याकांड में अभी तक एक भी हत्यारे की गिरफ्तारी नहीं होने और आए दिन व्यवसायियों के साथ हो रही वारदातों के विरोध में जिला दवा व्यवसाई संघ, ईस्टर्न बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स सहित कई व्यवसायी संगठनों ने शुक्रवार को भागलपुर बंद बुलाया। इस दौरान दवा मंडी समेत शहर की अन्य दुकानें भी बंद रहीं। खलीफाबाग चौक पर बड़ी संख्या में विभिन्न व्यावसायिक संगठनों से जुड़े सदस्य और दुकानदार सामूहिक धरना पर बैठ गए। हालांकि, सड़कों पर आटो रिक्शा, ई- रिक्शा आदि का परिचालन बंद नहीं किया गया।
भागलपुर जिला केमिस्ट एंड ड्रग एसोशिएशन एवं चैंबर ऑफ कॉमर्स के अधिकारियों ने कहा कि पुलिस थाने के निकट बीच सड़क पर कुछ अपराधी प्रमुख दवा व्यवसाई के पुत्र की हत्या कर आराम से भाग जाते हैं। मगर थाना और पुलिस गश्ती दल को मालूम नहीं होना एक आश्चर्यजनक बात है। यहीं से पुलिस की लापरवाही शुरु होती है और फिर घटना होने के 40 घंटे बीत जाने के बावजूद एक भी अपराधी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। इस हत्याकांड से जहां एक ओर पुलिस प्रशासन का चेहरा उजागर हो गया है तो वहीं शहर के सभी बड़े-छोटे व्यवसायियों मे असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो गई है। यदि इस मामले में पुलिस अति शीघ्र ठोस कार्रवाई नहीं करती है तो आंदोलन को तेज किया जाएगा।